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Oscar Award 2023: 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' के नाम हुआ ऑस्कर अवॉर्ड, जानें क्या है फिल्म की पूरी कहानी
Oscar Award 2023: 95 वें अकादमी ऑस्कर अवॉर्ड में डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'द एलिफेंट व्हिस्पर्स' ने ऑस्कर अपने नाम कर लिया है। आइए आपको इस फिल्म की पूरी कहानी बताते हैं।
Oscar Award 2023: ऑस्कर अवॉर्ड फंक्शन शुरु हो चुका है, जिसे बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण प्रजेंट कर रही हैं। अवॉर्ड फंक्शन में भारत की ओर से तेलुगू फिल्म 'आरआरआर' और शॉर्ट फिल्म कैटेगरी में 'द एलिफेंट व्हिस्पर्स' ने ऑस्कर अपने नाम कर एक बार फिर सभी का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है।
'द एलिफेंट व्हिस्पर्स' ने ऑस्कर किया अपने नाम
'द एलिफेंट व्हिसपर्स' की कहानी के बारे में बात करें, तो यह कहानी दो हाथियों और उनकी देखभाल कर रहे बमन और बेला पर आधारित है। इस फिल्म को प्रकृति से जोड़ते हुए दिखाया गया है। फिल्म की पूरी कहानी हाथी और उसके मालिक के प्यार के ऊपर बनी है। कहानी में दोनों के बीच के बॉन्ड को दिखाया गया है कि वह किस प्रकार से अपने हाथी के साथ खेलता है, मस्ती करता है, साथ ही उसकी पत्नी भी उस हाथी के साथ खेलते हुए मस्ती करते हुए दिखाई गई है। यह एक ऐसा बॉन्ड हैं, जिसने सभी को इंप्रेस किया है।
क्या है फिल्म की कहानी?
फिल्म ने जब से ऑस्कर अपने नाम किया है, तभी से लोग इस फिल्म की कहानी जानने के लिए बेसब्र हैं। तो आइए आपको इस फिल्म की कहानी बताते हैं। दरअसल, फिल्म की कहानी की शुरुआत में प्राकृतिक दृश्य दिखाए गए हैं, इसके बाद बमन अपने हाथी रघू को नदी में नहलाने के लिए लेकर जाते हैं। फिल्म में बमन और हाथी रघु के बीच प्यार को दर्शाया गया है। बमन बताता है कि रघू को उसने जगंल में घायल अवस्था में पाया था, जहां पर कुत्तों ने उसकी पूछ काट ली और वह जमीन पर बेहोशी की हालत में पड़ा हुआ था। वहीं, रघु की मां की मौत बिजली के झटके लगने से हो गई थी। रघु को उसके झुंड से मिलाने की काफी कोशिश की गई थी। हालांकि, सभी कोशिशे नाकाम रही थीं। इस दौरान बमन बताते हैं कि बेली को हाथियों के बच्चों की देखभाल के लिए चुना गया था और वह एकमात्र महिला है, जो ऐसा कर रही थी। इस शॉर्ट फिल्म में जानवरों और हाथियों से प्यार को लेकर दिखाया गया है कि किस प्रकार से छोड़े हुए और अपने झुंड से अलग होने के बाद उन हाथियों की देखभाल की जाती है।
अम्मू से दूर हुआ रघु
आगे फिल्म में दिखाते हैं कि हाथियों को पहचानने और उनकी निगरानी के लिए उनके गले में घंटी पहनाई जाती है। ताकि अगर वह खो जाएं तो उन्हें आसानी से ढूंढ़ा जा सके। फिल्म में रघु का एक दोस्त भी दिखाया गया है, जिसका नाम कृष्णा होता है। इस फिल्म की पूरी कहानी केवल हाथियों के आस-पास ही घूमती है। आगे फिल्म में दिखाया जाता है कि जंगल में आग लग जाती है, जिसमें सभी हाथी जल कर मर जाते हैं और आखिर में एक छोटी हाथी की बच्ची बच जाती है, जिसे बमन और बेला गोद लेते हैं। इसके बाद बमन और बेला शादी कर लेते हैं और फिर दोनों अम्मू की देखभाल में लग जाते हैं।
खैर, इस बात में कोई शक नहीं है कि यह कहानी वाकई दिल जीतने वाली थी। फिल्म में इंसान और जानवर के बीच जो प्यार दिखाया गया है, वह वाकई कमाल का है। वैसे, आपको इस फिल्म की काहनी कैसी लगी? हमें कमेंट में जरूर बताएं : )