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Chhaava Movie Story: संभाजी महाराज कौन थे, जिनके जीवन पर बनी है विक्की कौशल की छावा मूवी

Who Was Chhatrapati Sambhaji Maharaj: छावा मूवी में विक्की कौशल ने निभाया छत्रपति संभाजी महाराज का किरदार, चलिए जानते हैं कौन हैं संभाजी महाराज

Shikha Tiwari
Published on: 13 Feb 2025 8:06 AM IST
Chhaava Movie Sambhaji Maharaj
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Who Was Chhatrapati Sambhaji Maharaj (Image Credit- Social Media)

Chhaava Movie Story: मैडॉक फिल्म भारत के सबसे महान योद्धाओं में से एक छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे संभाजी महाराज की कहानी को बड़े पर्दे पर लेकर आ रही है। इस फिल्म में संभाजी महाराज का किरदार विक्की कौशल निभा रहे हैं। तो वहीं रश्मिका मंदाना संभाजी जी महाराज की पत्नी की भूमिका में हैं। और अक्षय खन्ना औरंगजेब की भूमिका में हैं। फिल्म वेलेंटाइन डे के अवसर पर यानि 14 फरवरी 2025 को रिलीज होने जा रही है। फिल्म के रिलीज होने से पहले चलिए जान लेते हैं कौन थे संभा जी महाराज जिनके जीवन पर आधारित हैं छावा मूवी

छत्रपति संभाजी महाराज कौन थे (Who Was Chhatrapati Sambhaji Maharaj)-

छत्रपति शिवाजी महाराज के बड़े बेटे का नाम संभाजी महाराज था। संभाजी महाराज 1681 में अपने सौतेले भाई राजाराम के साथ खूनी उत्तराधिकारी युद्ध के बाद सत्ता में आए थे। वह मुगल शासक औरंजजेब (1618-1707) के समकालीन थे। अपने साम्राज्य दक्कन की ओर बढ़ाने की उनकी योजना के कारण वह ज्यादातर लड़ाइयों और संघर्ष से जूझते रहे। कहा जाता है कि वह एक बहादुर योद्ध, कुशल प्रशासक और बुद्धिमान रणनीतिकार थे। उनके शासनकाल में उनका मुगलों, पुर्तगालियों और अंग्रेजों

के खिलाफ संघर्ष हुआ। हालांकि संभाजी कुछ वर्षो तक मुगल सेनाओं के विरूद्ध कई प्रसिद्ध किलों की रक्षा करने में सक्षम रहे। उन्होंने मराठा साम्राज्य की नौसेना को भी मजबूत किया। संभाजी महाराज को उनकी वीरता और बलिदान के लिए धर्मवीर की उपाधि दी गई है।

संभाजी महाराज का जन्म 14 मई 1657 को महाराष्ट्र के पुरंदर किला में हुआ था। उनकी माँ का नाम सईबाई थी। महारानी सईबाई निंबालकर छत्रपति शिवाजी महाराज की पहली पत्नी थी। उनका विवाह शिवाजी महाराज से 14 मई 1640 को लाल महल, पुणे में हुआ था। सईबाई से शिवाजी को चार संताने हुई, जिनमें वीर संभाजी महाराज भी शामिल थे। संभाजी का विवाह राजनीतिक गठबंधन के तहत जिवुबाई से हुआ था। महाठा रीति-रिवाज के अनुसार उन्होंने अपना येसुबाई रख लिया। जिवुबाई पिलाजी शिर्के की बेटी थी, जो देशमुख सूर्याजी सुर्वे की हार के बाद शिवाजी की सेवा में

शामिल हुए थे। इस विवाह ने शिवाजी को कोंकण तटीय क्षेत्र एक पहुँच प्रदान की, येसुबाई के दो बच्चे थे, बेटी भावनी बाई और फिर एक बेटा जिसका नाम शाहू प्रथम था। जो बाद में मराठा साम्राज्य का छत्रपति बना। उन्होंने कई सालों तक औरंगजेब को टक्कर ही नहीं दी बल्कि उसके कई मंसूबों पर पानी भी फेरा औरंगजेब के आदेश पर उनकी क्रूरतापूर्वक हत्या 11 मार्च 1689 को हुई। 1689 में जब वह संगमेश्र्वर में थे, तब गद्दार गणोजी शिर्के की मदद से मुगलों ने उन्हें पकड़ा।

औरंगजेब ने उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने का आदेश दिया, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया, इसके बाद उन्हें 40 दिनों तक भयंकर यातनाएं दी गई, आखिरकार उनकी क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी गई। संभाजी की मृत्यु के बाद मराठा साम्राज्य में अव्यवस्था फैल गई, उनके छोटे सौतेले भाई राजाराम प्रथम ने गद्दी संभाली, राजाराम ने मराठा राजधानी को दूर दक्षिण में जिंजी स्थानांतरित कर दिया। संभाजी की मृत्यु के कुछ दिनों बाद राजधानी रायगढ़ किला

मुगलों के हाथों में चला गया। संभाजी की विधवा येसुबाई, पुत्र शाहू को पकड़ लिया गया। शाहू पकड़े जाने के समय सात वर्ष का था। वह औरंगजेब की मृत्यु तक 18 सालों तक मुगलों का कैदी रहा। संभाजी की लेखन में रूचि थी, अपने जीवनकाल में उन्होंने कई पुस्तकें लिखीं, सबने उल्लेखनीय है संस्कृत में लिखी गई बुद्धभूषण, इसके अलावा उन्होंने तीन अन्य पुस्तकें नायिकाभेद, सातशतक, नखशिखा भी लिखी, बुद्धभूषणम में संभाजी ने राजनीति पर कविता लिखी, एक राजा क्या करें और क्या न करे, इस बारे में लिखा, सैन्य रणनीति पर चर्चा की है।



Shikha Tiwari

Shikha Tiwari

Senior Content Writer

मनोरंजन की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनानी है, इसलिए मैं हमेशा नई-नई स्किल सीखने और अपने काम को बेहतर बनाने में लगी रहती हूँ।

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