TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

लैला डीजांसी ने कहा- घाना की महिलाओं की आवाज और पहचान है ‘लाइक कॉटन ट्वाईंस’

‘लाइक कॉटन ट्वाईंस’ एक सोशल ड्रामा है जो घाना के दूर-दराज के एक गांव से संबंधित है। इसमें तुईगी नामक एक 14 वर्षीया लड़की की कहानी दी गई है, जिसे त्रोकोसी बनाया जाना है। त्रोकोसी घाना के जनजातीय समुदायों में प्रचलित एक सामाजिक परिपाटी है, जिसके तहत युवा लड़कियों को देवताओं की दासी बनाया जाता है।

tiwarishalini
Published on: 24 Nov 2016 6:25 PM GMT
लैला डीजांसी ने कहा- घाना की महिलाओं की आवाज और पहचान है ‘लाइक कॉटन ट्वाईंस’
X

लैला डीजांसी ने कहा- घाना की महिलाओं की आवाज और पहचान है ‘लाइक कॉटन ट्वाईंस’

पणजी : समीक्षकों द्वारा प्रशंसित घाना की फिल्‍म लाइक कॉटन ट्वाईंसकी टीम ने आज गोवा में भारत अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव, 2016 में फिल्म के बारे बताया।

क्यों खास है लाइक कॉटन ट्वाईंस

लाइक कॉटन ट्वाईंस एक सोशल ड्रामा है जो घाना के दूर-दराज के एक गांव से संबंधित है। इसमें तुईगी नामक एक 14 वर्षीया लड़की की कहानी दी गई है, जिसे त्रोकोसी बनाया जाना है। त्रोकोसी घाना के जनजातीय समुदायों में प्रचलित एक सामाजिक परिपाटी है, जिसके तहत युवा लड़कियों को देवताओं की दासी बनाया जाता है। ऐसा इस मान्‍यता के तहत किया जाता है कि उनके परिवार वालों द्वारा किए जाने वाले पापों का प्रायश्‍चित हो जाए।

फिल्‍म में मिकाह ब्राउन नामक एक अफ्रीकी-अमेरिकी स्‍वयंसेवी के बारे में दिखाया गया है,जो तुईगी के गांव में पढ़ाता है। वह परंपरा से हटकर तुईगी को एक नया जीवन देने के लिए चर्च, सरकार और इतिहास के साथ संघर्ष करता है।

फिल्‍म निर्माण के बारे में घाना मूल की अमेरिकी निदेशक लैला डीजान्‍सी ने बताया कि फिल्‍म की कहानी विभिन्‍न देशों में होने वाले उनके अनुभवों पर आधारित है। यह फिल्‍म 20 सालों से उनके दिल के नजदीक थी और इसे बनाने में 8 साल लगे। निर्माण के दौरान उनके दल को तमाम कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। दल के सामने सामाजिक बुराइयों से लेकर वित्‍तीय संकट तक आए। यह फिल्‍म दुनिया भर की और खास तौर से घाना की प्रताड़ित महिलाओं की अस्‍मिता के लिए संघर्ष करती है।

‘लाइक कॉटन ट्वाईन्‍स’ को हाल में संपन्‍न हुए सवान्‍नाह फिल्‍म फेस्‍टिवल में ‘नैरेटिव फीचर’के लिए सर्वोच्‍च पुरस्‍कार दिया गया था।

अगली स्लाइड में जानिए कौन हैं लैला डीजांसी ?

कौन है लैला डीजांसी

डीजांसी घाना मूल की अमेरिकी निदेशक हैं, जिन्‍होंने 19 साल की कम आयु में ही घाना में अपना करिअर शुरू किया था। उन्‍होंने 2009 में पहली बार फिल्‍म का निर्देशन किया था और उन्‍हें अफ्रीकन अकादमी पुरस्‍कारों के लिए 11 बार नामित किया गया। उन्‍हें सर्वश्रेष्‍ठ फिल्‍म के लिए विशेष ज्‍यूरी पुरस्‍कार मिला था। इसके अलावा उन्‍हें पैन अफ्रीकन फिल्‍म में बीएएफटीए/एलए च्‍वाइस पुरस्‍कार भी प्रदान किया गया है।

घाना में व्‍याप्‍त नस्‍लवाद से संबंधित एक प्रश्‍न का उत्‍तर देते हुए फिल्‍म की सह-निर्माता अकोफा डीजानकुई ने कहा कि घाना में आज भी नस्‍लवाद की सामाजिक बुराई मौजूद है। उन्‍होंने कहा कि वे आशा करती हैं कि फिल्‍म से लोगों को शिक्षित करने में मदद मिलेगी और वे औपनिवेशिक अतीत की इस बुराई को त्‍याग देंगे।

फिल्‍म की एक अन्‍य निर्माता व्‍हिटनी वालसिन ने कहा कि कई दशकों से अमेरिका जैसे देश में भी नस्‍लवाद मौजूद है। उन्‍होंने कहा, ‘हम प्रगति कर रहे हैं, लेकिन अभी बहुत लंबा रास्‍ता तय करना है। उम्‍मीद की जाती है कि हमारी फिल्‍म ज्यादा से ज्‍यादा लोगों तक पहुंचेगी और लोगों की सोच में सकारात्‍मक बदलाव लाएगी।’

tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

Next Story