ये हैं बॉलीवुड के पहले रिबेल रॉकस्टार एक्टर, जिनके जंगली अंदाज में झलकती थी रोमानियत

suman
Published on: 20 Oct 2016 10:53 AM GMT
ये हैं बॉलीवुड के पहले रिबेल रॉकस्टार एक्टर, जिनके जंगली अंदाज में झलकती थी रोमानियत
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मुंबई: जिनकी एक्टिंग में चुलबुलापन और पागलपन था, डांस की अदाओं में मदहोशी झलकती थी, वो नाम था बॉलीवुड के रिबेल एक्टर शम्मी कपूर का वे एक ऐसे एक्टर थे। जिन्होंने उमंग और उत्साह के भाव को बड़े परदे पर बहुत ही रोमांटिक अंदाज में पेश किया हैं। उन पर फिल्माएं गीतों में गजब की रोमानियत और मस्ती की भावना पिरोयी रहती थी।

चाहे कोई मुझे जंगली कहे, जुबां पर आते ही शम्मी कपूर' की तस्वीर रोमांटिक और चुलबुले अंदाज में आंखों के सामने आती है। वैसे तो उनकी एक्टिंग का लोहा सभी मानते हैं पर उन्होंने जो अपनी जंगली विशिष्ट शैली बनाई तो लोग उनके दीवाने हो गए और वो रातों रात 'स्टार' बन गए। पृथ्वीराज कपूर के बेटे रूप में मुंबई में 21 अक्टूबर, 1931 को जन्मे शम्मी सच्चे अर्थ में एक रॉकस्टार थे। उनका वास्तविक नाम शमशेर राज कपूर था।

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बॉलीवुड के रॉकस्टार

बार बार देखो हजार बार देखो और 'चाहे मुझे कोई जंगली कहे' जैसे गीतों से आज भी उनकी छवि आंखों के सामने आती है। उनको रिबेल स्टार की उपाधि भी मिली है। जिन्होंने उदासी मायूसी और देवदास की शैली से बाहर निकलकर एक्टिंग की नई शैली विकसित की। बिंदास एक्टर के रुप में शम्मी कपूर रुपहले पर्दे का एक ऐसा सितारा बने,जो अपनी एक्टिंग से लोगों का बेपनाह प्यार पाया।

शम्मी कपूर को घर में बचपन से ही फिल्मी माहौल मिला था और बड़ा होते ही उन्होंने साल 1953 में प्रदर्शित फिल्म जीवन ज्योति से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। जीवन-ज्योति बॉक्स आ ऑफिस पर असपल हुई। इसके बाद उन्होंने रेल का डिब्बा, ठोकर, लैला मजनूं, व खोज आदि फिल्में कीं।

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राजकपूर के स्टारडम के बीच बनाई खुद की छवि

वह जिस दौर में फिल्मों में आए, तब तक उनके बड़े भाई राज कपूर की मासूमियत और सधा हुआ अभिनय दर्शकों के दिल-दिमाग पर छा चुका था, लेकिन शम्मी ने अल्हड़-रोमांटिक अभिनेता की जो छवि निर्मित की, वह आज भी लोगों के जेहन में ताजा है।

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डांस का अंदाज

साल 1957 में आई फिल्म तुम सा नहीं देखा ने शम्मी को पहचान तो दी, लेकिन उन्हें मनचाही सफलता जंगली से मिली। उनके डांस करने का एक अलग ही अंदाज था, वह डांस से चाहने वालों का मन मोह लेते थे। उनके करियर की सबसे सुपरहिट फिल्मों में एन इवनिंग इन पेरिस, चाइना टाउन, कश्मीर की कली, जानवर, जंगली, तुमसा नहीं देखा, प्रोफेसर, दिल तेरा दीवाना, बह्मचारी, तीसरी मंजिल का नाम शामिल है।

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मो.रफी के आवाज उनकी एक्टिंग में निखार

गोरे-चिट्टे और लंबी-चौड़ी कदकाठी के शम्मी को सफल कलाकार बनाने में विख्यात गायक मोहम्मद रफी का बहुत बड़ा योगदान है। रफी साहब ने उनके लिए एक से बढ़कर एक गाने गाए, जिनमें ‘तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे’, ‘जन्म जन्म का साथ है’, ‘एहसान तेरा होगा मुझ पर’, ‘इस रंग बदलती दुनिया में’ और ‘निकला ना करो तुम सजधज कर’ शामिल हैं।

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उनकी फिल्म जंगली (1961) ने बॉक्स आफिस पर जबरदस्त सपलता पाई और शम्मी रातोंरात ‘स्टार’ बन गए. शम्मी ने अपने जमाने की सारी टॉप एक्ट्रेस सुरैया, मधुबाला, नूतन, आशा पारेख, मुमताज, साधना, शर्मिला टैगोर, हेमा मालिनी व कल्पना के साथ हिट फिल्में दीं।

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रील-रियल दोनों लाइफ में थे रोमांटिक

फिल्मी पर्दे पर रोमांटिक किरदारों में नजर आने वाले शम्मी असल जिंदगी में भी इश्किया मिजाज के थे। उन्होंने कभी काहिरा की नादिया गमाल से इश्क फरमाया, तो कभी फिल्म अदाकारा गीता बाली से। उन्होंने गीता बाली से शादी भी की थी, लेकिन स्मॉलपॉक्स के कारण 1965 में गीता बाली का निधन हो गया। गीता बाली ने उनके साथ 14 फिल्मों में काम किया था। गीता बाली के निधन के बाद उन्होंने 1969 में नीला देवी से शादी की। शम्मी कपूर ने मुमाताज से भी इश्क फरमाया था। कहा जाता है कि उन्होंने मुमताज को शादी का प्रस्ताव भी दिया था जिसे मुमताज ने ठुकरा दिया था।

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कई से हुए सम्मानित

शम्मी कपूर को फिल्मों में शानदार एक्टिंग के लिए फिल्मफेयर अवार्ड और बेस्ट एक्टर अवार्ड भी मिला। उन्हें साल 1995 में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड और साल 2004 में दादा साहब फाल्के अवार्ड से नवाजा गया।

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