जन्मदिन विशेष: 30 भाषाओं में गीत गा चुके हैं उदित नारायण, ऐसा है अब तक का सफर

नब्बे के दशक में अपनी दिलकश आवास से श्रोताओं के मन में अपनी जगह बनाने वाले प्रख्यात पार्श्व  गायक उदित नारायण का आज जन्म दिन है। देश  में प्रथम पंक्ति के गायकों में जहां किशोर रफी महेन्द्र कपूर और मुकेश का नाम शामिल है वहीं उदित नारायण ने अपनी गायकी से खुद को भी इस सूची में  शामिल  कर चुके हैं।

Monika
Published on: 1 Dec 2020 11:49 AM IST
जन्मदिन विशेष: 30 भाषाओं में गीत गा चुके हैं उदित नारायण, ऐसा है अब तक का सफर
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पार्श्व गायन के क्षेत्र में अलग मुकाम रखने वाले उदित नारायण जन्म दिन पर विशेष

श्रीधर अग्निहोत्री

मुम्बई: नब्बे के दशक में अपनी दिलकश आवास से श्रोताओं के मन में अपनी जगह बनाने वाले प्रख्यात पार्श्व गायक उदित नारायण का आज जन्म दिन है। देश में प्रथम पंक्ति के गायकों में जहां किशोर रफी महेन्द्र कपूर और मुकेश का नाम शामिल है वहीं उदित नारायण ने अपनी गायकी से खुद को भी इस सूची में शामिल कर चुके हैं।

इस शहर में हुआ जन्म

उदित नारायण का जन्म एक दिसंबर,1955 को बिहार के सुपौल जिले के बसई गांव में हुआ था। उनका पूरा नाम उदित नारायण झा है। उनके पिता का नाम हरे किशना झा और मां का नाम भुवनेश्वरी झा था। उदित नारायण की स्कूली शिक्षा पी.बी. स्कूल, राजबिराज से पूरी हुई जो नेपाल में स्थित है। इसके बाद उन्होंने रेडियो नेपाल में मैथिली और नेपाली लोक गाने गाकर अपने कॅरियर की शुरूआत की।

उदित नारायण

यहां से की करियर की शुरुआत

फिल्मों में पार्श्व गायन का काम उन्होंने तब शुरू किया जब उन्हे नेपाली फिल्म सिंदूर में अवसर मिला। इसके बाद 1980 में मिथुन और राकेश रोशन की आई एक हिन्दी फिल्म उन्नीस बीस में पहली बार आवाज देने का मौका मिला फिर उन्होंने गोबिन्दा और मिथुन के लिए आवाज देना शुरू किया। लेकिन 1988 में आमिर खान की फिल्म कयामत से कयामत के गीतों ने उन्हें उंचाईयों पर पहुंचा दिया। फिल्म के सारे गाने सुपरहिट हुए।

उदित नारायण

30 भाषाओं में करीब 15 हजार गीत गा चुके हैं

अब तक 30 भाषाओं में करीब 15 हजार गीत गा चुके हैं उदित नारायण को उन्हें पहली बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायन का फिल्मफेयर अवार्ड मिला। उदित नारायण को 2004 में दो प्रतिष्ठित पुरस्कार, रिकॉर्ड ऑफ द ईयर और एल्बम ऑफ द ईयर दिए गए थे। उन्हें सर्वश्रेष्ठ गायक का राष्ट्रीय पुरस्कार तीन बार मिल चुका है। जिसमें साल 2002 में फिल्म “लगान” के गाने मितवा.. दूसरी बार फिल्म “जिंदगी खूबसूरत है” के गाने छोटे-छोटे सपने और तीसरी बार फिल्म “स्वदेश” के गाने यह तारा वह तारा.. के लिए उन्हें यह खिताब दिया गया। इसके साथ ही उन्हें पांच बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का फिल्मफेयर अवार्ड भी दिया गया है।

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उन्हें यह अवार्ड फिल्म कयामत से कयामत तक, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, राजा हिंदुस्तानी, हम दिल दे चुके सनम, लगान जैसे सुपरहिट फिल्मों के लिए मिले साथ ही उनकी झोली में और भी कई पुरस्कार शामिल हैं। ऐश्वर्या राय बच्चन की फिल्म ताल के ‘ताल से ताल मिला’ गीत को सदी के सर्वश्रेष्ठ गीत के रूप में चुना गया। उदित नारायण को साल 2009 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया था। उदित नारायण की जादू भरी आवाज ने उन्हें तीन बार नेशनल अवार्ड का खिताब दिलाया है।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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