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क्या आपने सुना धीरे-धीरे सॉन्ग का संस्कृत वर्जन, भूल जाएंगे हिंदी बोल
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लखनऊ: संस्कृत को देव भाषा कहा जाता है, लेकिन आज ये भाषा चलन में बहुत कम है। इसका इस्तेमाल केवल धार्मिक पसमारोहों तक रह गया है। हालांकि इस भाषा के पुनरुत्थान के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। कहते है कि संस्कृत बोलने से लोग संस्कारी होते हैं।जब ऐसा है तो इसके बावजूद लोग संस्कृत क्यों नहीं सीखना चाहते हैं।
खैर कारण जो भी हो, अाप अब भी संस्कृत सीख सकते हैं और अगर आप म्यूजिक के फैन है तो आपके लिए अच्छी खबर है। अभी हाल ही में 'बतंगड़' नाम के एक फेसबुक पेज है, जिस पर एक वीडियो अपलोड किया गया है, जो 'धीरे-धीरे से मेरी ज़िंदगी में आना' गाने का संस्कृत वर्ज़न है। इसका ऐसा प्रयोग किया गया है कि संस्कृत टफ से कूल लगने लगी है और यकीन मानिए आपको ये संस्कृत वर्जन हनी सिंह के वीडियो और कुमार सानू के गाने से भी अच्छा लगेगा।
आगे की स्लाइड्स में सुनिए धीरे-धीरे से गाने का कूल संस्कृत वर्जन
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आगे की स्लाइड्स में सुनिए धीरे-धीरे से गाने रैप वर्जन
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आगे की स्लाइड्स में सुनिए धीरे-धीरे से गाने का ओरिजनल वर्जन
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अब इन तीनों वर्जन को सुनकर खुद डिसाइड करें कि आपके दिल के करीब कौन सा वर्जन है।
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