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Oscar Award : मानवीय संवेदनाओं की कहानी है 'द शेप ऑफ वॉटर'

seema
Published on: 9 March 2018 9:58 AM GMT
Oscar Award : मानवीय संवेदनाओं की कहानी है द शेप ऑफ वॉटर
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भारत समेत दुनिया के ज़्यादातर मुल्कों में शायद इस वक्त की सबसे बड़ी लड़ाई पहचान की है। मेक्सिको से लेकर भारत के उत्तर पूर्व में गोरखालैंड की मांग करने वालों तक। ऐसे में मेक्सिको के डायरेक्टर गीएर्मो डेल टोरो की फिल्म 'द शेप ऑफ वॉटर का ऑस्कर अवॉर्ड्स में 13 नामांकन मिलना और बेस्ट फिल्म समेत चार ऑस्कर अवॉर्ड जीतना स्वभाविक है।

फिल्म की कहानी 1960 के दौर की है, जब सोवियत संघ और अमरीका के बीच शीतयुद्ध चल रहा था। फिल्म की मुख्य किरदार एलिसा (सैली हॉकिन्स) गूंगी है जो अमेरिका में बल्टीमोर की एक खुफिया हाई सिक्योरिटी सरकारी लैब में सफाई का काम करती है। इस लैब में एलिसा के साथ जेल्डा (ओक्टेविला स्पेंसर) भी काम करती है। जेल्डा के अलावा एलिसा पड़ोस में रहने वाले कलाकार जाइल्स (रिचर्ड जेनकिन्स)को जानती है। यही दो लोग एलिसा के अपने हैं।

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इन लोगों के अतीत की कहानी की झलक भी फिल्म में मिलती है। जिस लैब में एलिसा काम करती है, वहां एक वैज्ञानिक डॉक्टर हॉफस्टेटलर (माइकल स्टूलबर्ग) भी है। डॉक्टर हॉफस्टेटलर असल में रूसी जासूस होता है। फिल्म का पांचवां और सबसे अहम किरदार बाकी सबसे बिलकुल अलग है। ये पांचवां किरदार है लैब के एक टैंक में रहने वाला जलीय जीव। इस किरदार को निभाया है डग जोन्स ने। ये जलीय जीव जिंदगी और भावनाओं को समझता और जानता है। फिल्म में एक संवाद है, जिसे एलिसा संकेतों के जरिए कहती है- 'जब वो मुझे देखता है, और जैसे वो मुझे देखता है, तब वो नहीं जानता कि मुझमें क्या कमी है। कि कैसे मैं अधूरी हूं। वो मुझे वैसे ही देखता है जैसी मैं हूं।

इस जलीय जीव को एक नदी से आर्मी ऑफिसर (माइकल शैनन) पकड़कर बंदी बना लेता है। इस जीव के बारे में फिल्म में ये दिखाया जाता है कि वो नदी के किनारे बसे कबीलों का देवता है। जाहिर है इस जीव को लैब में टॉर्चर किया जाता है। इस जलीय जीव से एलिसा की करीबियां बढ़ती हैं और फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है। एलिसा फिल्म में इस जलीय जीव को बचाने की कोशिशें करती हुई नजर आती है। वह कभी इस जलीय जीव को अपने बाथटब में छिपाती है तो कभी कहीं और। यह जीव एलिसा को यह अहसास कराता है कि वह खास और प्यार किए जाने के योग्य है। जीव और एलिसा के बीच भावनात्मक लगाव ही इस फिल्म की यूएसपी है जिसे फिल्म के डायरेक्टर ने बेहद खूबसूरती से पर्दे पर उतारा है। कुछ समय बाद वह जीव और एलिसा एक दूसरे से प्यार करने लगते हैं।

एलिसा उस जीव को अपने बाथटब में नमक के पैकेट के साथ रखती है और सोचती है कि बाद में उसे समुद्र में छोड़ देगी। समय के साथ एलिसा को पता चलता है कि उस समुद्री जीव में रहस्यमयी शक्तियां हैं। एलिसा अपने बाथरूम में उस जीव के साथ सेक्स भी करती है। कुछ समय बाद जीव की तबीयत बिगडऩे लगती है तो वह उसे समुद्र में छोडऩे के लिए जाती है लेकिन कर्नल स्ट्रिकलैंड उन्हें ढूंढ लेता है। कर्नल स्ट्रिकलैंड एलिसा और उस जीव पर गोली चलाता है लेकिन जीव पर गोली का कोई फर्क नहीं पड़ता और वह कर्नल को मार देता है। इसके बाद वह जीव एलिसा को समुद्र में ले जाता है और जैसे ही वह एलिसा के घावों को भरता है तो वह अपने गलफड़ों से सांस लेने लगती है। फिल्म में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि इसके बाद एलिसा हमेशा उस जीव के साथ समुद्र में खुशहाल जीवन गुजारती है।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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