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Bollywood Father Son Actors: बाॅलीवुड में ऐसे पापा, बेटों को फिल्मी दुनिया में उतारने के लिए बन गए निर्माता Fathers Day Special

Bollywood Father Son actors: बाॅलीवुड के वो पिता, जिन्होंने अपने बेटे के लिए खुद ही फिल्म निर्माण के क्षेत्र में उतरने का फैसला लिया और उन्हे एक बड़ा मुकाम दिया।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Shivani
Published on: 19 Jun 2021 11:04 AM GMT
Bollywood Father Son Actors: बाॅलीवुड में ऐसे पापा, बेटों को फिल्मी दुनिया में उतारने के लिए बन गए निर्माता Fathers Day Special
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Bollywood Father Son actors : हिन्दी फिल्मों (Hindi Movies) के एक सदी से अधिक के लम्बे इतिहास को देखा जाए तो न जाने कितने अभिनेता (Actor) आए लेकिन अपने बेटों को इस रुपहली दुनिया में स्थापित करने के लिए ऐसे भी पिता रहे हैं जिन्होंने अपने से अधिक बेटों के कैरियर पर ध्यान दिया, निर्माता निर्देशकों से मिन्नतें तक की। लेकिन कुछ ऐसे पिता भी रहे जिन्होंने अपने बेटे के लिए खुद ही फिल्म निर्माण के क्षेत्र में उतरने का फैसला लिया और उन्हे एक बड़ा मुकाम दिया।

राज कपूर - ऋषि कपूर (Raj kapoor- Rishi Kapoor)

ऐसे ही अभिनेता पुत्रों में सबसे बड़ा और पहला नाम आता है अभिनेता और निर्माता निर्देशक और ग्रेट शोमैन राजकूपर का जिन्होंने अपने बेटे ऋषि कपूर (Rishi Kapoor Movie) के लिए बाबी (1972) फिल्म का निर्माण किया। ऋषि कपूर और नवोदित अभिनेत्री डिम्पल कपाडिया की यह फिल्म सुपर डुपर हिट रही। बाद में उन्होंने 'प्रेमरोग'(1982) बनाकर ऋषि कपूर को फिल्म इंड्रस्टी में पूरी तरह से स्थापित करा दिया। इसके अलावा राजकपूर ने अपने बडे़ बेटे रणधीर कपूर के लिए 'कल आज और कल' तथा सबसे छोटे बेटे राजीव कपूर के लिए 'राम तेरी गंगा' मैली बनाई।

सुनील दत्त -संजय दत्त (Sunil Dutt- Sanjay Dutt)
पचास और साठ के दशक में सफल अभिनेता पिता सुनील दत्त और अभिनेत्री मां नरगिस दत्त की दिली तमन्ना थी कि उनका बेटा संजू यानी संजय दत्त भी फिल्मों में आए और उनकी तरह ही सफल हो सके। इसलिए अभिनेता सुनील दत्त ने खुद ही अपने बेटे संजय दत्त का कैरियर बनाने के लिए फिल्म निर्माण के क्षेत्र में उतरने का फैसला किया और फिल्म 'राकी'(1982) बनाई जो बेहद हिट साबित हुई। पर अफसोस इस बात का रहा कि संजय दत्त की मां नरगिस दत्त फिल्म रिलीज होने के पहले ही कैंसर के कारण दुनिया से रुखसत कर गयी।

देवानंद -सुनील आनंद (Dev Anand -Suneil Anand)
इस दौर में जब अपने बेटों को फिल्मों में उतारने का जब फैशन चला तो फिर अभिनेता देवानन्द कहां पीछे रहने वाले थें। उन्होंने भी अपने बेटे सुनील आनन्द को लेकर फिल्म 'आनन्द और आनन्द' (1984) बना डाली पर दुर्भाग्य से यह फिल्म ज्यादा चल नही सकी।


मनोज कुमार - कुणाल गोस्वामी (Manoj Kumar-Kunal Goswami)

वहीं निर्माता निर्देशक अभिनेता मनोज कुमार ने भी अपने बेटे कुणाल गोस्वामी को फिल्मों में स्थापित करने की पूरी कोशिश की। पिता मनोज कुमार ने अपने मित्र शशि कपूर से कहकर फिल्म 'घुंघुरू'(1983) में कुणाल गोस्वामी के लिए रोल दिलवाया। हांलाकि इस फिल्म का लाभ कुणाल को नहीं मिल सका। बाद में बेटे कुणाल का कैरियर बनाने के लिए मनोज कुमार ने जयहिन्द का भी निर्माण किया पर यह फिल्म भी नहीं चल सकी।


धर्मेंद्र -सनी द्योल (Dharmendra-Sunny Deol)

अस्सी के दशक में ही वर्षो तक फिल्मी दुनिया में छाए रहे अभिनेता धर्मेन्द्र ने जब देखा कि उनका बेटा अजय सिंह द्योल (सनी द्योल) भी बड़ा हो गया तो उसका फिल्मी कैरियर बनाने के लिए सफल निर्देशक राहुल रवेल को लेकर फिल्म बेताब (1983) का निर्माण कराया। यह फिल्म बेहद सफल रही। इसके बाद सन्नी द्योल ने एक से बढ़कर एक हिट फ़िल्में दी।

राकेश रोशन - ऋतिक रोशन (Rakesh Roshan-Hrithik Roshan)
फिल्मी खानदान से ताल्लुक रखने वाले राकेश रोशन का कैरियर जब खत्म होने पर आ गया तो वह फिल्म निर्माण के क्षेत्र में उतरे। वह अपनी फिल्मों में कभी जितेन्द्र तो कभी शत्रुघ्न सिन्हा आदि को लेते रहे लेकिन जब उन्हे लगा कि बेटा ऋतिक रोशन भी अब बड़ा हो गया तो फिर उन्होंने म्युजिकल फिल्म 'कहो न प्यार है' (2000) बनाई। यह फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई और ऋतिक एक सफल अभिनेता बन गए। इसके बाद उन्होंने अपनी अन्य फिल्मों में भी बेटे ऋतिक रोशन को ही लिया।

वीरू देवगन -अजय देवगन (Veeru Devgan-Ajay Devgan)
इसी तरह फिल्मों में अभिनेता बनने आए वीरू देवगन जब अभिनेता नहीं बन सके तो उन्होंने फिर फाइट डायरेक्टर के तौर पर इस दुनिया में अपना कैरियर बनाया लेकिन मन में अभिनेता बनने की ललक छिपी रही। आखिरकार उन्होंने अपने बेटे अजय देवगन को अभिनेता बनाने की ठानी और अपने मित्र कुक्कू कोहली के निर्देशन में फिल्म 'फूल और कांटे' (1992)का निर्माण कराया। इस फिल्म में वीरू देवगन ने अजय से एक से बढ़कर एक स्टंट सीन करवाए जो फिल्मी दुनिया में मील का पत्थर साबित हुए। इस कारण युवाओं के लिए अजय देवगन रोल माडल बन गए। यह फिल्म बेहद सफल रही। परिणाम यह रहा कि अजय देवगन आज भी एक सफल अभिनेता के तौर पर फिल्मी दुनिया में आज भी स्थापित हैं।

फ़िरोज़ खान - फरदीन खान (Firoz Khan-Fardeen Khan)
बेटों के कैरियर को लेकर फिल्मी दुनिया के इस दौर का असर अभिनेता फिरोज खान पर भी पड़ा तो पहले ही कई फिल्में बना चुके फिरोज खान ने अपने बेटे फरदीन खान को लेकर फिल्म प्रेम अगन (1998) नई अभिनेत्री मेघना कोठारी को लेकर निर्देशित की। पर यह फिल्म कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई। हांलाकि नए अभिनेता के तौर फरदीन खान के अलावा इस फिल्म को तीन फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा गया।


Shivani

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