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B'DAY: एहसास को अल्फाजों से किया 'गुलजार', हर नज्म से हुआ लोगों को प्यार

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Published on: 18 Aug 2017 6:32 AM GMT
BDAY: एहसास को अल्फाजों से किया गुलजार, हर नज्म से हुआ लोगों को प्यार
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लखनऊ: हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,

वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते।

जिस की आवाज़ में सिलवट हो निगाहों में शिकन,

ऐसी तस्वीर के टुकड़े नहीं जोड़ा करते।

ऐसे ही ना जाने कितने ही नगमों का जो अनोखा तोहफा गुलजार साहब ने दुनिया वालों को दिया है, उसे शायद ही लोग कभी भुला पाएंगे। वैसे तो ना जाने कितने ही लोग अल्फाजों को पिरोते हैं, लेकिन गुलजार साहब एहसास को पिरोते हैं। उनके जितना प्यार शायद ही किसी और को मिला हो। कहते हैं कि प्यार करने वाले अपने प्यार का इजहार करने के लिए आज भी उनके ही नगमों का सहारा लेते हैं।

मोहब्बत की खामोशी को भी शब्दों का नाम देने वाले यह महान शायर, निर्देशक व नज्म लेखक आज 83वां जन्मदिन मना रहे हैं। इनका पूरा नाम संपूर्ण सिंह कालरा है। गुलजार के रूप में अपना पहला गाना सचिन देव बर्मन की फिल्म बंदिनी में लिखा था। गुलजार साहब के बारे में लिखा जाए, तो शायद अल्फाज कम हो जाएंगे। इसलिए हम आपको उनके कुछ ऐसे नगीने सुनाते हैं, जिन्हें सुनकर आपको उनके लिए दीवानगी और बढ़ जाएगी। ये नगमें ना केवल हिट हुए बल्कि लोगों की जुबां पर रट गए हैं।

आगे की स्लाइड में सुनिए गुलजार साहब की दिल छूने वाली नज्में

सौजन्य: यूट्यूब

आगे की स्लाइड में देखिए फेमस नज्म 'मोरा गोरा अंगा लई ले'

सौजन्य: यूट्यूब

आगे की स्लाइड में देखिए फेमस नज्म 'आ जिंदगी गले लगा ले'

सौजन्य: यूट्यूब

आगे की स्लाइड में देखिए फेमस नज्म 'तुझसे नाराज नहीं जिंदगी'

सौजन्य: यूट्यूब

आगे की स्लाइड में देखिए फेमस नज्म 'चप्पा चप्पा चरखा चले'

सौजन्य: यूट्यूब

आगे की स्लाइड में देखिए फेमस नज्म 'मेरा कुछ सामान '

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आगे की स्लाइड में देखिए फेमस नज्म 'बोल न हल्के-हल्के'

सौजन्य: यूट्यूब

आगे की स्लाइड में देखिए फेमस नज्म 'कजरे'कजरा रे'

सौजन्य: यूट्यूब

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