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पद्म विभूषण से सम्मानित किये जा चुके हैं मशहूर संगीतकार इलैयाराजा, जानें उनके जीवन से जुड़ी खास बातें

Ilaiyaraaja: साउथ के मशहूर संगीतकार इलैयाराजा दक्षिण भारतीय सिनेमा के अलावा बॉलीवुड में भी अपनी खास पहचान रखते हैं।

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Newstrack NetworkPublished By Ashiki
Published on: 1 Jun 2021 10:10 PM IST (Updated on: 1 Jun 2021 10:18 PM IST)
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इलैयाराजा (फाइल फोटो- सौ. सोशल मीडिया )

Ilaiyaraaja: साउथ के मशहूर संगीतकार इलैयाराजा दक्षिण भारतीय सिनेमा (south indian cinema) के अलावा बॉलीवुड (Bollywood) में भी अपनी खास पहचान रखते हैं। 77 के इलैयाराजा ने अब तक करीब 6500 गानों की धुनों को तैयार किया है। साथ ही लगभग 1000 फिल्मों में संगीत दिया है। उन्होंने सदमा, चीनी कम, महादेव, पा और हे राम जैसी हिंदी फिल्मों में संगीत दिया है। इलैयाराजा के जन्मदिन के अवसर पर आईये जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी खास बातें.....

शरुआती जीवन

भारतीय फिल्मों के संगीतकार, गीतकार और गायक इलैयाराजा का जन्म 2 जून 1943 में तमिलनाडु के एक माध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। इलैयाराजा ने धनराज मास्टर जी से संगीत की शिक्षा ली है। उनकी पत्नी का नाम जीवा है, साल 2011 में उनका निधन हुआ था। इलैयाराजा के तीन बच्चे हैं और तीनों ही संगीत के क्षेत्र में कम करते हैं।

पहला जगजीत सिंह सम्मान

गजल सम्राट जगजीत सिंह की स्मृति में शुरू किया गया पहला जगजीतसिंह सम्मान दक्षिण के जाने-माने संगीतकार इलैयाराजा को दिया गया था। इसके अलावा साल 2015 में अमिताभ बच्चन, रजनीकांत और कमल हासन ने इल्लैया राजा को 1000 फ़िल्मों में संगीत देने के लिए सम्मानित किया था। दक्षिण भारतीय संगीत में पाश्चात्य संगीत लाने का श्रेय भी इलैयाराजा को ही जाता है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित

सिनेमाजगत में इलैयाराजा के योगदान के लिए उन्हें मार्च 2018 में देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इलैयाराजा को इस अवॉर्ड से नवाजा था।

ए आर रहमान भी इलैयाराजा को मानते हैं अपना गुरु

ऑस्कर अवॉर्ड विजेता संगीतकार ए आर रहमान इलैयाराजा को अपना गुरु मानते हैं। ए आर रहमान ने भी इलैयाराजा के साथ शुरुआती दौर में संगीत की बारीकियां सीखी थीं। कहा जाता है कि ए. आर. रहमान के पिता इलैयाराजा के साथ काम करते थे उस दौरान ए. आर. रहमान सिर्फ संगीत की आवाज सुनने के लिए उस्ताद के रिकॉर्डिंग स्टूडियो के नीचे घंटो खड़े रहते थे।

इलैयाराजा की खास उपलब्धियां

आपको बता दें कि इलैयाराजा अभी भी अपने पुराने हारमोनियम का उपयोग करते हैं। अपने पुराने हारमोनियम के साथ ही उन्होंने अपने पूरे करियर में 7000 से अधिक गाने बनाए हैं। 1986 में, इलैयाराजा फिल्म विक्रम के लिए कंप्यूटर के माध्यम से भारतीय फिल्मी गाने रिकॉर्ड करने वाले पहले भारतीय संगीतकार बने। इतना ही नहीं निर्देशक आर. के. सेल्वमनी का दावा है कि उनकी फिल्म चेम्बरुथी (1992) के लिए इलैयाराजा ने केवल 45 मिनट में नौ गीतों की रचना की थी, जो एक रिकॉर्ड है।

इलैयाराजा ने किसी कॉर्पोरेट के लिए अपनी पहली रचना में 2019 में हिंदुस्तान कोका-कोला बेवरेजेज (एचसीसीबी) के लिए एक एंथम की रचना की थी। इतना ही नहीं इलैयाराजा ने 1996 के मिस वर्ल्ड ब्यूटी प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रमों के लिए संगीत तैयार किया है जो भारत के बैंगलोर में आयोजित किया गया था।

इसके अलावा इलैयाराजा ने एक नए कर्नाटक राग का आविष्कार किया है जिसे 'पंचमुखी' के नाम से जाना जाता है, जिसे संगीत के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्यों में से एक माना जाता है। 1984 की मलयालम भाषा की फिल्म माई डियर कुट्टीचथन का स्कोर और साउंडट्रैक, भारत में बनी पहली त्रिविम 3डी फिल्म, उनके द्वारा रचित थी।

उन्होंने फिल्म नायकन (1987) के लिए साउंडट्रैक की रचना की, एक भारतीय फिल्म जिसे टाइम पत्रिका ने सर्वकालिक 100 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक के रूप में स्थान दिया गया।

मई 2020 में उन्होंने फ्रंट लाइन वर्कर्स को श्रद्धांजलि के रूप में 'भारत भूमि' नामक मानवता पर एक गीत की रचना की, जो कोरोना महामारी के बीच महत्वपूर्ण रूप से काम कर रहे हैं। इस गाने को लोकप्रिय पार्श्व गायक एस पी बालासुब्रमण्यम द्वारा गाया गया था और वीडियो गीत का आधिकारिक तौर पर इलैयाराजा ने अपने YouTube चैनल के माध्यम से 30 मई 2020 को तमिल और हिंदी दोनों भाषाओं में अनावरण किया था।

इलैयाराजा के कुछ चुनिंदा गाने





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