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Mohammed Rafi Death Anniversary: बेहद खास था मोहम्मद रफी के लिए ये गाना, गाते वक्त निकल जाते थे आंखों से आंसू
Mohammed Rafi Death Anniversary: संगीत की दुनिया के बेताज बादशाह मोहम्मद रफी जी आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वह हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे।
Mohammed Rafi Death Anniversary: बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक से बढ़कर एक गायक हैं, लेकिन आज भी अगर संगीत की दुनिया का बेताज बादशाह किसी को कहा जाता है, तो वह हैं मोहम्मद रफी। जिस किसी ने भी उनका सुना वो हमेशा के लिए उनका दीवाना बन गया। आज भले वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन अपनी आवाज और अपने गानों से वह आज भी हमारे दिलों में जिंदा हैं। आइए आज 31 जुलाई 2023 को उनकी 43वीं पुण्यतिथि पर उनसे जुड़े कुछ अनसुने किस्से हम आपको बताते हैं।
कम उम्र में शुरू कर दी थी गायकी
मोहम्मद रफी ने अपने पूरे करियर में 26 हजार से ज्यादा गानों को अपनी आवाज दी है। आज शायद ही कोई ऐसा गायक होगा, जिसने इस आंकड़े को पूरा किया होगा। रफी साहब ने बेहद कम उम्र में ही गायकी शुरू कर दी थी। उन्होंने पहली बार अपनी परफॉर्मेंस 13 साल की उम्र में दी थी और देखते ही देखते वह संगीत की दुनिया में छा गाए थे। भारत में शायद ही कोई ऐसा होगा, जो रफी साहब और उनकी गायकी से वाकिफ नहीं होगा।
यह गाना रफी साहब के लिए था बेहद खास
ऐसा कौन-सा गाना था, जो रफी साहब ने नहीं गाया था, लेकिन उनके लिए एक खाना बेहद खास था और इस गाने को सुनते वक्त खुद रफी साहब भी भावुक हो जाया करते थे। दरअसल, रफी साहब ने साल 1968 में आई फिल्म 'नीलकमल' का गाना 'बाबुल की दुआएं लेती जा' रिकॉर्ड किया था। इस गाने को रिकॉर्ड करते वक्त रफी साहब की आंखों से आंसू आ गए थे। इसके पीछे वजह उनकी बेटी थी। जी हां...इस गाने को रिकॉर्ड करने से पहले रफी साहब की बेटी की सगाई हुई थी और कुछ दिनों बाद उनकी शादी भी होने वाली थी। इस गाने के बोल ऐसे थे कि रफी साहब भी इस गाते हुए खुद रो दिया करते थे। बता दें कि इस गाने के लिए रफी साहब को नेशनल अवॉर्ड भी मिला था।
इन फिल्मों में रफी साहब ने की थी एक्टिंग
रफी साहब केवल ना एक अच्छे गायक थे, बल्कि वह एक शानदार एक्टर भी थे। जी हां...मोहम्मद रफी ने फिल्म 'लैला मजनू' और 'जूगनू' जैसी फिल्मों में एक्टिंग की थी।
इसके अलावा, उन्होंने किशोर कुमार जैसे बेहतरीन गायक को भी अपनी आवाज दी थी। फिल्मी पर्दे पर किशोर की आवाज के लिए रफी साहब को चुना गया था। बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि रफी साहब ने किशो कुमार के लिए कुल 11 गाने गाए थे।