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पहचान के मोहताज नहीं राजीव खंडेलवाल, फ़िल्म को मिल चुका ऑस्कर नॉमिनेशन
राजीव खंडेलवाल ने बतौर मॉडल अपने करियर की शुरुआत की, जिसमें एल.एम.एल. वीडियोकॉन और ग्रीन लेबल व्हिस्की जैसे ब्रांड को प्रमोट किया।
शाश्वत मिश्रा
मुंबई: टीवी जगत के अगर उन चुनिंदा लोगों का नाम लें, जिन्होंने हर घर में जगह बनाने के बाद बड़े पर्दे पर भी अपना दमखम दिखाया हो, तो उसमें अभिनेता 'राजीव खंडेलवाल' का नाम ज़रूर लिया जाएगा। ये फिल्मी और टेलीविजन जगत के जाने माने नाम हैं। इनका जन्म आज ही के दिन साल 1975 को राजस्थान के एक मारवाड़ी परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम सीएल खंडेलवाल था और माता का नाम विजयलक्ष्मी खंडेलवाल था। इनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल थे। ये अपने माता-पिता के दूसरे बेटे थे। इन्होंने केंद्रीय विद्यालय जयपुर से पढ़ाई की और सेंट जेवियर्स कॉलेज अहमदाबाद से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया।
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'कहीं तो होगा' से बस गए घर-घर में
राजीव खंडेलवाल ने बतौर मॉडल अपने करियर की शुरुआत की, जिसमें एल.एम.एल. वीडियोकॉन और ग्रीन लेबल व्हिस्की जैसे ब्रांड को प्रमोट किया। 2 साल तक मॉडलिंग करने के बाद साल 2002 में राजीव ने टीवी शो 'क्या हादसा क्या हकीकत' से टेलीविजन में डेब्यू किया। इनके अभिनय को बेहद पसंद किया जाने लगा और साल 2002 में ही बालाजी टेलिफिल्म्स के 'कहीं तो होगा' सीरियल में उन्हें काम मिल गया। 'कहीं तो होगा' में काम करने के बाद राजीव खंडेलवाल को घर-घर पहचाने जाना लगा। जिसके बाद सीआईडी, लेफ्ट एंड राइट जैसे शो से भी इन्होंने लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई।
'आमिर' से की बॉलीवुड में एंट्री
जब हौसले बुलंद हो तो मंजिल ज्यादा दूर नहीं होती, उनकी इसी मेहनत का नतीजा था कि थ्रिलर फिल्म 'आमिर' से साल 2008 में उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया। उनकी इस फिल्म ने 18 मिलियन के साथ ही साल 2008 के सारे खिताब अपने नाम कर लिए। साल 2008 में ही राजीव खंडेलवाल को 'फिल्म फेयर फॉर बेस्ट डेब्यू एक्टर' का अवॉर्ड भी दिया गया।
राजीव ने 'शान', 'विच विल यू मैरी मी', 'इश्क एक्चुअली' जैसी फिल्मों में काम किया। लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर इन सारी फिल्मों ने कुछ खास कमाल नहीं किया। साल 2013 में 'टेबल नंबर-21 फिल्म के जरिए राजीव खंडेलवाल एक बार फिर चर्चा का विषय बने, जिसमें उनके काम को काफी सराहा गया। इस फिल्म में 10.9 करोड़ का बिजनेस भी किया।
फिल्म को मिला था ऑस्कर नॉमिनेशन
फिल्मों से दूरी बनाते हुए 6 साल बाद टीवी के जरिए इन्होंने मीडिया में अपने करियर की शुरुआत डॉक्यूमेंट और डायरेक्टर के तौर पर की। इनकी डॉक्यूमेंट्री 'समर्पण' को दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया। इसके साथ ही उन्होंने 'डील या नो डील', 'सच का सामना' जैसे पॉपुलर शो को भी होस्ट किया। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि इनको वास्तविक लोकप्रियता शो होस्ट करने के दौरान मिली।
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अपनी काबिलियत के दम पर ही इनको नेशनल ज्योग्राफिक चैनल के सुपर कार शो का ब्रांड एंबेसडर भी चुना गया। साल 2019 में राजीव ने इंडो ऑस्ट्रेलिया फिल्म 'शार्ट बीच' में भी काम किया और इस फिल्म को ऑस्कर के लिए भी नॉमिनेट किया गया। भले ही इस फिल्म को ऑस्कर ना मिला हो, लेकिन क्रिटिक्स के जरिए उनकी एक्टिंग को बेहद सराहा गया था।
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