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Nirupa Roy: जानिए उस लापरवाह मां के बारे में जो फिल्मों में अपने बच्चे गुम कर देती थी
Nirupa Roy: अभिनेत्री निरूपा जब भी परदे पर आई लोगों ने उनमें अपनी मां ही देखी।
Nirupa Roy: आज हम आपको ऐसे मां के बारे में बताते हैं, जिनके बच्चे बचपन में बिछड़ के हमेशा जवानी में ही मिले। चाहे 1 बच्चा हो या 3। सभी के साथ ट्रेजडी रही कि उनको बिछड़ के ही रहना होता था। हम बात कर रह है बॉलीवुड़ की सबसे दुखियारी मां निरूपा रॉय कि। ये तो रही मस्ती मजाक की बात, लेकिन निरूपा जब भी परदे पर आई लोगों ने उनमें अपनी मां ही देखी। सिनेमाई बेटों ने उनको जितना सम्मान दिया उनके अपने बेटों ने उनको उतना ही दुखी किया।
ऐसे हुई थी करियर की शुरुआत
कोकिला किशोरचंद्र बुलसारा चौथी क्लास तक स्कुल गई।जब 15 की हुई कमल रॉय से बियाही गई। बहुत समय पहले की बात है ये दोनों पति-पत्नी सुबह बैठे अखबार पढ़ रहे थे एक विज्ञापन दिखा। लिखा था बड़ा-बड़ा अभिनेता- अभिनेत्रियों की जरूरत है। साथ में बम्बई का पता लिखा था। दोनों चल दिए बम्बई। कमल चाहते थे कि वो हीरो बन जाएं, लेकिन सामने जो बंदा बैठा था उसने सीधा बोल दिया कि तुमसे न हो पायेगा पत्नी का बताओ इसे हिरोइन बना सकता हूं।
ये सब आजादी से पहले घट रहा था। उस समय फिल्मों में लड़की का काम करना वर्जित माना जाता था। खैर गुजराती भाषा में 1946 में रिलीज हुई रनक देवी।
फिल्मों में आने के बाद बदला नाम
कोकिला नाम फिल्म वालों को कुछ जंचा नहीं, तो नाम मिला निरूपा रॉय। हां! जी कोकिला ही निरूपा हैं। 1946 में ही अमर राज नाम से हिंदी फिल्म रिलीज हुई। इसके बाद निरूपा का सिनेमाई सफर शुरू हो गया। अशोक कुमार, बलराज साहनी और भारत भूषण के साथ निरूपा की जोड़ी सिल्वर स्क्रीन पर हिट थी।
यहां देखें निरूपा रॉय का फिल्मी करियर
- हर हर महादेव जब 1951 में रिलीज हुई तो लोगों को निरूपा माता पार्वती ही नजर आने लगी थी। घर के बाहर आशीर्वाद लेने वालों की लाइन लगती थी। इसके बाद निरूपा ने 16 धार्मिक फिल्मों में देवी का किरदार अदा किया।
- 1953 में आई दो बीघा जमीन ने हिंदी सिनेमा के साथ ही निरूपा की जिंदगी भी बदल दी। वो सुपरस्टार बन गई।
- निरूपा को फिल्म तो कई मिली, लेकिन उनके पिता ने मरते दम तक बात नहीं की थी। उनके पिता फिल्मों में काम करना अच्छा नहीं मानते थे।
- 1970 के दशक के बाद बॉलीवुड़ को मिली उसकी मां। ये वो दौर था जब फ़िल्मी मां का मतलब सिर्फ निरूपा होता था। महीने में 4 फिल्म भी रिलीज हुई तो सबकी मां एक ही होती निरूपा।
- बॉलीवुड़ में शायद ही ऐसा कोई हीरो होगा जिसने बचपन में उनसे बिछड़ने का दुःख सिल्वर स्क्रीन पर न झेला हो।
- निरूपा धर्मेंद्र, सनी देओल, देव आनंद, शशि कपूर, अमिताभ बच्चन और इन जैसे कई बच्चो की एकलौती मां बनी थी।
- 1960 में आई सुपरमैन में निरूपा राय लीड रोल में थी। ये पहली बार था कि कोई वुमैन सुपरमैन बनी थी।
- 1963 में निरूपा ने बम्बई के नेपियन सी रोड पर 10 लाख का घर खरीदा। ये एक शानदार घर है इसकी आज कीमत 100 करोड़ है।
- 2001 में उनकी छोटी बहु ने परिवार दहेज उत्पीड़न और ब्लैकमनी का आरोप लगाया।
- निरूपा के दो बेटे हैं योगेश और किरन। इन दोनों ने निरूपा को असल जिंदगी में भी दुखियारी मां बना के छोड़ दिया था। संपत्ति के लिए घर में हर दिन हंगामा, बवाल होने लगा था।
- 1999 में आई लाल बादशाह निरूपा की अंतिम फिल्म थी।
- 13 अक्टूबर 2004 को निरूपा रॉय का निधन हो गया।