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Phone Bhoot Review: कैटरीना की हॉरर-कॉमेडी फ़ोन भूत देखने जा रहे हैं तो जान लीजिये फिल्म से जुडी ये बात

Phone Bhoot Review: बॉलीवुड में हॉरर-कॉमेडी फिल्मों को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है कि क्या ये फ़िल्में हॉरर और कॉमेडी के बीच सही ताल मेल बिठा पाएंगी या नहीं। आइये जानते हैं।

Shweta Srivastava
Published on: 4 Nov 2022 9:01 AM GMT
Phone Bhoot Review
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Phone Bhoot Review (Image Credit-Social Media)

Phone Bhoot Review: बॉलीवुड में हॉरर-कॉमेडी फिल्मों को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है कि क्या ये फ़िल्में हॉरर और कॉमेडी के बीच सही ताल मेल बिठा पाएंगी या नहीं। वहीँ फिल्म फ़ोन भूत इस कोशिश में कामयाब रही है। लेकिन वहीँ फिल्म जहाँ शुरुआत में काफी आपको बांधने में कामयाब रही है थोड़ी देर बाद ही क्लाइमेक्स आते आते ये फिल्म काफी बोरिंग होने लगती है।

कहानी डरावने उत्साही मेजर (सिद्धांत चतुर्वेदी) और गुल्लू (ईशान खट्टर) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो डरावनी और भयावह सभी चीजों से एक सफल करियर बनाने का प्रयास करते हैं। अपने-अपने पिता से एक अल्टीमेटम मिलने के बाद उन्हें एक हॉरर-थीम वाली पार्टी को होस्ट करना होता है जो उन्हें एक सुंदर भूत रागिनी (कैटरीना कैफ) से मिलवाता है। फिर शुरू होती है फिल्म की असली कहानी रागिनी एक बिज़नेस प्लान के साथ आती है।

वो फोन भूत नाम की एक हेल्पलाइन शुरू करने के एक विचार के साथ उनसे संपर्क करती है, जिसमें दोनों रागिनी की मदद से अपने भीतर के घोस्टबस्टर्स को समझने लगते हैं। हालांकि, रागिनी का मेजर और गुल्लू के साथ ये सब करने का एक अलग ही मकसद है। जो जल्द ही दर्शकों के सामने आ जाता है। इस तरह वो अपनी शक्तियों का उपयोग आत्माओं को उनका बदला लेने के लिए मदद करते है जो फिल्म की मुख्य थीम है।

निर्देशक गुरमीत सिंह ने एक विचित्र माहौल तैयार किया है जो निश्चित रूप से सभी डरावने प्रेमियों के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल होगा। फोन भूत की मुख्य यूएसपी इसकी संक्षिप्त गति और विशेष रूप से फिल्म के पहले भाग में इसकी मज़बूत पकड़ है। लेकिन फिल्म धीरे धीरे काफी लम्बी लगने लगती है।

कैटरीना कैफ के रसना के विज्ञापन से लेकर टाइगर श्रॉफ के डायलॉग 'छोटी बच्ची हो क्या?' तक थलाइवा रजनीकांत के लिए हर दक्षिण भारतीय की दीवानगी के लिए, फोन भूत फिल्म काफी बेहतरीन ढंग से सभी का मनोरंजन करती है । इस फिल्म में बॉलीवुड और साउथ की कई झलकियां आपको देखने को मिलेंगी जिसमे मिर्जापुर, फुकरे के विभिन्न डायलॉग्स साथ ही करण जौहर की कभी खुशी कभी गम थीम का म्यूजिक शामिल है, फिल्म सही अंतराल में इन गैग्स का प्रभावी ढंग से उपयोग करके एक कॉमिक एटमॉस्फेयर क्रिएट करने में कामयाब हुई है। लेकिन सेकेंड हाफ में फिल्म पूरी तरह से डाउनहिल हो जाती है। पटकथा प्रमुख रूप से लड़खड़ाती है और दुष्ट जादूगर आत्माराम (जैकी श्रॉफ) के साथ तीन एक्टर्स के बीच फिल्म नीचे गिरती चली जाती है। लेकिन इस बीच भी फिल्म को जो संभाले रखती है वो है ईशान खट्टर और सिद्धांत चतुर्वेदी की शानदार एक्टिंग।

हने की जरूरत नहीं है कि ईशान खट्टर और सिद्धांत चतुर्वेदी फोन भूत के स्टार्स हैं। वहीँ कैटरीना कैफ के पास एक आकर्षक स्क्रीन टाइम है, लेकिन कॉमेडी में कैट उतनी सफल नहीं साबित हो पाईं हैं।

किन्ना सोना' को छोड़कर, अन्य कोई भी गाना साउंडट्रैक एल्बम पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं डालता है, लेकिन बैकग्राउंड स्कोर मजेदार है और फोन भूत की धुन काफी फिट बनता है। हम फिल्म को 5 में से 3 स्टार देते हैं।

Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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