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लखनऊ के नजदीक आस्था के पांच केंद्र जहां आपको जरूर जाना चाहिए
वीकेंड्स पर आसपास शांति और ताज़ी हवा वाली जगह मिले तो घूमने का मन सबका करता है। आप लखनऊ में हैं और वीकेंड्स पर तरोताजा होने वाली जगह तलाश रहे हैं तो newstrack. com आपको बता रहा है ऐसी पांच जगहें। ये सब लखनऊ के नजदीक हैं और 1
मनोज द्विवेदी
लखनऊ: वीकेंड्स पर आसपास शांति और ताज़ी हवा वाली जगह मिले तो घूमने का मन सबका करता है। आप लखनऊ में हैं और वीकेंड्स पर तरोताजा होने वाली जगह तलाश रहे हैं तो newstrack. com आपको बता रहा है ऐसी पांच जगहें। ये सब लखनऊ के नजदीक हैं और 1 दिन घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहें।
लखनऊ के नजदीक आस्था के पांच केंद्र जहां आपको जरूर जाना चाहिए
1 - नैमिषारण्य: सुकून और शांति के साथ अध्यात्म
लखनऊ शहर के नजदीक नैमिषारण्य थोड़ी कम फेमस जगह है लेकिन यह किसी मायने के कम नहीं है. यहां प्राकृतिक सुंदरता, चारों और फैली हरियाली और आध्यात्मिक शांति आपका मन मोह लेगी। माना जाता है कि भगवान यहां खुद आये थे और यह भी प्रचलित है की बिना यहां गए पूरे देश की तीर्थयात्रा पूरी नहीं होती। यह लखनऊ से 100 किलोमीटर दूर है और एक दिन में आने जाने के लिए शानदार जगह है।
श्रावस्ती
2 - श्रावस्ती: बौद्धम शरणम् गच्छामि
श्रावस्ती को मुख्य रूप से बौद्ध धर्मस्थल के रूप में जाना जाता है। यह लखनऊ से करीब 320 किलोमीटर दूर है लेकिन वीकेंड पर आउटिंग के लिए शानदार जगह है। श्रावस्ती कौशल राज्य की राजधानी रही है जिसकी वैभवशाली गाथाएं इतिहास के पन्नों में भरी पड़ी हैं। मान्यता के अनुसार भगवान बुद्ध यहां कुछ वर्ष थे और उनकी कच्ची कुटी और पक्की कुटी यहाँ मौजूद है जहां आकर असीम शांति का अनुभव किया जा सकता है। अगर आप एक और दिन यहां बिताना चाहते हैं तो श्रावस्ती के आसपास 3 से 4 घंटे की ड्राइव में आपको इतने ऐतिहासिक स्थल दिखेंगे जिसके बारे में आप कम ही जानते हैं।
प्रयाग
3- प्रयाग: पवित्र नदियों का संगम
लखनऊ से कुछ घंटों की दूरी और आप पहुंच जाएंगे प्रयाग नगरी इलाहबाद। यहाँ गंगा, जमुना और सरस्वती नदी का संगम है जहां रोजाना श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। कुम्भ मेले में तो मानों पूरी दुनिया ही प्रयाग आकर बस जाती है। तब यहाँ का अद्भुत नजारा होता है। धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता का अनूठा संगम इस संगम तट पर ही होता है। इसके आलावा इस ऐतिहासिक शहर में बहुत कुछ ऐसा है जो आपको जानना चाहिए। स्वतंत्रता आंदोलन की छवियां प्रयाग में देखा जा सकता है। इसके आसपास भी मानिकपुर, सीतामढ़ी, प्रतापगढ़ के महाभारत कालीन स्थान घूमने वाली जगहें हैं।
देवा शरीफ
4 - देवा शरीफ: जब मन हो सूफियाना तो जरूर जाना
लखनऊ से 1 घंटे की दूरी और कुल मिलाकर 42 किलोमीटर का सफर आपको ऐसी जगह पंहुचा देगा जिसे लोग देवा शरीफ के नाम से जानते हैं। महान सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की इस दरगाह पर आने से अद्भुत अनुभव होता है। यहाँ कुछ देर बिताकर आप पूरे सप्ताह के लिए एनर्जी महसूस करेंगे। सही मायनों में खुद को ऊर्जावान बनाना है तो लखनऊ के निकट बाराबंकी के देवा शरीफ आपका स्वागत है। यहाँ पहुंचना बेहद आसान और और हमेशा गाड़िया भी उपलब्ध रहती हैं।
चित्रकूट
5- चित्रकूट: जहां भई संतन की भीड़
है तो यह जगह मध्य प्रदेश में लेकिन लखनऊ से मात्र 250 किमी की दूरी है। रामायण काल में चित्रकूट की महिमा का वर्णन किया गया है। राम वनवास के समय राम लक्ष्मण और सीता का ज्यादातर समय इसी जंगल में बिता था। इसलिए यहाँ पुरातन काल के कई मंदिर, भित्ति चित्र, गुफाएं, झरने, घाटियां देखने को मिलेंगी। हर एक जगह रहस्य्मयी और विस्मयकारी है। प्रकृति अपनी पूरी नीरवता के साथ चित्रकूट में विद्यमान है और पुरे परिवार के साथ यहाँ कुछ घंटे बिताना ही जिंदगी को नए आयाम दे सकती है।