×

एक ऐसी मॉडल की कहानी, जो रंगभेद का शिकार होते हुए बढ़ती रही आगे

डार्क स्किन वाली इस मॉडल ने दुनिया को टैलंट दिखाया और खूब सोहरत कमाई। रंगभेद का शिकार भी हुई लेकिन अपना रुतबा कायम रखा।

Network
Newstrack NetworkPublished By Ashiki
Published on: 22 May 2021 9:22 AM GMT
Naomi Elaine Campbell
X

नाओमी कैंपबेल (Photo-Social Media)

Naomi Campbell: नाओमी कैंपबेल, एक ऐसा नाम जो मॉडलिंग की दुनिया में अपना खास महत्व रखता है। यह महत्व इसलिए भी कि नाओमी का रंग उजला नहीं है। डार्क स्किन वाली इस मॉडल ने दुनिया को टैलंट दिखाया और खूब सोहरत कमाई। रंगभेद का शिकार भी हुई लेकिन अपना रुतबा कायम रखा। कम पैसे मिले लेकिन समाजसेवा में भी पीछे नहीं रही। उनका बचपन क्या था, अभी उनके लाइफस्टाइल की क्या स्थिति है और अब तक के कैरियर में कितना-कुछ कर चुकी हैं नाओमी। इसे बता रही हैं आशिकी पटेल...।

ऐसे रहा बचपन फिर बाद में...

जब नाओमी पेट में थीं तो उनके पिता ने मां को छोड़ दिया था। इस वजह से उनकी मां वैलेरी मॉरिस ने दूसरी शादी कर ली। फिर जो सौतेले पिता का सरनेम था- कैंपबेल, उसे उन्होंने अपने नाम के साथ जोड़ लिया। उनकी मां एक डांसर थीं तो उन्हें काम के चलते अक्सर बाहर रहना पड़ता था। ऐसे में नाओमी को वह कभी सौतेले पिता के पास तो कभी रिश्तेदारों के यहां छोड़ जाया करती थीं। हालांकि, अब उनके पास कई घर हैं। इन घरों में सबसे ज्यादा समुद्र के किनारे बसे इजिप्टियन आई ऑफ हॉर्स मेंशन पसंद किया जाता है। यह घर समुद्र किनारे एक द्वीप पर बसा हुआ है। 25 बेडरूम्स और पांच लॉन्ज वाले इस घर को उनके रशियन बॉयफ्रेंड ने गिफ्ट किया था।



खुद के ब्यूटी प्रोडक्ट और कुछ किताबें

बचपन के बाद बात आती है किशोरावस्था की। नाओमी जब 15 साल की थीं तभी से उनका मॉडलिंग कैरियर शुरू हो गया था। वह साल था- 1985। अपने टैलंट के दम पर आगे बढ़ती रहीं और अब तक 500 से ज्यादा मैग्जीन्स की कवर गर्ल रह चुकी हैं। साल 2011 के नाओमी कैंपबेल वाइल्ड पर्ल और 2013 के क्वीन ऑफ गोल्ड प्रोडक्ट खूब सराहे गए। ये दोनों ब्यूटी प्रोडक्ट नाओमी के स्वयं के स्वामित्व वाले थे। फिर उन्होंने चार किताबें भी लिख डाली। उनमें से दो किताबें- आई स्वान टॉप मॉडल (1994) और 2016 में नाओमी कैंपबेल ऑटोबायोग्राफी बहुत चर्चित रहे।


चैरिटी भी करती हैं नाओमी

सबसे ज्यादा चर्चित मॉडल होने के बावजूद नाओमी को नस्लभेद की लड़ाइयां लड़नी पड़ी। ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि गोरी मॉडलों की तुलना में उन्हें कम पैसे दिए जाते रहे। इतना सब होने के बावजूद नाओमी चैरिटी भी बहुत करती हैं। 2008 में भारत में किए गए मुंबई हमले में उन्होंने 41 करोड़ रुपये दान किए थे। वहीं उन्होंने ब्राजील वासियों के लिए साल 2005 में एक चैरिटी फंड बनाया, जिसे नाम दिया गया- वी लव ब्राजील। साल 1999 में नाओमी ने नशे की लत से बचाने को प्रमोट करने के लिए रिहैब सेंटरों में जा चुकी हैं। इसके अलावा वह ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस कैंपेन का हिस्सा रह चुकी हैं। साथ ही उन्होंने नेल्सन मंडेला चिल्ड्रेंस फंड में भी भागीदार बन चुकी हैं।

Ashiki

Ashiki

Next Story