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सायरा बानो ने दिवंगत पति दिलीप कुमार पर लिखी शानदार किताब, राज कपूर-देव आनंद के बारे में कही ये विवादास्पद बात
Saira Banu Book: अभिनेत्री सायरा बानो ने अपने दिवंगत पति दिलीप कुमार के बारे में एक किताब लिखी है, जिसमें उन्होंने अपने पति की सराहना करने के साथ ही राज कपूर और देव आनंद के बारे में विवादास्पद बयान दे दिया है।
Saira Banu Book: अभिनेत्री सायरा बानो (Indian Film Actress Saira Banu) ने अपने दिवंगत पति दिलीप कुमार (Dilip Kumar) को श्रद्धांजली अर्पित करते हुए उनके लिए एक पुस्तक (Saira Banu Ki Kitab) की रचना की है। पुस्तक के अंश में उन्होंने राज कपूर (Raj Kapoor) को चार्ली चैपलिन (Charlie Chaplin) की नकल करने और देव आनंद (Dev Anand) को ग्रेगरी पेक (Gregory Peck) की नकल करने की बात कही है।
बॉलीवुड (Bollywood) में भले ही अनगिनत प्रेम कहानियों ने जन्म लिया हो लेकिन एक प्रेम कहानी ऐसी है जिसकी नैसर्गिकता उसे प्रकृति से भी प्रिय बना देती है। ये प्रेम कहानी है, अभिनेत्री सायरो बानो और दिलीप कुमार (Saira Banu Dilip Kumar Ki Love Story) की। एक ऐसी प्रेम कहानी जिसके बंधन में दो प्रतिष्ठित व्यक्तित्व अपने आप को बिल्कुल स्वतंत्र महसूस करते थें। दोनों के प्रेम में भरपूर समर्पन का भाव था। परिस्थिति चाहे कितनी भी दयनीय रही हो, ये दोनों प्रेमी जोड़ा हमेशा एक - दूसरे के साथ खड़े मिलें। दोनों के प्रेम में इतनी सच्चाई थी कि सांसों की डोरियों के अलावा कोई इन्हें अलग नहीं कर पाया। साल के शुरुआत में 98 वर्ष की उम्र में दिलीप अपनी सायरो को अकेला छोड़कर चले गएं।
दिलीप कुमार पर लिख रहीं किताबें
कवि एवं लेखक गीत चतुर्वेदी (Geet Chaturvedi) ने अपनी एक पुस्तक में लिखा है, " जिसकी अनुपस्थिति में भी तुम जिससे मानसिक संवाद करते हो, उसके साथ तुम्हारा प्रेम होना तय है। भले वो सौ साल पहले क्यों न मर चुका हो।" अभिनेत्री सायरा बानो की हालत कुछ ऐसी ही है। दिलीप कुमार के जाने के बाद वो इन दिनों उनके बारे में कुछ किताबें लिख रही हैं। हाल ही में सायरा ने गोवा में चल रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) के मौके पर एक संस्मरण लिखा है। विदित हो कि दिवंगत अभिनेता को क्रिस्टोफर प्लमर, जीन-पॉल बेलमंडो, सुरेखा सीकरी, पुनीत राजकुमार और अन्य के साथ सिनेमा में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया है।
दिलीप कुमार के योगदान के बारे में कही ये बात
सायरा बानो ने दिलीप कुमार के बारे में लिखते हुए यह बताया है कि कैसे उन्होंने फिकल फिल्म उद्योग में अपना रास्ता खुद बनाया और फिल्म सिटी (Film City) जैसे कुछ महत्तवपूर्ण संस्थानों को स्थापित करने में मदद की। अभिनेत्री ने दिलीप कुमार के योगदान (Dilip Kumar Ka Yogdan) के बारे में बात करते हुए कहा, "दिलीप कुमार का सबसे बड़ा योगदान, वह बदलाव है जो उन्होंने इतिहास में ऐसे समय में लाया जब अभिनेताओं को उनके जोरदार और नाटकीय अभिनय के लिए सराहा जा रहा था।"
उन्होंने लिखा, "जब उनके दोस्त और सहयोगी कलाकार राज कपूर अभिनय के संदर्भ में महान चार्ली चैपलिन का बारीकी से पालन कर रहे थें और देव आनंद ग्रेगरी पेक के अभिनय की नकल कर रहे थें, ऐसा कोई नहीं था जिसकी ओर दिलीप इस कारण से मुड़ सकें या उन्हें इस तरह से देख सकें। क्योंकि दिलीप ने अपने स्वयं के शिक्षक बनने और अपने तरीके से खुद को ढालने का दृढ़ संकल्प लिया था। " सायरा बानो ने आगे कहा कि तब उन्हें नहीं पता था कि वह देश में तीन पीढ़ियों के अभिनेताओं के लिए आइकॉन होंगे।
इन अवार्ड से किया गया सम्मानित
दिलीप कुमार और सायरा बानो ने 1966 में शादी (Saira Banu Dilip Kumar Wedding) की। फिल्म में उनके योगदान के लिए, उन्हें 1991 में पद्म भूषण (Padma Bhushan) और 2015 में पद्म विभूषण (Padma Vibhushan) से सम्मानित किया गया, जो क्रमशः भारत का तीसरा और दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है। उन्हें 1994 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award)-सिनेमा के क्षेत्र में भारत का सर्वोच्च सम्मान- से भी सम्मानित किया गया था। दिलीप कुमार ने ना केवल फिल्म सिटी, बल्कि नेहरू सेंटर (Nehru Centre) के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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