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भैया सल्लू, शाहरुख, आमिर नहीं, ये हैं बॉलीवुड के सबसे बड़े खान
धोती-कुरता। सिर पर लाल गमछा। आंखें हमेशा गुस्से से लाल। मस्तक पर लम्बा-सा तिलक। कमर में कारतूस की पेटी। कंधे पर लटकी बंदूक। हाथों में घोड़े की लगाम। और मुंह से आग उगलती गालियां। फिल्म शोले के गब्बरसिंह उर्फ अमजद खान ने डाकू की इस इमेज को एकदम काऊ बॉय शैली में बदल दिया।
मुम्बई: फिल्म 'शोले' की अगर बात करें तो यह फिल्म 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई थी और अब इसके रिलीज हुए 44 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी 'शोले' ने अपनी रोचकता बरकरार रखी है आपको वो मशहूर डायलाग तो याद ही होगा, “यहां से जब पच्चास-पच्चास किलोमीटर तक जब बच्चा रोता है तो मां कहती है कि बच्चा सो जा नहीं तो गब्बर आ जायेगा” जी हां गब्बर सिंह अरे! हां भाई वही... फिल्म ‘शोले’ जिसमें एक किरदार था गब्बर सिंह, जिसे निभाया था अमजद खान ने । सत्तर और अस्सी के दशक का यह एक ऐसा एक्टर था कि इसने कई बरसों से हिन्दी सिनेमा में डाकू के एक परम्परागत चेहरे को बदल कर रख दिया था।
धोती-कुरता। सिर पर लाल गमछा। आंखें हमेशा गुस्से से लाल। मस्तक पर लम्बा-सा तिलक। कमर में कारतूस की पेटी। कंधे पर लटकी बंदूक। हाथों में घोड़े की लगाम। और मुंह से आग उगलती गालियां। फिल्म शोले के गब्बरसिंह उर्फ अमजद खान ने डाकू की इस इमेज को एकदम काऊ बॉय शैली में बदल दिया।
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उसने ड्रेस पहनना पसंद किया। कारतूस की पेटी को कंधे पर लटकाया। गंदे दाँतों के बीच दबाकर तम्बाखू खाने का एक अंदाज। अपने आदमियों से सवाल-जवाब करने के पहले खतरनाक ढंग से हंसना । फिर गंदी गाली थूक की तरह बाहर फेंकते हुए साम्बा से पूछना- कितने आदमी थे?
अमजद ने अपने हावभाव, वेषभूषा और कुटिल चरित्र के जरिए हिन्दी सिनेमा के डाकू को कुछ इस तरह पेश किया कि वर्षों तक डाकू गब्बर के अंदाज में पेश होते रहे। शोले फिल्म के गब्बरसिंह को दर्शक चाहते हुए भी कभी नहीं भूल सकते।
शोले फिल्म ने ये अहसास करा दिया कि हिन्दी सिनेमा का नया विलेन आ गया है
204 मिनट की 'शोले' में 66 मिनट बाद पर्दे पर विलेन की एंट्री होती है। लेकिन एंट्री सीन को ध्यान से देखिए। लो-एंगल कैमरा, सिनेमाघर के अंधेरे में बैठे दर्शक कानों में खौफ पैदा करता लेमोटिफ ध्वनि, गब्बर की मांद में पैन करता कैमरा, पथरीले भरकों में गंदी कमीज, बढ़ी हुई दाढ़ी, खैनी चबाकर अजीब किस्म से थूकता गब्बर। पहला दृश्य ही यह एहसास करा देता है कि हिन्दी सिनेमा के नये विलेन का जन्म हो चुका है।
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ढाई के शाहरुख, सवा दो के आमिर और दो के सलमान खान उनके आगे क्या हैं
अब बात करते है गब्बर सिंह का किरदार निभाने वाले अमजद खान की इनका जन्म पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था ।अमजद खान को पहला काम फिल्म नाजनीन में मिला या फिर ये कह लीजिये कि ये सिलसिला ऐसे ही चल पड़ा। सिप्पी की शोले ने जो सितम ढाए, उसके किस्से तो अब खुदाई में भी पाए जाएंगे । लेकिन ऊपरवाले की दिल्लगी का क्या कहिए । जब सब ठीक चल रहा था तभी अमजद की बेगम सहला ने घर संभाल लिया था । घर में तीन किलकारी गूंज चुकी थीं । बड़ा बेटा शादाब फिर बेटी अहलाम और एक नन्हा बदमाश सीमाब रौनकें लगा रहे थे ।
आइए, अब अमजद खान को याद करें । उनके आखिरी सफर के साथ याद रखें कि वही सबसे बड़ा खान था । कद 6 फीट 1 इंच था । वजन 147 किलो । इतने में ढाई के शाहरुख, सवा दो के आमिर और दो के सलमान खान उनके आगे क्या हैं ?