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पापा से झूठ बोलकर शुरू की एक्टिंग, आज एक एपिसोड की इतनी फीस लेते हैं हप्पू सिंह उर्फ योगेश

Manali Rastogi
Published on: 12 Aug 2018 12:48 PM IST
पापा से झूठ बोलकर शुरू की एक्टिंग, आज एक एपिसोड की इतनी फीस लेते हैं हप्पू सिंह उर्फ योगेश
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मुंबई: एंड टीवी के लोकप्र‍िय शो 'भाबीजी घर पर हैं' के सबसे चर्च‍ित कलाकार हप्‍पू सिंह को आज कौन नहीं जानता है। 'अरे दादा..', प्रेग्‍नेंट बीवी और नौ-नौ ठईया बच्‍चे जैसे डायलॉग्‍स से दर्शकों को गुदगुदाने वाले दरोगा हप्‍पू सिंह का असली नाम योगेश त्र‍िपाठी है। योगेश त्रिपाठी 39 साल के हो चुके हैं। इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं उनके बारे में कुछ खास बातें-

पिता से झूठ बोलकर की एक्टिंग

योगेश का झांसी से मुंबई तक का सफर इतना आसान नहीं रहा है। इस सफर में तमाम बाधाएं आई हैं, लेकिन योगेश ने हार नहीं मानी। वो बचपन से एक अभिनेता बनना चाहते थे, लेकिन उनके पिता चाहते थे वह उनकी तरह एक टीचर बने। लेकिन योगेश ने अपने पिता से कोचिंग में जाने के बहाने झूठ बोलकर एक थिएटर ज्वॉइन कर लिया। प‍िता को पता न चले कि उन्‍होंने नाटक मंडली ज्‍वॉइन की है इसके लिए उन्होंने झूठ बोला कि वो कोचिंग जाते हैं।

पेपर ने किया खुलासा

एक दिन जब योगेश ने मंच पर नाटक किया और अगले दिन उसकी खबर छपी तो न्यूज पेपर में योगेश की तस्‍वीर छप गई। इसके बाद वो तस्‍वीर उनके पिता ने देख ली और सारी पोल खुल गई। इसके बाद उनके पिता कुछ दिनों तक उनसे नाराज रहे। बीएससी पूरे होने के बाद योगेश ने एनएसडी की कुछ वर्कशाप अटेंड की और फिर 2005 में वे फिर से मुंबई आ गए| तकरीबन दो साल तक लगातार ऑडिशन देने और रिजेक्ट होने के बाद उन्‍हें कुछ विज्ञापन में काम मिला था।

इसके बाद उन्‍हें सबसे पहले सब टीवी के शो एफआईआर में काम करने का मौका मिला और यहीं से उनका काम नोटिस होना शुरू हुआ। 2015 में एंड टीवी के शो 'भाबीजी घर पर हैं' में दरोगा हप्पू सिंह के रोल के ल‍िए उन्‍हें चुना गया। इस रोल ने मानो उनकी किस्मत ही बदल दी।

एक एपिसोड के लेते 35 हजार

'भाबीजी घर पर हैं' के एक एपिसोड के लिए योगेश त्र‍िपाठी 35 हजार रुपए फीस लेते हैं। आपको बता दें कि इस शो को कोई भी एपिसोड हप्‍पू सिंह के सीन के बिना पूरा नहीं होता है। दर्शकों को भी उनके सीन का बेसब्री से इंतजार रहता है।

सीरियल में हप्‍पू सिंह जिस भाषा में बोलते हैं वो बुंदेलखंडी है और इसे वह इतने शानदार तरीके से इसलिए बोल लेते हैं क्‍योंकि वह खुद बुंदेलखंड से आते हैं। घुइयां, चिरांद, न्‍यौछावर जैसे शब्‍द उनके मुंह से सुनने में बेहद प्र‍िय लगते हैं। लखनऊ में बीएससी की पढ़ाई के दौरान वो कोचिंग क्‍लास का बहाना लगाकर थ‍िएटर जाते थे। मुंबई जाने के बाद कई बार ऐसा हुआ कि उन्‍हें स्‍टेशन पर अपनी रात बितानी पड़ी।



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Manali Rastogi

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