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होली स्पेशल: हिन्दी फिल्मों के ये होली गीत, सबसे पहले आते हैं याद, देखें लिस्ट

सत्तर और अस्सी के दशक में तो फिल्मों में होली गीतों की अहमियत इतनी बढ़ गयी थी कि लगभग हर साल एक दो फिल्मों में होली गीत हुआ करता था।

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Published on: 25 March 2021 7:17 AM GMT
होली स्पेशल: हिन्दी फिल्मों के ये होली गीत, सबसे पहले आते हैं याद, देखें लिस्ट
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होली स्पेशल: हिन्दी फिल्मों के ये होली गीत, सबसे पहले आते हैं याद, देखें लिस्ट (PC: social media)

श्रीधर अग्निहोत्री

नई दिल्ली: होली का त्यौहार आते ही पास पड़ोस में इस त्यौहार पर बनाए गए फिल्मी गीतों की धुनें सुनाई देने लगी है। वाकई में देखा जाए तो वर्षों पुराने यही गीत होली की मस्ती में झूमने के लिए लोगों में उत्साह भरने का काम करते हैं। आज कल की फिल्मों में भले ही होली के गीतों को महत्व मिल पर रहा हो पर पिछली सदी में फिल्मों में होली गीतों का इस्तेमाल खूब हुआ करता था।

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सत्तर और अस्सी के दशक में तो फिल्मों में होली गीतों की अहमियत इतनी बढ़ गयी थी कि लगभग हर साल एक दो फिल्मों में होली गीत हुआ करता था। 1975 में आई फिल्म शोले का होली गीत जहां 45 साल भी आज बड़े शौक से सुना जाता है वहीं मदर इंडिया का होली गीत 63 साल भी सुपर हिट बना हुआ है। इसी तरह कोहिनूर, फागुन, नवरंग, और सिलसिला आदि के होली गीत हर बार त्यौहार में कहीं न कहीं सुनाई ही पड़ जाते हैं। आईए आपको बताते हैं होली के इन गीतो के बारे में...

होली आई रे कन्हाई (मदर इंडिया)

1957 में आई फिल्म मदर इंडिया का गीत होली आई रे कन्हाई शमशाद बेगम और लता मंगेशकर के गाए इस गीत को फिल्म में सुनील दत्त, नरगिस दत्त, राजकुमार, राजेन्द्र कुमार और अभिनेत्री अजरा पर फिल्माया गया था। गीत में सुनील दत्त के बचपन को रोल निभाने वाले बाल कलाकार साजिद खान का एक मिनट का नृत्य लोगों को आज भी बहुत भाता है।

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अरे जा रे हट नटखट न छू मेरा घूंघट (नवरंग)

1959 में व्ही शांताराम की फिल्म नवरंग का अरे जा रे हट नटखट न छू मेरा घूंघट गीत उस दौर का फिल्माया गया बेहतरीन गीत था। गीतकार भरत व्यास और संगीतकार सी रामचन्द्र के संगीतबद्व किया गया यह गीत उस दौर का चमत्कारिक गाना था। जिसमें व्ही शांताराम की पत्नी और फिल्म अभिनेत्री संघ्या ने परम्परागत भारतीय लोकनृत्य का अद्भुद प्रदर्शन किया था। यह गीत बुजुर्गों का आज भी प्रिय गीत हैं।

आज न छोड़ेंगे बस हमजोली खेलेंगे हम होली (कटी पतंग)

1971 में आई शक्ति सामंत की कटी पंतग फिल्म के इस गीत की खासियत गीत में उतार-चढ़ाव का होना है। किशोर कुमार और लता मंगेशकर के पार्श्व स्वर में जब परदे पर इसे राजेश खन्ना गाते हैं तो गीत गतिमान होता है और जब आशा पारेख गाती है तो इसकी गति धीमी हो जाती है। होली के इस गीत को हुडदंग वाले गीत की श्रेणी में रखा जाता है।

पिया संग होली खेलूं फागुन आयो रे (फागुन)

1973 में आई फागुन फिल्म में यह गीत धर्मेन्द और वहीदा रहमान पर फिल्माया गया था। परम्परागत भारतीय परिधान में सजी वहीदा रहमान का परदे पर गाया गीत आज भी सुपरहिट है। राजेन्द्र सिंह बेदी की इस फिल्म में लता मंगेशकर के गाए और मजरूह सुल्तानपुरी के लिखे गीत तथा एसडी बर्मन के स्वरबद्ध किए कर्णप्रिय संगीत के साथ इसे फिल्माया गया है। यह गीत में किसी भोले भाले दम्पत्ति की याद दिलाता है।

होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग (शोले)

1975 में आई प्रोड्युसर जीपी सिप्पी और निर्देशक रमेश सिप्पी की फिल्म शोले का यह मस्ती भरा गीत आज भी सुपर हिट गीतों की श्रेणी में आता है। किशोर कुमार और लता मंगेशकर के गाए तथा धर्मेन्द्र और हेमामालिनी पर फिल्माए गए इस गीत में नायक और नायिका का मस्ती भरा अंदाज होली खेलने वालों के मन में रंग तरंग भरने का काम करता है।

रंग बरसे भीगे चुनर वाली रंग बरसे (सिलसिला)

1981 में यश चोपड़ा निर्देशित फिल्म सिलसिला का यह गीत पहले से ही लोकगीत के तौर पर गांव देहातों में गाया जाता था लेकिन जब सुपर स्टार अमिताभ बच्चन के कवि पिता हरिवंश राय बच्चन के नाम से जब यह गीत शिव-हरि ने स्वरबद्व किया और परदे पर अमिताभ बच्चन संजीव कुमार रेखा और जया बच्चन पर फिल्माया गया तो यह गीत बेहद हिट हो गया।

जोगी जी धीरे- धीरे (नदिया के पार)

1982 में गोबिन्द मुनीस के निर्देशन में बनी नदिया के पार फिल्म पूरी तरह से ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म थी। कई वर्षो बाद किसी हिन्दी फिल्म में होली के गीत को देहात के माहौल में फिल्माया गया था। रविन्द्र जैन के गीत और संगीत से बने इस गीत को सचिन और नवोदित अभिनेत्री साधना सिंह पर फिल्माया गया था।

सात रंग में खेल रही हैं दिल वालों की टोली रे (आखिर क्यों)

1985 में जे ओमप्रकाश निर्देशित इस फिल्म का यह गीत स्मिता पाटिल टीना मुनीम और राकेश रोशन पर फिल्माया गया था। गीतकार आनन्द बख्शी और लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के संगीत से सजे गीत का फिल्मांकन बेहतरीन ढंग से किया गया है। जिसे आज भी लोग बडे़ ही मगन होकर देखते और सुनते हैं।

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होली आई देखो होली आई रे (मशाल)

1984 में आई यश चोपड़ा की फिल्म का यह गीत अनिल कपूर, रति अग्निहोत्री पर फिल्माया गया पूरी मस्ती से भरा हुआ है। किशोर कुमार, महेन्द्र कपूर और लता मंगेशकर के गाए इस गीत को हदयनाथ मंगेशकर ने लिपिबद्ध किया था। गीत में पुरानी हिट जोडी दिलीप कुमार और वहीदा रहमान का होली खेलना लोगों को आज भी खूब भाता है।

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डू मी फेवर लेट्स प्ले होली (वक्त)

2005 में आई फिल्म वक्त (नई) का यह गीत अक्षय कुमार और प्रियंका चोपड़ा पर फिल्माया आधुनिक गीत है। विपुल शाह निर्देशित श्वक्तश् का यह होली गीत बेहद दिलकश और मनमोहक अंदाज में फिल्माया गया है। इसे सुनिधि चौहान और संगीतकार अनु मलिक ने परदे के पीछे गाया है। युवाओं का यह मनचाहा होली गीत कहा जाता है।

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