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Natu Natu Song: जानें ऑस्कर में नॉमिनेट पाने वाला गाना नाटू-नाटू कहां से आया, जानें इस गाने की पूरी कहानी

RRR Film Naatu Naatu Song : RRR फिल्म के गाने नाटू-नाटू ने अपना जादू हर किसी पर चला रखा है।

Anupma Raj
Written By Anupma Raj
Published on: 25 Jan 2023 12:44 PM IST
Oscar award 2023
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Naatu Naatu Song (Image: Social Media)

RRR Film Naatu Naatu Song : एस.एस. राजामौली और एनटीआर-रामचरण की फिल्म RRR दुनियाभर में छा गई है। RRR फिल्म के गाने नाटू-नाटू ने अपना जादू हर किसी पर चला रखा है। बता दें फ़िल्म आरआरआर में अल्लुरी सीतारामा राजू और कुमारम भीम का किरदार अभिनेता राम चरण और एनटी रामा राव जूनियर ने निभाई है। वहीं तेलुगू फ़िल्म 'आरआरआर' के मशहूर गाने 'नाटू-नाटू' को ऑस्कर के 95वें संस्करण में 'ओरिजिल सॉन्ग' की कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है। दरअसल एकेडमी ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में यह जानकारी दी गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं ये गाना कहां से आया। नहीं जानते तो आइए जानते हैं विस्तार से:

कहां से आया नाटू-नाटू गाना

नाटू-नाटू गाने फ़िल्म के डायरेक्टर एस.एस. राजामौली, म्यूज़िक डायरेक्टर किरावानी और गीतकार चंद्रबोस ने तैयार किया है। दरअसल इस गाने को बनाते समय एस.एस. राजामौली के दिमाग़ में ये बात थी कि 'एनटीआर जूनियर और राम चरण दोनों तेलुगू फ़िल्म इंडस्ट्री के बेहतरीन डांसर हैं। ऐसे में अगर दोनों को एक साथ डांस करते हुए दिखाया जाए तो शायद अच्छा रहेगा। तब उन्हें साथ-साथ परफ़ॉर्म करते देखना दर्शकों के आनंद और एहसास को एक नए लेवल पर ले जा सकता है। फिर राजामौली ने अपना ये आइडिया फ़िल्म के संगीतकार किरावानी से साझा किया। वहीं किरावानी ने एक मीडिया हाउस से बातचीत करते हुए बताया कि,'' राजामौली ने मुझसे कहा, बड़े भाई, मैं कोई ऐसा गाना चाहता हूं जिसमें दोनों डांसर एक-दूसरे से होड़ करते हुए डांस करें'। इसके बाद फिर गाना लिखने के लिए किरावानी ने तेलुगू फ़िल्म गीतकारों में से एक गीतकार चंद्रबोस को चुना। इसके बाद किरावानी ने बोस से कहा कि,'' गाना चाहे जैसा भी लिखे लेकिन ध्यान में यह रखियेगा कि फ़िल्म 1920 में होने वाली घटनाओं के इर्द-गिर्द घूमती है, इसलिए ये देख लीजिएगा कि शब्द उसी दौर के हों और इस गाने में खूब उत्साह हो।

17 जनवरी 2020 से गाने पर काम हुआ था शुरू

दरअसल एस एस राजामौली, किरावानी और चंद्रबोस ने इस गाने पर 17 जनवरी 2020 से काम करना शुरू कर दिया था। बता दें काम हैदराबाद में एल्यूमीनियम फ़ैक्ट्री में 'आरआरआर' के दफ़्तर से शुरू हुआ था।

Naatu Naatu

चंद्रबोस को अचानक एक दिन ड्राइव करते समय इस गाने की हुक लाइन 'नाटू-नाटू' मिली। दरअसल उन्हें लगा कि इस तरह की कोई धुन अभी तक नहीं बनी थी। तब उन्होंने इस धुन पर गाने को बनाना शुरू किया।

दो दिन में गाने के तीन मुखड़े तैयार

दरअसल नाटू-नाटू ऐसा गाना है, जिसमें पूरे एनर्जी के साथ डांस है। चंद्रबोस ने दो दिनों में ही गाने के तीन मुखड़े बनाए और फिर किरावानी से मिले। चंद्रबोस के इन पसंदीदा मुखड़ों को किरावानी ने भी काफी पसंद किया और इस तरह ये गाना फ़ाइनल हो गया।

गाना कुछ यूं बना था

पोलमगट्टू धुम्मूलोना पोटलागिट्टा धूकिनट्टू

पोलेरम्मा जातारालो पोथाराजू ओगिनट्टू

किरुसेप्पुलू एसिकोनि कारासामू सेसिनट्टू

मारिसेट्टू निदालोना कुरागुम्पू कोडिनट्टू

90 फीसदी गाना दो दिन में बनकर तैयार

जानकारी के लिए आपको बता दें कि नब्बे फ़ीसदी गाना दो दिन में पूरा हो गया। हालांकि थोड़े बड़े बदलाव और एडिटिंग के बाद इस गाने को फ़ाइनल करने में 19 महीने लग गए। वहीं चंद्रबोस और किरावानी इस दौरान इस पूरे गाने को लेकर सलाह-मशविरा करते रहे। दरअसल फ़िल्म में भीम (जूनियर एनटीआर) का चरित्र तेलंगाना का है वहीं राम ( राम चरण) का चरित्र आंध्र प्रदेश का है। लिहाज़ा इस गाने में दोनों इलाकों में 1920 के दशक की भाषाओं के शब्दों का सहारा लिया गया है। बता दें तेलुगू में कई लोककथाएं हैं। इनके चरित्रों का भी इस गाने में सहारा लिया गया है। दरअसल इस गाने को कालभैरव और राहुल सिपलीगुंज ने गाया है।

95 स्टेप किए गए कंपोज़

दरअसल 'नाटू-नाटू' गाने ने एनटीआर और राम चरण दोनों की डांस को चैलेंज किया। बता दें कोरियाग्राफ़र प्रेम रक्षित ने इस गाने के लिए लगभग 95 स्टेप कंपोज़ किए। वहीं सिग्नेचर स्टेप के लिए उन्होंने इसके 30 वर्जन तैयार किए। ख़ास कर उस सीन में जिसमें एनटीआर और रामचरण हाथ पकड़ कर डांस कर रहे हैं। बता दें इस ख़ास स्टेप के लिए 18 टेक लेने पड़े थे। हालांकि वहीं यूनिट का कहना था कि ए़डिटिंग के दौरान दूसरे टेक को फ़ाइनल किया गया था। दरअसल गाना यूक्रेन के राष्ट्रपति भवन के बैकग्राउंड में फ़िल्माया गया था। इसके बाद यहां पर फ़िल्म की शूटिंग के दौरान राजामौली और किरावानी ने गाने के आखिरी छंद में बदलाव का फ़ैसला किया। हालांकि चंद्रबोस उस वक्त फ़िल्म 'पुष्पा' के सेट पर व्यस्त थे। ऐसे में उनसे कॉन्फ्रेंस कॉल पर बात हो सकी। फिर राजामौली और किरावानी ने उनसे आख़िरी छंद में बदलाव करने को कहा। इसके बाद आख़िर गाने को पूरा होने में 19 महीने का समय लग गया। लेकिन आख़िरी छंद 15 मिनट में बदल दिया गया। फिर बदला हुआ गाना रिकॉर्ड हुआ और शूट हुआ। इस तरह से तैयार हुआ नाटू-नाटू गाना।




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Anupma Raj

Content Writer

My name is Anupma Raj. I am from Patna. I'm a content writer with more than 3 years of experience.

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