TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Bollywood Ka Kala Sach: समझे हाउसफुल फिल्मों के खाली थिएटर का फंडा, कैसे होती है बल्क बुकिंग

Bollywood Ka Kala Sach : बॉलीवुड इंडस्ट्री में अब कोई भी फिल्म रिलीज होने के बाद उसकी कमाई की चर्चा होने से पहले ही एडवांस बुकिंग की चर्चा शुरू हो जाती है। एडवांस बुकिंग का यह खेल किस तरह से होता है चलिए आज आपको बताते हैं।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 17 Nov 2023 10:30 AM IST (Updated on: 17 Nov 2023 10:30 AM IST)
Understand the fund of empty theaters of housefull films
X

Understand the fund of empty theaters of housefull films

Bollywood Ka Kala Sach : बॉलीवुड इंडस्ट्री में जब भी कोई फिल्म आती है तो इसकी एडवांस बुकिंग से लेकर कमाई की तमाम रास्तों को लेकर पहले से ही काफी ज्यादा चर्चा की जाने लगती है। पहले जहां फिल्म रिलीज होने के बाद उसकी कमाई की बातें की जाती थी लेकिन अब कमाई का यह आंकड़ा फिल्म की रिलीज से पहले ही एडवांस बुकिंग के नाम पर शुरू हो जाता है। हाल ही में जब बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान की फिल्म जवान रिलीज हुई थी तो इसमें एडवांस कमाई के मामले में सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे और बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। इस बीच जब शाहरुख खान को फैंस से बात करते हुए देखा गया तो एक यूजर ने उनसे यह भी पूछ लिया था कि उनकी एडवांस कमाई के जो एडवांस टिकट बिके हैं उनमें से कितने ऑर्गेनिक हैं और कितने कॉर्पोरेट हैं। शाहरुख तो समझ ही देते हुए इन सवालों से आगे बढ़ गए थे लेकिन कहीं ना कहीं इसने बॉलीवुड के सच की पोल खोल दी है।

कॉरपोरेट बुकिंग का फंडा

कॉर्पोरेट बुकिंग को अगर आसान शब्दों में समझा जाए तो इसका मतलब हो किसी बड़ी कंपनी द्वारा अपने निजी कारणों के चलते बल्क में कोई बुकिंग करना होता है। अगर कोई बुकिंग इसी फिल्म के प्रोड्यूसर डायरेक्टर या उसी से जुड़े हुए व्यक्ति ने करवाई है तो वह कॉर्पोरेट बुकिंग कहलाती है।

अब जानें ब्लॉक बुकिंग

फिल्मों की इस एडवांस बुकिंग की कमाई के आंकड़े में ब्लॉक बुकिंग का भी एक बड़ा योगदान है। ब्लॉक बुकिंग वह कहलाती है जिसमें किसी फैमिली ग्रुप या फैंस ग्रुप या कोई छोटे ग्रुप द्वारा बुकिंग करवाई जाती है।

हाउसफुल की खुमारी

फिल्में पहले भी रिलीज होती थी जिन्हें हाउसफुल कहा जाता था। लेकिन अगर 1000 सीट में से 900 टिकट बिक गई है और 100 खाली है और उन्हें खरीद कर हाउसफुल बताया जाता था, वहां तक तो ठीक है। लेकिन अब तो कई मर्तबा पूरा थिएटर खाली पड़ा होता है और बुकिंग करने के बाद फिल्म को हाउसफुल बता दिया जाता है। अब फिल्मों के लिए यह ट्रेंड वाकई में फायदेमंद है या नहीं यह तो इंडस्ट्री में बैठे हुए लोग ही बता सकते हैं और इस बारे में अंदाजा लगा सकते हैं लेकिन कहीं ना कहीं यह दर्शकों के सामने परोसा जाने वाला एक ऐसा झूठा है जो कुछ इस तरह से सजाया जाता है कि हर कोई इसके फेर में पड़ जाता है।



\
Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

Content Writer

मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

Next Story