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साहिर लुधियानवी : जिसने हमें बताया 'ये देश है वीर जवानों का'

Rishi
Published on: 25 Oct 2018 5:29 PM IST
साहिर लुधियानवी : जिसने हमें बताया ये देश है वीर जवानों का
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लखनऊ : हर दिल अजीज़ शायर साहिर लुधियानवी का जन्म 8 मार्च, 1921 को पंजाब के लुधियाना शहर में हुआ था। साहिर का असली नाम अब्दुल हई था। 25 अक्टूबर, 1980 के दिन साहिर ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

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  1. अब्दुल के पिता फज़ल मोहम्मद ने 12 औरतों से निकाह किया था। अब्दुल 11वीं बीवी के बेटे थे।
  2. फज़ल मोहम्मद का अपनी बेगमों से व्यवहार ठीक नहीं था ऐसे में अब्दुल की मां ने उनसे तलाक ले लिया।
  3. साहिर का अर्थ होता है जादूगर। ये नाम उन्हें इकबाल की एक नज़्म से मिला। इसके बाद उन्होंने साहिर और लुधियानवी को आपस में जोड़ दिया।
  4. साहिर को अमृता प्रीतम से शदीद इश्क था। लेकिन मजहबी दीवारों ने उन्हें एक नहीं होने दिया।
  5. साहिर की शायरी का रूसी, अंग्रेजी और कई भाषाओं में अनुवाद किया गया।
  6. पंजाब दंगों के दौरान साहिर लाहौर चले गए। वहां पर सवेरा मैगजीन में एडिटर के तौर पर काफी काम किया।
  7. पाकिस्तान में उन्होंने सरकार की कड़ी आलोचना की। सरकार को पसंद नहीं आया और वारंट जारी कर दिया गया।
  8. साहिर दिल्ली आकर बस गए। लेकिन उन्हें पेट भरने के लिए छोटी नौकरियां भी करने पड़ती।
  9. इसके बाद साहिर मुंबई चले गए। लेकिन काफी समय तक फिल्मों में गीत लिखने का कोई मौका उन्हें नहीं मिला।
  10. 1945 में उन्होंने आजादी की राह पर फिल्म के लिए गीत लिखे।
  11. साहिर लता मंगेशकर से 1 रूपया ज्यादा लेते थे। इस बात से नाराज लता साहिर के गीत नहीं गातीं थीं। काफी समय तक ये नाराजगी रही। लेकिन फिर बी आर चोपड़ा के समझाने पर लता साहिर के गीत गाने लगीं।

ये भी उनका ही अंदाज ए बयां है

ये महलों, ये तख़्तों, ये ताजों की दुनिया

ये इनसां के दुश्मन समाजों की दुनिया

ये दौलत के भूखे रिवाज़ों की दुनिया

ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है

चलो इक बार फिर से

अजनबी बन जाएं हम दोनों

जाने वो कैसे लोग थे जिनके

प्यार को प्यार मिला

ये देश है वीर जवानों का



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Rishi

Rishi

आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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