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बुरी फंसीं 'बबीता जी', इस मामले को लेकर उनपर हुई एफआईआर
टीवी के मशहूर कॉमेडी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' फेम बबीता जी उर्फ मुनमुन दत्ता अपने लुक्स को लेकर आए दिन सुर्खियों में रहती हैं।
नई दिल्लीः टीवी के मशहूर कॉमेडी शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' फेम बबीता जी उर्फ मुनमुन दत्ता अपने लुक्स को लेकर आए दिन सुर्खियों में रहती हैं। लेकिन इस बार वो किसी ऐसे वाकये को लेकर सुर्खियों में हैं जिसका किसी को अंदाजा नहीं था। अपनी एक गलती को लेकर मुनमुन दत्ता बुरी फंसती नजर आ रही हैं।
मुनमुन द्वारा कुछ दिन पहले एक वीडियो में इस्तेमाल 'जातिसूचक शब्द' 'भंगी' को लेकर वह बुरी फंसती नजर आ रही हैं। अब इस मामले को लेकर उनपर एक एफआईआर दर्ज हुई है। यह शिकायत दलित अधिकार कार्यकर्ता रजत कलसन ने हरियाणा के हांसी में दर्ज करवाई है।
बता दें कि सोशल मीडिया पर मुनमुन द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में मुनमुन को अपने मेकअप के बारे में बात करते हुए देखा गया। उस वीडियो में वह फैंस को बता रही हैं कि वो यूट्यूब पर कैसी दिखना पसंद करती हैं। वहीं वीडियो में बोलते बोलते बबीता जी की ज़ुबान फिसलती दिखी और उन्हें 'जातिसूचक शब्द' 'भंगी' का इस्तेमाल करते सुना गया। जैसे ही ये वीडियो पोस्ट हुआ, मुनमुन के फैंस उनकी आलोचना करने लगे। देखते ही देखते ये मसला आग की तरह सोशल मीडिया पर फैल गया।
ट्रेंड करने लगा #ArrestMunmunDutta
इस मामले को लेकर कई लोगों ने आवाज़ उठाई और मुनमुन दत्ता की आलोचना करने लगे। इसी बीच एक हैशटैग #ArrestMunmunDutta भी सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा। यूज़र्स ने कहा कि मुनमुम दत्ता पर एससी एसटी ऐक्ट के तहत केस दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी हो।
सोशल मीडिया पर उठे इस तूफान का ऐक्ट्रेस मुनमुन को जल्द ही आभास हो गया और उन्होंने इसके लिए माफीनामा भी जारी किया। उन्होंने ट्विटर पर अंग्रेज़ी और हिंदी में एक माफीनामा जारी किया जिसमें लिखा था, "यह एक वीडियो के संदर्भ में है, जिसे मैंने कल पोस्ट किया था, जहाँ मेरे द्वारा इस्तेमाल किए गए एक शब्द का गलत अर्थ लगाया गया है। यह अपमान, धमकी या किसी की भावनाओं को चोट पहुँचाने के इरादे से कभी नहीं कहा गया था। मेरी भाषा के कारण, मुझे सही मायने में इस शब्द के अर्थ के बारे में गलत जानकारी थी। एक बार जब मुझे इसके अर्थ से अवगत कराया गया, तो मैंने तुरंत उस भाग को निकाल दिया है। मेरा हर जाति, पंथ व लिंग से हर एक व्यक्ति के लिए अत्यंत सम्मान है और समाज या राष्ट्र में उनके अपार योगदान को मैं स्वीकार करती हूँ। मैं ईमानादारी से हर एक व्यक्ति से माफी माँगना चाहती हूँ, जो शब्द के उपयोग से अनजाने में आहत हुए हैं और मुझे उसके लिए खेद है।"