×

B'DAY: कौन करता था लता मंगेशकर का पीछा, किससे की थी उन्होंने शिकायत?

suman
Published on: 27 Sept 2016 3:51 PM IST
BDAY: कौन करता था लता मंगेशकर का पीछा, किससे की थी उन्होंने शिकायत?
X

lata-12

मुंबई : सुरों की मल्लिका, स्वर कोकिला लता मंगेश्कर की आवाज कानों में अमृत घोलने का काम करती है। उनकी मीठी आवाज और सुरों का जादू देश ही नहीं, दुनिया में भी किसी पहचान की मोहताज नहीं है। फिल्म इंडस्ट्री में लगभग 6 दशक से अपने सुरों का जादू बिखेर रही लताजी ने 30 से अधिक भाषाओं में गाने गाए हैं। आज वो जिस मुकाम पर हैं उसके सपने हर सिंगर देखना चाहता है।उनकी आवाज को लेकर विज्ञान ने भी कह दिया कि इतनी सुरीली आवाज न कभी थी और न कभी होगी।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें हेमा से कैसे बनी लता...

lata-34

हेमा से लता बन गई

28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर में एक मराठी फैमिली में लता मंगेशकर का जन्म हुआ था। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर रंगमंच के कलाकार थे। 5 भाई-बहनों में लताजी सबसे बड़ी थी। पहले उनका नाम हेमा था बाद में 5 साल की उम्र में उनका नाम बदलकर हेमा रख दिया गया।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें कब से सिंगर बनने की सोची...

latan23

बचपन से सिंगर बनने की तमन्ना

लता जी के पिता नहीं चाहते थे कि वे फिल्मों में गाना गाए। वो पिता के साथ थिएटर जाया करती थी। मीना, आशा, उषा और हृदयनाथ मंगेशकर लताजी से छोटे हैं। जब लता 7 की थी तब वो महाराष्ट्र आईं। लता ने छोटी उम्र से पिता के साथ एक रंगमंच कलाकार के रूप में एक्टिंग करना शुरू कर दिया था, लेकिन वो बचपन से ही सिंगर बनना चाहती थीं। इसलिए वे बॉलीवुड में गाना चाहती थी। उनके पिता शास्त्रीय संगीत के पक्षधर थे, इसीलिए शायद वे लताजी के फिल्मों में गाने के खिलाफ थे। साल 1942 में उनके पिता का देहांत हो गया। इसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति को संभालने के लिए लता मंगेशकर ने मराठी और हिंदी फिल्मों में छोटे-छोटे करने शुरु कर दिए।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें लता मंगेशकर की पहली कमाई कितनी थी...

lata1

25 रुपए थी पहली कमाई

लताजी की पहली कमाई 25 रुपए थी। उन्हें पहली बार स्टेज पर गाने के लिए 25 रुपये मिले थे। इसे ही वो अपनी पहली कमाई मानती हैं। लताजी ने पहली बार 1942 में मराठी फिल्म 'किती हसाल' के लिए गाना गाया। लताजी के साथ उनके भाई हृदयनाथ मंगेशकर और बहनें उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंसले ने संगीत को ही अपने करियर के रूप में चुना। लता जी के तरह ही आशा भोसले भी फिल्म गायन की में सबसे बड़ा योगदान रहा है।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें लता मंगेशकर को पहला ब्रेक किसी किस हिंदी फिल्म में मिला...

lata-5

हिंदी फिल्मों में गाने का पहला ब्रेक

हिंदी फिल्मों में हैदर ने लता को 'मजबूर' (1948) पहला ब्रेक दिया। पहले वे नूरजहां की स्‍टाइल में गाने गाती थीं, मगर बाद में खुद की आवाज बना ली। 1949 में आई फिल्‍म 'महल' में मधुबाला के लिए गाया हुआ एक गाना काफी लोकप्रिय हुआ। वह गाना था- 'आएगा आने वाला...'। लताजी ने हर दौर के संगीतकारों के साथ गाने गाए जिसमें अनिल बिश्‍वास, शंकर-जयकिशन, नौशाद अली, एसडी बर्मन, मदन-मोहन सहित कई दिग्‍गज संगीतकारों केनाम आते है।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें लता मंगेशकर ने क्यों नहीं की शादी...

lata

लता ने इसलिए नहीं की शादी

लता जी ने ताउम्र शादी नहीं की है। इसके पीछे वजह उनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारिया रही है। लेकिन ऐसी बात नहीं कि वो शादी नही करना चाहती थी । जब लता जी से ये सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि परिवार की जिम्मेदारियों को संभालते-संभालते कब शादी की उम्र निकल गयी पता ही नहीं चली। सहते है कि लता जी बचपन में कुंदनलाल सहगल की एक फिल्म चंडीदास देखकर कहती थीं कि वो बड़ी होकर सहगल से शादी करेंगी। वहीं बाद में उन्होंने शादी ही नहीं की। इस पर उनका कहना है कि घर के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी उन पर थी, ऐसे में जब शादी का ख्याल आता भी तो वह उस पर अमल नहीं कर सकती थीं।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें लता-आशा जी के बीच के संबंधों के बारे में....

lata2

आशा भोसले के साथ संबंध

लता मंगेशकर ने एक बहन के तौर पर आशा भोसले का हरदम साथ दिया है। पर पेशेवर दुनिया में आशा जी ने खुद पनी पहचान बनाई है। वो भी तब जब गीता दत्त, शमशाद बेगम और लता मंगेशकर का संगीत की दुनिया में धाक थी। एक ओर जहां लता मंगेशकर की आवाज में सुरीलापन और रुमानियत का अहसास था तो आशा भोसले की आवाज में अपनी तरह का बिंदासपन और नटखटपन मौजूद था। लेकिन जब भी इन दोनों बहनों ने एक साथ मिलकर गाना गाया। इतिहास ही रच दिया। चाहे वो मेरे महबूब में क्या नहीं, क्या नहीं और मैं चली, मैं चली जैसे गाने हो या फिर मन क्यों बहका रे बहका आधी रात को सब सदाबहार है और रहेंगे।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें हेमा से कैसे बनी लता...

lata

उनके नाम से दिए जाते हैं अवॉर्ड

एक वे एकमात्र ऐसी शख्सियत है जिनके नाम पर अवॉर्ड दिए जाते हैं। उन्होंने अपने करियर में जो भी गाने गाए है वो एवरग्रीन और ऑल टाइम फेवरेट रहे है। उनके मधुर गीत लोगों का ध्यान खींचने में बखूबी भूमिका निभाते हैं। आज भी वह अपना स्वर्णिम दौर जी रही हैं, क्योंकि शायद ही कोई ऐसा होगा जो उनके गीतों पर मुग्ध न जाए। गीत का नाम सुनते ही लता का नाम खुद ही सभी की जुबां पर आ जाता है। उनकी कोयल सी मधुर आवाज ने सैकड़ों फिल्मों के गीतों को अमर बनाया है।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें लता जी को कौन-कौन से सम्मान मिले....

lata-mangeshkar

लता मंगेशकर जी को संगीत में महत्‍वपूर्ण योगदान देने के लिए पद्मभूषण, पद्मविभूषण, दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड, महाराष्‍ट्र भूषण अवॉर्ड, भारतरत्‍न, 3 राष्‍ट्रीय फिल्‍म अवॉर्ड, 12 बंगाल फिल्‍म पत्रकार संगठन अवॉर्ड और 1993 में फिल्‍म फेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्‍कार सहित कई अवॉर्ड जीत चुकी हैं। बाद में नए कलाकारों को आगे मौका मिल सके इसके लिए लता-आशा दोनों बहनों कई अवॉर्ड से अपने नाम हटा लिए। लता ने 1948 से 1989 तक 30 हजार से ज्‍यादा गाने गाए हैं, जो एक रिकॉर्ड हैं।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें लता मंगेशकर ने देशवासियों से क्या अपील की है...

lata-rekha

इस बार लता जी ने अपने 87वें जन्मदिन पर फैंस से खास गुजारिश की है। उन्होंने अपने करोड़ों प्रशंसकों और संगीत प्रेमियों से उनके जन्मदिन पर सीमा पर रखवाली कर रहे बहादुर सेना के जवानों को याद करने और उनके लिए दान करने की अपील की है।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें लता मंगेशकर का कौन करता थी पीछा....

kishor-kumar

लता जी का पीछा किया था किशोर दा ने...

वैसे तो लता मंगेशकर के जीवन में बहगुत उतार चढ़ाव आए और बहुत से लोगों से मिला, लेकिन उनकी किशोर कुमार से मुलाकात के किस्से थोड़े हटकर है।लताजी ने बताते हुए कहा था कि बांबे टॉकीज की फिल्म जिद्दी के गाने की रिकॉडिंग के लिए जब वे एक लोकल ट्रेन से सफर कर रही थी तो उन्होंने पाया कि एक शख्स भी उसी ट्रेन मे सफर कर रहा है। बाद में स्टूडियों जाने के लिए जब उन्होंने तांगा लिया तो देखा कि वह शख्स भी तांगा लेकर उसी ओर आ रहा है।जिस ओर वो जा रही थी। वे डर गईं कि उनका कोई पीछा कर रहा है इसको लेकर दोनों की अनबन हो गई। इसकी शिकायत खेमचंद जी से करी तो उन्होंने बताया कि ये शख्स किशोर कुमार हैं।



suman

suman

Next Story