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6 साल के रिसर्च का रिजल्ट, पोर्न फिल्म देखने से बढ़ेगा धार्मिक झुकाव
न्यूयॉर्क: सुनने में थोड़ा अटपटा जरूर लगेगा लेकिन ये सच है कि एक शोध में बात सामने आई है कि जो लोग ज्यादा पोर्न फिल्मे देखते है उनमें धर्म के प्रति रुचि ज्यादा बढ़ती है। ओक्लाहोमा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि जो लोग हफ्ते में एक बार से अधिक अश्लील फिल्म (पोर्नोग्राफी) देखते हैं उनमें धार्मिक होने का अधिक रुझान रहता है। ये उनके साथ ऐसा जुड़े अपराध भाव की वजह से हो सकता है।
ऐसा इसलिए होता है...
समाजशास्त्र और धार्मिक मामलों के अस्सिटेंट प्रोफेसर और इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता सैमुएल र्पे के अनुसार, 'अश्लील चित्र देखना अंतरात्मा को दोषी महसूस करने के लिए प्रेरित कर सकता है खासकर जब कोई व्यक्ति अपने धर्म के नियम का उल्लंघन कर रहा हो।'
'सेक्स रिसर्च' नामक जर्नल में प्रकाशित इस शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि पोर्नोग्राफी देखने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है, हो सकता है कि लोग अपने व्यवहार को तर्कसंगत बनाने या जिनसे लगता है कि वे कसूरवार हैं, उससे बाहर आने के लिए यह उन्हें धर्म की ओर मुड़ते है।
पोर्नोग्राफी के साथ धर्म भी..
इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों पर 6साल तक नजर रखी और इस समय में उन्होंने पोर्नोग्राफी कितनी देखी और धार्मिक कितने रहे, इसका आकलन किया गया। तब इस नतीजे पर पहुंचा गया कि जो लोग पोर्नोग्राफी ज्यादा देखते है वो आत्म शुद्धि के लिए धर्म कार्य करते है।
1314 समूहों के रिसर्च पर आई बात सामने
इस पर वर्ल्ड के देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 1314 लोगों के एक समूह को शामिल किया गया। इस समूह ने पोर्नोग्राफी इस्तेमाल और धार्मिक आदतों से जुड़े सवालों का जवाब दिया। अध्ययन में कहा गया है कि उम्र और लिंग जैसे नियंत्रक कारकों के बाद पोर्नोग्राफी को कम धार्मिकता से जुड़ा देखा जा रहा था।
ये स्थिति तब रही जब तक पोर्नोग्राफी हफ्ते में एक बार से अधिक नहीं हो गई। ऐसी स्थिति में धार्मिकता बढ़ गई। इस शोध के बाद ये प्रमाणित हो गया कि अधिक धार्मिक होने से पोर्नोग्राफी का इस्तेमाल कम होगा और पोर्नोग्राफी बढ़ाएगी धार्मिक भावना।
हो सकता है कि कुछ पैमानों पर धार्मिकता में कमी आए पर..
इस शोध से पता चलता है कि पोर्नोग्राफी देखने से हो सकता है कि कुछ पैमानों पर धार्मिकता में कमी आए, लेकिन इसका चरम स्तर वास्तव में धर्म के प्रति झुकाव को बढ़ा सकता है या कम से कम धर्म की ओर ले जाने में अधिक सहायक हो सकता है।