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बोर्निला चटर्जी के लिए आसान नहीं था नसीरुद्दीन को रोल के लिए तैयार करना

स्वतंत्र फिल्मकार बोर्निला चटर्जी ने कई सारी परियोजनाओं को बखूबी अंजाम तक पहुंचाया है, चाहे यह कोई लघु फिल्म हो या फीचर फिल्म। लेकिन जब उनकी भारतीय

tiwarishalini
Published on: 5 Nov 2017 4:55 PM IST
बोर्निला चटर्जी के लिए आसान नहीं था नसीरुद्दीन को रोल के लिए तैयार करना
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धर्मशाला: स्वतंत्र फिल्मकार बोर्निला चटर्जी ने कई सारी परियोजनाओं को बखूबी अंजाम तक पहुंचाया है, चाहे यह कोई लघु फिल्म हो या फीचर फिल्म। लेकिन जब उनकी भारतीय फीचर फिल्म 'द हंग्री' में काम करने के लिए अनुभवी अभिनेता नसीरुद्दीन शाह को तैयार करने की बात आई, तो यह काम उनके लिए बहुत आसान नहीं था।

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उल्लेखनीय है कि 100 मिनट की फिल्म शेक्सपियर की कृति 'टाइटस एंड्रोनिकस' को आधुनिक भारत के अनुरूप पेश करती है, जहां एक असाधारण शादी में अंधाधुंध भ्रष्टाचार, लालच और बदले की भावना दिखाई देती है। इस फिल्मी रूपांतरण में खलनायक टिमोरा को तुलसी के रूप पेश किया गया है, जिसकी भूमिका टिस्का चोपड़ा ने निभाया है, और टाइटस को टाइटस के रूप में ही पेश किया गया है, जिसका किरदार नसीरुद्दीन शाह ने निभाया है।

चटर्जी ने धर्मशाला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के छठे संस्करण के अवसर पर आईएएनएस से कहा, "उन्हें समझाना दिलचस्प था, क्योंकि वह जब हमसे पहली बार मिले तो उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि शेक्सपियर ने जो टाइटस लिखा है, वह सबसे बुरा है। तो इस पर काम करना क्यों चाहते हो' और हमें लगा कि शायद मुलाकात सही नहीं रही।"

उन्होंने कहा, "जब हम उनके घर गए तो वह बैठे हुए थे और नाटक पढ़ चुके थे। इसलिए हमने इस बारे में थोड़ी बात की और उन्होंने वही सवाल किया। हमने कहा, 'अच्छी मुलाकात रही और यह बोलकर चले आए कि स्क्रिप्ट छोड़ रहे हैं, अगर पढ़ सकें तो पढ़ लें।' कुछ घटों बाद उन्होंने संदेश भेजा कि उन्हें स्क्रिप्ट पसंद है और इस पर काम करेंगे।"

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उन्होंने कहा, "हर किसी को थोड़ा समझाना तो पड़ता ही है, जो आवश्यक भी है, बल्कि यह प्रक्रिया का हिस्सा है।"

शेक्सपियर की भद्दी कहानी चुने जाने के बारे में उन्होंने कहा, "इस फिल्म के बारे में ख्याल 2015 में लंदन में आया, जब वहां शेक्सपियर के 400 वर्ष का जश्न बनाया जा रहा था। उन्होंने दरअसल फैसला किया था कि वे शेक्सपियर के एक नाटक के भारतीय रूपांतरण को वित्तीय सहायता देने जा रहे हैं, क्योंकि भारत में शेक्सपियर के नाटकों के रूपांतरण को लेकर अपार रुचि है। वे किसी स्वतंत्र छोटी बजट की फिल्म का वित्तपोषण करना चाहते थे। इस तरह 'द हंग्री' बनी।"

उन्होंने कहा कि यह फिल्म और संदर्भ आज के माहौल के साथ बहुत प्रासंगिक है।

चार दिवसीय धर्मशाला अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह, 2017 रविवार को संपन्न हुआ।

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tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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