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अनूठी शादी: दुल्हन ने पहनी 3.2 किलो. लंबी साड़ी, 250 छात्राओं ने की मदद

raghvendra
Published on: 6 Oct 2017 7:43 AM GMT
अनूठी शादी: दुल्हन ने पहनी 3.2 किलो. लंबी साड़ी, 250 छात्राओं ने की मदद
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श्रीलंका: कई शादियां इतनी अनूठी होती हैं कि वे मीडिया में चर्चा का विषय बन जाती है। शादी में कुछ ऐसी बात जुड़ी होती है कि लोगों की बातचीत में उसकी चर्चा जरूर होती है। श्रीलंका में हुई एक शादी के साथ भी एक ऐसी अनूठी बात जुड़ी है कि यह लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गयी। श्रीलंका की मीडिया में तो इस शादी ने खूब सुर्खियां बटोरी। इस शादी का अनूठापन दुल्हन की लिबास थी। दुल्हन ने जो लिबास पहन रखा था वह इतना लंबा था कि इसके लिए करीब 250 छात्राओं की मदद लेनी पड़ी। दुल्हन की साड़ी 3.2 किलोमीटर लंबी थी और इन छात्राओं की मदद के बिना दुल्हन यह लिबास पहनकर अपने भावी पति के साथ चल ही नहीं सकती थी।

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कैंडी में हुई अनोखी शादी

श्रीलंका में यह अनूठी शादी कैंडी में हुई। कैंडी की मीडिया रिपोट्र्स और मेल ऑनलाइन के मुताबिक यह वाकया कैंडी में सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के मेन रोड पर दिखा। स्थानीय मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार इस अनोखी शादी में 250 छात्राओं को फ्लावर गर्ल बनाया गया था। दुल्हन की 3.2 किलोमीटर लंबी साड़ी पकडऩे वाली यह लड़कियां कैंडी स्थित एक सरकारी स्कूल की छात्राएं हैं। इस अनोखी शादी में हिस्सा लेने के लिए कई वीआईपी भी पहुंचे।

शादी में हिस्सा लेने के लिए केंद्रीय प्रांत के मुख्यमंत्री साराथ एक्कायका चीफ गेस्ट के रूप में पहुंचे। ये स्कूली बच्चे जिस स्कूल के थे उसका नाम भी मुख्यमंत्री के नाम पर ही है। एक्कायका ने कहा कि श्रीलंका में किसी दुल्हन द्वारा पहनी गई अब तक की सबसे लंबी साड़ी है। अभी तक किसी दुल्हन के इतनी लंबी साड़ी पहनने की बात नहीं सुनी गयी।

मामले की शुरू हो गयी जांच

इस संबंध मे राष्ट्रीय बाल संरक्षण प्राधिकरण (एनसीपीए) ने कहा कि इस घटना की जांच की जा रही है। एनसीपीए के अध्यक्ष मारिनी डी लिवेरा ने एएफपी को बताया कि इस घटना की जांच की जा रही है क्योंकि हम इसे कोई ट्रेंड नहीं बनाना चाहते। डी लिवेरा ने कहा कि स्कूल छात्राओं को घंटों किसी समारोह के लिए तैनात करना कानून जुर्म है, जिसकी कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है। इसलिए इस मामले की जांच करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस शादी समारोह इन बच्चों के साथ जो भी किया गया है, वह बाल अधिकारों का उल्लंघन है। लिवरा ने कहा कि छात्रों को किसी समारोह के लिए शिक्षा से वंचित करना और उनकी सुरक्षा और गरिमा को नुकसान पहुंचाना एक कानूनन जुर्म है, जिसकी सजा मिलेगी।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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