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Pankaj Tripathi Wife: पत्नी को अपना गुरु मानते हैं पंकज त्रिपाठी, जाने उनकी पत्नी मृदुला त्रिपाठी के बारे में

Pankaj Tripathi Wife: पंकज त्रिपाठी आज अपनी शादी का 17वां सालगिरह मना रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं उनके वैवाहिक जीवन के बारे में।

Priya Singh
Written By Priya Singh
Published on: 16 Jan 2022 12:48 PM GMT
Pankaj Tripathi Wife: पत्नी को अपना गुरु मानते हैं पंकज त्रिपाठी, जाने उनकी पत्नी मृदुला त्रिपाठी के बारे में
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Pankaj Tripathi Wife: पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) और मृदुला त्रिपाठी (Mridula Tripathi) की शादी 15 जनवरी, 2004 में हुई थी। यह एक लव मैरिज था। पंकज त्रिपाठी पहली बार मृदुला से उनके बड़े भाई के तिलक में मिले थें। मृदुला ने पंकज त्रिपाठी से अपनी मुलाकात के बारे में बताया कि उनके बड़े भाई की शादी हो रही थी। जिसमें मेहमान के तौर पर पंकज भी शामिल हुए थें। तिलक वाले दिन मृदुला तैयार होने के लिए छत के एक कमरे की ओर बढ़ रही थीं। तभी उनका ध्यान एक लाल बाल, भूरे आंखों वाले लड़के की ओर गई। पूरी शादी में उस लड़के की नजर उनपर टिकी रही। ये लड़का कोई और नहीं पंकज त्रिपाठी थें। उस वक्त मृदुला नौवी कक्षा में थीं और पंकज उनसे दो साल सीनियर थें।

शादी से पहले पंकज जब भी मृदुला से मिलते किताबों की बातें करते

इस बीच वो कई बार मिले। वो अक्सर किसी शांत जगह पर बैठते और ढ़ेर सारी बातें करते। अनेक किताबों, कवियों और कविताओं के बारे में चर्चा करते। ये सिलसिला कई सालों तक चला। मृदुला धीरे - धीरे बड़ी हो गईं और उनकी शादी की उम्र आ गई। मृदुला के घर वाले उनके लिए लड़के ढ़ूंढ़ने लगें। एकबार तो ऐसा हुआ कि मृदुला के भाई और भाभी पंकज त्रिपाठी को लेकर मृदुला के लिए लड़का देखने निकल पड़े। पंकज त्रिपाठी जब वहां से वापस आए, तो उन्होंने मृदुला से कहा कि लड़का तुम्हारे लायक है। तुम्हें भौतिक सुख भरपूर मिलेगा। उस समय मृदुला की हिंदी उतनी अच्छी नहीं थी। इसलिए वो समझ नहीं पाईं कि भौतिक सुख का अर्थ क्या होता है। पंकज त्रिपाठी ने उन्हें बताया कि भौतिक सुख का मतलब मैटेरियलिस्टिक हैप्पीनेस से है।

मेरी पत्नी भी मेरी गुरू ही है

उस समय पंकज त्रिपाठी की पत्नी मृदुला को एहसास हुआ कि वो कितने बेशकिमती चीज को गंवाने जा रही हैं। इसके बाद मृदुला ने तुरंत उस शादी को ठुकराने का फैसला लिया। वो मिलों चलकर इस शादी के लिए मना करने उस लड़के के घर पहुंच गईं। पंकज त्रिपाठी अपनी पत्नी मृदुला का खूब सम्मान करते हैं। एक चैट शो में उन्होंने कहा था, "मेरी पत्नी भी मेरी गुरू ही हैं। लगभग ढ़ाई करोड़ की जनसँख्या वाले मुम्बई शहर में आप नितान्त अकेले होते हैं। जब हर जगह से आपको सिवाय रिएक्शन के कुछ ना मिल रहा हो तो वो बस मेरी पत्नी होती थीं जिन्हें मैं हर रोल के लिए फिट लगता था। बस यही भरोसा था जिसके दम पर सब मुमकिन होता गया।"

पंकज की पत्नी ने उन्हें संघर्ष का एहसास नहीं होने दिया

पंकज त्रिपाठी ने अपनी अर्धांगिनी मृदुला के बारे में बात करते हुए टीवी शो केबीसी में कहा था, "मैं 2004 में मुंबई आया था और 2012 में गैंग्स ऑफ वासेपुर बना। इस आठ साल में कोई नहीं जानता था कि मैं क्या कर रहा था। जब लोग मुझसे पूछते हैं, 'आपके संघर्ष के दिन कैसे थे', तब मुझे एहसास होता है कि 'ओह, वे मेरे संघर्ष के दिन थे?' उस समय मुझे नहीं पता था कि वो एक कठिन दौर था। मुझे कठिनाई का एहसास नहीं था क्योंकि मेरी पत्नी बच्चों को पढ़ाती थी, हमारी जरूरतें सीमित थीं, हम एक छोटे से घर में रहते थे और वो कमाती थी। इसलिए मैं आसानी से रहता था। मेरे संघर्ष में, अंधेरी स्टेशन पे सोना नहीं लिखा था। यह उनकी वजह से था।"

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