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Birthday Special: जब एक प्रोड्यूसर ने एक जावेद अख्तर के मुंह पर फेंक दिया था कागज

हिंदी सिनेमा में गीतकार जावेद अख्तर का योगदान यादगर रहा है। जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में हुआ और वह आज 74 वर्ष के हो गए हैं। जावेद अख्तर का नाम आज फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गजों में शामिल है, लेकिन सफलता पाने के लिए उन्होंने सालों संघर्ष किया।

Dharmendra kumar
Published on: 17 Jan 2019 7:26 AM GMT
Birthday Special: जब एक प्रोड्यूसर ने एक जावेद अख्तर के मुंह पर फेंक दिया था कागज
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मुंबई: हिंदी सिनेमा में गीतकार जावेद अख्तर का योगदान यादगर रहा है। जावेद अख्तर का जन्म 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में हुआ और वह आज 74 वर्ष के हो गए हैं। जावेद अख्तर का नाम आज फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गजों में शामिल है, लेकिन सफलता पाने के लिए उन्होंने सालों संघर्ष किया।

पिता हिंदी सिनेमा के फेमस गीतकार थे

जावेद के पिता जान निसार अख्तर हिंदी सिनेमा के फेमस गीतकार थे और उनकी मां सैफिया अख्तर गायिका-लेखिका थीं। इससे पता चलता है कि वो एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते थे जहां हर कोई शब्दों से खेलता था।

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जावेद अख्तर ने की है दो शादी

जावेद का बचपन बड़ी मुश्किल में बीता, छोटी उम्र में ही मां का आंचल सिर से उठ गया और उसके बाद वह लखनऊ में कुछ समय अपने नाना-नानी के घर पर रहे। बाद में उन्हें अलीगढ़ में अपने खाला के घर भेज दिया गया, जहां के स्कूल में उनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई हुई। जावेद ने दो विवाह किए हैं। उन कि पहली पत्नी से दो बच्चे हैं फरहान अख्तर और जोया अख्तर। जावेद को भारत सरकार ने 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया।

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जावेद अख्तर बहुत ही कम उम्र से लिखने लगे थे, एक इंटरव्यू में जावेद बताते हैं कि स्कूल के समय लोग उनसे लव लेटर लिखवाने आया करते थे। आज जावेद लेखन की दुनिया में एक सितारा हैं लेकिन हिंदी फिल्म जगत में उन्हें काम पाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। जावेद को फिल्मों में क्लैपर ब्वॉय का काम मिल गया।

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लिखे गीत आज भी यादगार

जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब वो एक दफा स्क्रिप्ट लेकर किसी प्रोड्यूसर के पास गए। प्रोड्यूसर को उनकी लेखनी इतनी बुरी लगी कि उस प्रोड्यूसर ने उनके मुंह पर कागज फेंक कर कहा, तुम जिंदगी में कभी लेखक नहीं बन सकते। 1965 में अपने करियर की शुरुआत करने वाले जावेद अख्तर ने अपने करियर में शानदार फिल्में दी हैं। उनके लिखे गीत आज भी यादगार हैं।

Dharmendra kumar

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