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अमेठी के गीतकार ने लिखे हैं फिल्म 'धोनी' के गीत, फुटपाथ से पहुंचे सिल्वर स्क्रीन तक

मेरा बचपन से एक ही उद्देश्य था कि मैं एक सफल गीतकार बनूं। इसके लिए बचपन से इंडिया, पाकिस्तान और अरब देशों के शायरों और गीतकारों को पढ़ा है। इसका काफी फायदा मिला। हां एक किसान का बेटा होने के नाते काफी संघर्ष रहा। लेकिन उद्देश्य एकदम क्लियर था की गाने ही लिखने हैं।

zafar
Published on: 17 Sept 2016 9:12 PM IST
अमेठी के गीतकार ने लिखे हैं फिल्म धोनी के गीत, फुटपाथ से पहुंचे सिल्वर स्क्रीन तक
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manoj lyricist-ms dhoni the untold story

sudhanshu-saxena SUDHANSHU SAXENA

लखनऊ: उत्तर प्रदेश का अमेठी अब तक देश के राजनीतिक पटल परल ही पहचाना जाता था, लेकिन अब यह बॉलीवुड की भी पहचान बन गया है। यह पहचान दी है- अमेठी के गौरीगंज निवासी मनोज मुन्तसिर ने। 'एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' के गानों के रचयिता। फिल्म के प्रमोशन के सिलसिले में मनोज शनिवार को राजधानी में थे। newstrack.com ने मनोज से कई अनछुए पहलुों पर बात की। पेश हैं बातचीत के अंश।

रियल लाइफ फिल्म

सवाल- फिल्म 'एमएस धोनी-द अनटोल्ड स्टोरी' धोनी के जीवन से कितना मेल खाती है?

जवाब- इस मूवी में पूरी तरह से धोनी इन्वोल्व रहे हैं। वह नहीं चाहते थे कि मूवी का कोई भी सीन या गाना ऐसा हो जो उनकी लाइफ से हटकर हो। इसलिए स्क्रिप्ट के साथ साथ फिल्म के सारे गाने उनकी रियल लाइफ को ही केंद्र में रख कर लिखे और फिल्माए गए हैं। फिल्म के पहले 15 मिनट में ऑडियंस को एक नया एक्सपीरियंस मिलेगा। ऐसे ग्राफ़िक्स कभी यूज नहीं हुए हैं।

सवाल- धोनी ने इस मूवी की शूटिंग के दौरान यूनिट को कितना समय दिया?

जवाब- इस मूवी को आप एमएस धोनी की ऑटो बॉयोग्राफी का दर्जा दे सकते हैं। हमने इसमें कुछ भी काल्पनिक या उनके रियल लाइफ से अलग नहीं डाला है। इसके गाने और फिल्मों में आपको कुछ भी काल्पनिक नहीं मिलेगा। धोनी पूरी फिल्म की शूटिंग के दौरान हमसे फ़ोन पर जुड़े रहते थे। गानों की बात करें तो डेढ़ महीने में इसका म्यूजिक लॉक किया गया और चार महीने में रिकॉर्डिंग से लेकर बाकी चीज़ें पूरी हुईं।

सवाल- धोनी की रियल लाइफ से जुड़े किसी सॉन्ग को आप कोट करना चाहेंगे?

जवाब- हां, मूवी में एक गाना...जब तक तुझे प्यार से, मैं बेइंतेहा मैं भर ना दूं, जब तक मैं दुआओं सा, सौ दफ़ा तुझे पढ़ ना लूं,.... धोनी की लाइफ के हिस्से से काफी जुड़ा है। इस गाने को धोनी काफी लाइक करते हैं। ये गाना इस समय ट्रेंड भी कर रहा है और टॉप 20 में अपनी जगह बना चुका है।

खुद इनवॉल्व रहे धोनी

सवाल-धोनी से आप मिले होंगे, आपको उनकी शख्सियत कैसी लगी?

जवाब- एमएस धोनी काफी संजीदा व्यक्ति हैं। मुलाकातों के दौरान मुझे वह काफी चुप रहने वाले इन्सान लगे। वो ज्यादा बोलते नहीं हैं, पर मुद्दों को लेकर गंभीर रहते हैं। मूवी में उन्होंने पूरी कहानी और लिरिक्स पढ़कर इसको अप्रूव किया है।

सवाल- आप कौन कौन से प्रोजेक्ट्स में इन्वॉल्व हैं?

जवाब- अभी अजय देवगन की बादशाहों मूवी के लिए गाने लिखे हैं। इसके अलावा हिमेश रेशमिया के साथ मिलकर प्राइवेट एल्बम के दौर को दोबारा जिंदा करने का काम कर रहा हूं। इसमें दस गानों का एक पैकेज होगा। इसकी शूटिंग लॉस एंजेल्स, कनाडा, रोमानिया, समेत कई जगहों पर हुई है।

सवाल- इस एल्बम का टाइटल क्या होगा?

जवाब- ये एल्बम मेरा और हिमेश रेशमिया का जॉइंट वेंचर है। इसे हम मौसीकी नाम से लांच कर रहे हैं। इसे एक दृष्टिहीन लड़की पर फिल्माया गया है। इसमें टी सीरीज के भूषण कुमार ने अहम रोल प्ले किया है। इस प्रोजेक्ट के लिए उन्हीं से प्रेरणा मिली है।

बचपन का था सपना

सवाल- क्या आप बचपन से ही गीतकार बनना चाहते थे या अचानक किसी घटना ने आपको प्रेरित किया?

जवाब- मेरा बचपन से एक ही उद्देश्य था कि मैं एक सफल गीतकार बनूं। इसके लिए बचपन से इंडिया, पाकिस्तान और अरब देशों के शायरों और गीतकारों को पढ़ा है। इसका काफी फायदा मिला। हां एक किसान का बेटा होने के नाते काफी संघर्ष रहा। लेकिन उद्देश्य एकदम क्लियर था की गाने ही लिखने हैं।

सवाल- अमेठी के गौरीगंज से लेकर मुंबई तक के अपने संघर्ष को किस तरह देखते हैं?

जवाब- मेरे पिता एसपी शुक्ला एक किसान हैं। माता प्रेमा शुक्ल एक सरकारी अध्यापिका थीं। उस समय उनकी तनख्वाह 500 रूपए महीना थी और मेरे स्कूल की फीस 300 रूपए महीना थी। ऐसे में उन्होंने मुझे पाला और अच्छी शिक्षा दिलाई। इसके बाद मैंने बीएससी की और फिर अपना निर्णय परिवार को बताया। पहले काफी विरोध हुआ पर बाद में सब मान गए। यहां से जाकर मुंबई में फुटपाथ पर अंधेरी में डेढ़ महीना बिताया। इसके बाद अमिताभ बच्चन के टेलीविज़न शो कौन बनेगा करोडपति से ब्रेक मिला और फिर कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। डेढ़ महीने में अंजान शहर मुंबई में मेरा अपना घर और गाडी हो गई थी।

जरूरी है पढ़ाई

सवाल- ऐसा माना जाता है कि फिल्मों में और टेलीविज़न इंडस्ट्री में गाने लिखने वालों का पेमेंट काफी कम मिलता है, ये बात कितनी सही है?

जवाब- ऐसा बिलकुल नहीं है। पहले ऐसी स्थिति थी लेकिन कौन बनेगा करोडपति में मैंने ज्यादा पेमेंट की डिमांड की और किसी ने मना भी नहीं किया। इसके अलावा फिल्मों में भी हमें मुंह मांगी कीमत मिलती है।

सवाल- आप युवा गीतकारों को क्या सन्देश देना चाहेंगे?

जवाब- मेरा यही मानना है कि जो जितना ज्यादा पढ़ता है, वो उतना अच्छा लिख सकता है। इसलिए तरह तरह के लेखकों को खूब पढ़कर क्वालिटी कंटेंट जेनरेट करने का प्रयास होना चाहिए।

आगे देखिए गीतकार मनोज से जुड़े कुछ और फोटो...

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