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Oscar Award History: बेहद दिलचस्प है इसका इतिहास, जानें कब और कैसे हुई ऑस्कर की शुरुआत

Oscar Award History: आज यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि ऑस्कर की शुरुआत कब और कैसे हुई थी। आइए आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैं।

Ruchi Jha
Written By Ruchi Jha
Published on: 7 March 2024 11:51 AM IST
Oscar Award
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Oscar Award (Image Credit: (Social Media)

Oscar Award History: लॉस एंजेलिस में 12 मार्च से 95वें ऑस्कर अकादमी पुरस्कार की सेरेमनी होने जा रही है। 'ऑस्कर अकादमी पुरस्कार' फिल्म जगत का सबसे बड़ा अवॉर्ड है। हर साल अमेरिका की एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेस की तरफ से यह अवॉर्ड दिया जाता है। फिल्मों में डायरेक्टर, एक्टर, राइटर्स जो सिनेमा में अपना योगदान देते हैं, उन्हें इस अवार्ड से सम्मानित किया जाता है, लेकिन इस अवॉर्ड की शुरुआत कैसे हुई? इसका इतिहास क्या है? आइए विस्तार से जानते हैं।

कैसे हुई ऑस्कर अवॉर्ड की शुरुआत?

1927 में जब एमजीएम स्टूडियो के हेड लुइस बी मेयर, मेयर और उनके तीन गेस्ट्स एक्टर कॉनरेड नागेल, डायरेक्टर फ्रेड निबलो और प्रोड्यूसर फीड बीटसोन ने फिल्म इंडस्ट्री को फायदा पहुंचाने के लिए एक संगठन बनाने पर विचार किया, तो इस योजना के बारे में उन्होंने सिनेमा की दुनिया के मुख्य क्रि‍एटिव कामों से जुड़े लोगों को बताया। 11 जनवरी, 1927 को लॉस एंजि‍ल्स के एंबेसेडर होटल में इस पर चर्चा के लिए एक डिनर पार्टी रखी गई। इसमें 36 लोग शामिल हुए। यहीं पर संगठन बनाने के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। इस डिनर पार्टी में जॉर्ज कोहेन, जैसे मेयर, डॉग्लकस फेयरबैंक्सर, केडरि‍क गि‍ब्बं‍स, मेरी पि‍कफोर्ड, जेस्सेह लस्कीय, सेसि‍ल, इरविंग थालबर्ग बी डेमि‍ले, सि‍द ग्राउमेन जैसी नामी हस्तियां शामिल हुई थीं। सभी ने एक सुर में इस प्रस्ताव का समर्थन किया। इसके बाद मार्च 1927 में डॉग्लास फेयरबैंक्स की अध्यक्षता में संगठन के पदाधिकारी चुने गए।


इसके बाद 11 मई 1927 को बि‍ल्ट मोर होटल में इस एकेडमी को राज्य ने एक NGO के तौर पर अनुमति दी। इसकी खुशी में एक पार्टी का आयोजन किया गया। इस पार्टी में 300 गेस्ट आए। 230 गेस्ट ने एकेडमी की मेंबरशिप ली और इसके लिए 100 डॉलर की फीस दी। थॉमस एडिसन को उसी रात एकेडमी की तरफ से पहली मानद सदस्यता से सम्मानित किया गया। संगठन में शुरू-शुरू में एक्टर, डायरेक्टर, राइटर्स और टेक्नीशियन्स की ब्रांच बनाई गई।

कब हुआ था पहला ऑस्कर अवॉर्ड?

एकेडमी बनने के बाद सबसे पहला एकेडमी अवार्ड्स सेरेमनी हॉलीवुड रूजवेल्टू होटल में आयोजित हुआ था। 16 मई 1929 को होटल के ब्लॉसम रूम डिनर आयोजित की गई, जिसमें 270 लोग शामिल हुए। यह एक पेड इवेंट था, जिसमें शामिल होने के लिए 5 डॉलर की टिकट लेनी थी। 1929 में 15 कलाकारों को अवार्ड्स दिए गए। इनमें 1927-1928 तक बनी फिल्में शामिल थीं। पहले इसका क्रेज इतना नहीं था, लेकिन अब इसका क्रेज बढ़ता ही जा रहा है। पहले एकेडमी अवार्ड्स में तो मीडिया तक नहीं पहुंची थी, लेकिन अब इस अवॉर्ड की हर एक जानकारी मीडिया द्वारा लोगों तक पहुंचती है।


कैसे चुनी जाती हैं ऑस्कर के लिए फिल्में?

ऑस्कर की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, कोई भी मोशन फिल्म जो अमेरिका के 6 मेट्रोपॉलिटन सिटी लॉस एंजिल्स, न्यूयॉर्क, शिकागो, इलिनोयस, मियामी, फ्लोरिडा और अटलांटा, जॉर्जिया में से कम से कम एक जगह कमर्शियल सिनेमाहॉल में दिखाई गई हों वो फिल्में ऑस्कर के लिए चुनी जाती हैं। इसके अलावा जो फिल्म 40 मिनट से बड़ी होती हैं, फिल्म उसी साल 1 जनवरी से 31 दिसंबर के बीच में रिलीज होनी चाहिए और एक ही थियेटर में फिल्म कम से कम 7 दिनों तक लगातार चली हो। ऐसी फिल्मों को ऑस्कर के लिए चुना जाता है।


ऑस्कर अवॉर्ड्स में क्या-क्या मिलता है?

अकेडमी अवार्ड ऑफ मेरिट को ऑस्कर अवॉर्ड के नाम से जाना जाता है, इसमें जो ट्रॉफी मिलती है वह धातु से बनी होती है। इस मूर्ति पर गोल्ड की लेयर रहती है। ऑस्कर ट्रॉफी 13.5 इंच यानी 34 सेमी लंबी होती है और इसका वेट 8.5 पाउंड यानी 3.85 किलो होता है। इस ट्राफी में एक योद्धा की आकृति है, जिसे आर्ट डेको में बनाया गया है। यह योद्धा तलवार लेकर पांच तिल्लियों की एक फिल्म रील पर खड़ा है। पांच तिल्लियां एक्टर, डायरेक्टर, राइटर, प्रोड्यूसर और टेक्नीशियन्स का प्रतिनिधित्व करती हैं।


ऑस्कर अवॉर्ड में केवल मिलती है ट्रॉफी

जी हां...इस अवॉर्ड फंक्शन में केवल ट्रॉफी दी जाती है। इसमें किसी तरह का कैश प्राइज नहीं दिया जाता है। हालांकि, अवॉर्ड जीतने वाले कलाकार की मार्केट वैल्यू बढ़ जाती है। ऑस्कर विजेता अपनी ट्रॉफी को किसी भी हाल में बेच नहीं सकता है। अगर वह ट्रॉफी बेचना ही चाहता है, तो एकेडमी को बेच सकता है। जिसकी कीमत सिर्फ 1 डॉलर रखी जाती है।

Ruchi Jha

Ruchi Jha

Senior Content Writer

पत्रकारिता क्षेत्र में मुझे लगभग 3 साल का अनुभव है, जिसमें मैंने बहुत कुछ सीखा है और अभी भी बहुत कुछ सीखना बाकी है। शुरुआत से ही बॉलीवुड जगत से मुझे बहुत लगाव था। लिखने और कहानी गढ़ने का शौक शुरु से ही था, जिसकी चाह में मैंने हिंदी पत्रकारिता और जनसंचार/मीडिया में पोस्ट ग्रेजुएशन और मास्टर्स डिप्लोमा हासिल किया। अब मैं अपने सपने को पूरा करने के लिए 'NewsTrack' के साथ जुड़ी हुई हूं, यहां मैं मनोरंजन जगत से जुड़ी सभी जानकारी के बारे में लिखती हूं।

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