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'पद्मावती' विरोध के चलते खुद को इस देश का नागरिक कहने पर शर्मिदा है यह डायरेक्टर
मुंबई: फिल्मकार नीरज घेवन का कहना है कि उन्हें खुद को एक ऐसे देश का नागरिक कहने में शर्मिदगी महसूस हो रही है, जहां लोग राष्ट्रीय टेलीविजन पर कलाकारों को धमकी देने के बाद खुले आम घूमते हैं। चर्चित फिल्म 'मसान' को बनाने वाले नीरज से बुधवार को उनकी लघु फिल्म 'जूस' की स्क्रीनिंग के दौरान संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' को लेकर मचे विवाद के बीच फिल्मकार की रचनात्मक स्वतंत्रता को लेकर सवाल किया गया था।
उन्होंने कहा, "मैं खुद को इस देश का नागरिक कहने पर भयभीत और शर्मिदा हूं क्योंकि एक व्यक्ति राष्ट्रीय टेलीविजन पर आकर यह घोषणा करता है कि वह दीपिका (अभिनेत्री दीपिका पादुकोण) की नाक या सिर काटने पर पांच करोड़ रुपए देगा और फिर यह प्रस्ताव 10 करोड़ रुपए तक चला जाता है। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं होती है।"
उन्होंने कहा, "यह वाकई दुर्भाग्यपूर्ण है और यह एक दुखद स्थिति है जिसका हम सामना कर रहे हैं।"
'एस दुर्गा' और 'न्यूड' इन दो फिल्मों को भारत के 48वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह (आईएफएफआई) से बाहर रखने के सवाल पर नीरज ने कहा, "मुझे लगता है हम सब दबाव महसूस कर रहे हैं। एस दुर्गा और न्यूड को आईएफएफआई में इजाजत नहीं दी गई और यह कुछ ऐसा है जिस पर हमें सवाल करना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "लेकिन, सबसे ज्यादा मुझे इस बात ने दुखी किया है कि देश की सबसे बड़ी अभिनेत्री को राष्ट्रीय चैनल पर इस तरह धमकाया जाता है और ऐसा करने वाले व्यक्ति को न ही गिरफ्तार किया गया और न ही कोई कार्रवाई हुई। और, यह सब एक काल्पनिक महिला की प्रतिष्ठा को बचाने के लिए किया गया। यह कैसा विडंबनापूर्ण समय है?"
-आईएएनएस