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Naagin 6: क्या प्रथा ऋषभ से भी लेगी अपने बच्चे की मौत का बदला,क्या करेगी अब महक
Naagin 6 full Episode 26 June: आइये जानते हैं कैसे प्रथा का बदला होगा पूरा,कैसे लेगी वो अपने बच्चे के कातिलों से बदला जबकि उसका खुद का पति ऋषभ भी है इस खेल में शामिल।
Naagin 6 full Episode 26 June: नागिन 6 के एपिसोड में अबतक आपने देखा कि महक (Mehek Chahal) और ऋषभ गुजराल (Simba Nagpal) बिजनेस मीट के लिए उत्तराखंड जा रहे हैं। कार में चल रहे रेडियो से महक को पता चलता है कि यति भारत की सीमा में प्रवेश कर चुकी है और अब उत्तराखंड की ओर बढ़ रही है। महक घबरा जाती है और ऋषभ को कार घुमाने के लिए कहती है।ऋषभ महक से कहता है कि वह बेवजह चिंता कर रही है क्योंकि मीडिया को फेक न्यूज फैलाने की आदत है।
महक सोचने लगती यही कि फरिश्ता उर्फ अरिजीत तनेजा ने उसे बताया था कि यति केवल शेषनागिन से लड़ने के लिए भारत आ रही है। महक और ऋषभ अपनी मंजिल पर पहुंच जाते हैं। महक को पता चलता है कि ऋषभ का मुवक्किल कोई और नहीं बल्कि उसका बिजनेस पार्टनर राजेश प्रताप सिंह है जिसका जिक्र उसकी मासी उर्वशी उर्फ उर्वशी ढोलकिया ने किया है। इसके बाद वो दोनों राजेश के घर पहुंचते हैं जहाँ महक और ऋषभ को वहां के कुछ कर्मचारी बताते हैं कि राजेश को बॉम्बे में एक बहुत ही ज़रूरी मीटिंग के लिए आधे घंटे पहले जाना पड़ा। स्टाफ ऋषभ को यति की धमकी की वजह से रात के लिए राजेश के घर पर रहने के लिए कहता है। ऋषभ महक से कहता है कि वह यति से नहीं डरता लेकिन रात में यात्रा करना असुरक्षित है इसलिए वह रुकेगा।
एपिसोड में आगे आप देखेंगे कि महक को पता चलता है कि यति वाकई में घर में आ गई है। इसके बाद महक अपनी जान बचने के लिए भागती है लेकिन यति उसे रोक देती है। महक सांप के रूप में आ जाती है और यति को मारने की कोशिश करती है। लेकिन यति का कुछ नहीं बिगाड़ पाती और यति उसकी जमकर पिटाई करती है। वहीँ वो महक को हथेली से कुचलने वाली होती है तभी महक अपनी जान बचाने के लिए तीन बार बोलती है कि "मैं शेषनागिन नहीं हूँ।' इसके बाद प्रथा को जिसका इंतज़ार था वही होता है। दरअसल फरिश्ता ने प्रथा से कहा था कि अगर महक इसे तीन बार कहती है कि वो शेष नागिन नहीं है तो उसे अपनी शक्तियां वापस मिल सकती हैं। महक की नाग मणि गिर जाती है और यति उसे यह जानकर बख्श देती है कि वह शेषनागिन नहीं है। महक फिर नाग मणि को वापस अपनी नाभि के अंदर रखती है।
यति को प्रथा बर्फीले पहाड़ों पर रोक लेती है। प्रथा उसे बताती है कि वो जानती है कि वो कोई और नहीं बल्कि खुद फरिश्ता है। प्रथा याद करती है कि कैसे उसने असली नाग मणि को चुना जबकि महक को यति द्वारा कुचला जा रहा था। यति के रूप में फरिश्ता फिर दूर हो जाता है क्योंकि प्रथा अपना प्रतिशोध लेने के लिए दृढ़ होती है। प्रथा आखिर वापस शेष नागिन बन जाती है।
प्रथा नागमहल वापस जाती है और भगवान शिव से प्रार्थना करती है कि वह उसे उन लोगों का चेहरा दिखाए, जिन्होंने उसके बच्चे की हत्या की थी। प्रथा ऋषभ, रेहान और उसके भाई-बहनों और महक को देखती है। प्रथा भगवान शिव की मूर्ति के सामने दुष्टों से बदला लेने और उन्हें दंडित करने का संकल्प लेती है।
उर्वशी महक को ताना मारती है कि उसकी शेषनागिन शक्तियां बेकार हैं। अगली सुबह चंदा उर्फ स्नेहा रायकर प्रथा को उसके जन्मदिन पर याद करती हैं। गुप्त ठिकाने पर ज्वाला और अन्य महिलाएं प्रथा के जन्मदिन समारोह की योजना बना रही हैं, जब ज्वाला और अन्य महिलाओं के साथ एक छोटी लड़की पर नशे में गुंडे हमला कर देते है। तभी वहां प्रथा आती है और शेषनागिन में बदल जाती है।