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लता का ये राज कोई नहीं जानता होगा, बहन ने बताया तो दंग रह गए सभी
लता मंगेशकर का आज बेहद खास दिन है। जीं अगर नहीं जानते है तो जान लीजें कि आज सुरों की मल्लिका का जन्मदिन है। पूरे महकमें को महकाने की शक्ति रखने वाली लता ने अपनी आवाज के जादू से सभी के दिलों को तो जीता ही है इसके साथ ही उनके इन सदाबहार गाने को हर पीढ़ी गुनगुनाती है।
मुंबई : लता मंगेशकर का आज बेहद खास दिन है। जीं अगर नहीं जानते है तो जान लीजें कि आज सुरों की मल्लिका का जन्मदिन है। पूरे महकमें को महकाने की शक्ति रखने वाली लता ने अपनी आवाज के जादू से सभी के दिलों को तो जीता ही है इसके साथ ही उनके इन सदाबहार गाने को हर पीढ़ी गुनगुनाती है।
जो सुन ले एक बार, वो गाए बार-बार
लता मंगेशकर ने सबसे पहले 13 साल की उम्र में अपना पहला गाना गाया था। लता ने इंडस्ट्री को ऐसे नग्मे दिया ऐसे गाने दिए जिनको एक बार सुनकर जी ही नही भरता।
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लता मंगेशकर की छोटी बहन आशा को भी फेमस सिंगर्स की लिस्ट में गिना जाता है। लेकिन इसके साथ ही दोनों बहनों पर कई तरह की चर्चाएं भी होती रहती हैं। इन चर्चाओं के चलते लता पर आरोप लगे हैं कि वह कभी भी नहीं चाहती थीं कि आशा को उनसे अधिक कामयाबी मिले।
लता की बहन मीनाताई ने मीडिया से हुए इंटरव्यू में बताया कि लता मंगेशकर पर इसके साथ ये आरोप भी लगते हैं कि वो आशा हो या दूसरे सिंगर उन्हें आगे नहीं बढ़ने देना चाहती थीं।
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जिनके चाहने वाले होते है उनके दुश्मन भी होते है...
आगे उनसे पूछा गया कि वो इंडस्ट्री में बस अपना आधिपत्य चाहती थीं? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ''नहीं। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। एक आर्टिस्ट के जितने चाहने वाले होते हैं उसके दुश्मन भी होते हैं। वो लोग चाहते थे कि ये दोनों बहनें अलग हो जाएं। इसीलिए झगड़ा लगवाते थे।''
''लोगों को कुछ तो चाहिए, इसका नाम है इसे बदनाम कर दो। बाकी कुछ नहीं। अब आशा की शादी हो गई, तो हमारे घर में तो आकर नहीं रह सकती थीं। दोनों बहनों ने कभी एक दूसरे के बारे में बुरा नहीं सोचा। दोनों का प्यार अभी भी वैसा ही है।''
अभी भी हम साथ हैं...
मीनाताई से पूछा गया कि लता मंगेशकर सब कुछ पा चुकी हैं, लेकिन क्या उनकी कोई हसरत कोई ख्वाहिश बची है? इसके जवाब में मीनाताई ने बताया,'' नहीं, सब कुछ तो मिला है उन्हें, अभी भी उनका नसीब इतना अच्छा है कि हम लोग सब साथ में हैं। लोग कितना भी कुछ कहें कि आशा दूर हो गई। हम लोग सब साथ में हैं और क्या चाहिए। मैं चाहती हूं कि दीदी सौ साल की हों और हम पर उनका हाथ बना रहे।''
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लता मंगेशकर और आशा को लेकर इसी तरह की कई चर्चाएं बीच-बीच में उठती रहती थी, पर इस पर उनका है कि ये तो दुनिया है और फिर वही बात है कि कुछ तो लोग कहेंगें, लोगों का काम है कहना।