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रिव्यू:मणिकर्णिका में कंगना रनौत ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के किरदार को जीवंत किया

suman
Published on: 25 Jan 2019 2:54 PM IST
रिव्यू:मणिकर्णिका में कंगना रनौत ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के किरदार को जीवंत किया
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जयपुर: कंगना रनौत की फिल्म मणिकर्णिका झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के जीवन पर आधारित फिल्म है। जब वो अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद गई थीं। बचपन आप लोगों ने किताबों और टीवी सीरियल्स में कई बार झांसी की रानी लक्ष्मी बाई को देखा होगा। एक बार फिर झांसी की रानी की एक छवि कंगना रनौत ने 'मणिकर्णिकाः द क्वीन ऑफ झांसी' में भी लेकर आई हैं। फिल्म में कंगना रनौत ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के किरदार को एक बार फिर जिंदा कर दिया है। बड़ी ही खूबसूरती से इस किरदार को परदे पर उतारा है। फिल्म रिव्यू की बात करें तो एक्टिंग दमदार है लेकिन स्क्रिप्ट और डायरेक्शन में थोड़ी सी कमी नजर आई है। वहीं फिल्म में अंग्रेजों के बोलने का ढंग वैसा ही है जैसे पहले के नाटकों में था। उसमें कुछ बदलाव नहीं किया गया है। कंगना ने इस फिल्म में एक्टिंग के साथ ही डायरेक्शन की जिम्मेदारी भी पहली बार निभाई है।

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फिल्म- मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी, कलाकार- कंगना रनौत, अंकिता लोखंडे, जिस्सू सेनगुप्ता, डैनी डेन्जोंगपा, मोहम्मद जीशान अयूब, सुरेश ओबेरॉय, कुलभूषण खरबंदा अन्य, निर्देशक- कंगना और कृष,रेटिंग- 3।

इस फिल्म में संजय लीला भंसाली जैसी भव्यता दिखाई गई है। युद्ध दृश्यों से लेकर संगीत तक सब भंसाली जैसा ही है। इस फिल्म को देखने के लिए 3 वजह हैं भंसाली जैसी भव्यता, झांसी की रानी के जीवन के अनछुए पहलू, देशभक्त‍ि से भरी और गैर-राजनीतिक फिल्म है। कंगना रनौत की फिल्म 'मणिकर्णिका' एक पीरीएड ड्रामा पर आधारित मूवी है। फिल्म की कहानी मणिकर्णिका यानी (कंगना रनौत) से शुरू होती है। फिल्म झांसी की रानी मणिकर्णिका के जन्म से शुरू होती है। बचपन से शस्त्र चलाने में बेहद ही निपुण हैं। उनकी इसी योग्यता को देखकर झांसी के राजा गंगाधर राव (जिस्सू सेनगुप्ता) का रिश्ता आता है और उनकी शादी हो जाती है।

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जिसके बाद उनका नाम बदल जाता है यहां से शुरु होता है उनका नया नाम 'लक्ष्मीबाई' दिया गया। पहले बेटे 'दामोदर दास राव' और फिर पति का गंभीर बीमारी से से निधन हो जाता है। राजा के निधन के बाद रानी लक्ष्मीबाई झांसी जिसके बाद उनका नाम बदल जाता है यहां से शुरु होता है उनका नया नाम 'लक्ष्मीबाई' दिया गया। पहले बेटे 'दामोदर दास राव' और फिर पति का गंभीर बीमारी से से निधन हो जाता है। राजा के निधन के बाद रानी लक्ष्मीबाई झांसी के गद्दी पर बैठती हैं। ऐसे स्थिति में अंग्रेज झांसी को अपना गुलाम बनाने की योजना बनाते हैं। अंग्रेजों से लोहा लेते हुए रानी मातृभूमि के लिए शहीद होती हैं। फिल्म उनके जन्म से शहीद होने तक है। केंद्र में झांसी की रानी यानि कंगना के गद्दी पर बैठती हैं। ऐसे स्थिति में अंग्रेज झांसी को अपना गुलाम बनाने की योजना बनाते हैं। अंग्रेजों से लोहा लेते हुए रानी मातृभूमि के लिए शहीद होती हैं। फिल्म उनके जन्म से शहीद होने तक है। केंद्र में झांसी की रानी यानि कंगना रनौत हैं। फिल्म में गजब का एक्शन है और ग्राफिक्स का भी काफी इस्तेमाल किया गया है। इस फिल्म का बजट 125 करोड़ रुपये है। इस फिल्म टीवी एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे डेब्यू कर रही हैं।

पीरियड फिल्मों में दिलचस्पी रखने वालों के लिए फिल्म फरफेक्ट है. फिल्म में भरपूर मात्रा में एक्शन है. कंगना का रौद्र रूप देखने को मिला. फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक बेहद ही शानदार है, जिसकी वजह से एक्शन सीन्स में जान आती है. कंगना पूरी फिल्म में जोश से भरी हुई नजर आईं. मूवी का कैमरा और वीएफएक्स अच्छा है। फिल्म इंस्पायरिंग है। सबसे ज्यादा फिल्म में किसी चीज पर फोकस किया गया है तो वो है कंगना के लुक्स. उनकी फिल्म में एंट्री से लेकर और खत्म होने तक कंगना गजब की खूबसूरत लगती हैं. डैनी डेन्जोंगपा और मोहम्मद जीसान अयूब ने गजब की अदाकारी की है. फिल्म के संवाद देशभक्ति के जज्बे भरे हैं और डायलॉग भी अच्छे हैं. फिल्म के सेट्स पर काफी काम किया गया है. डायेरक्शन के लिहाज से कंगना ने बेहतरीन काम किया है।



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