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जब Dilip Kumar ने अपनी आखिरी फिल्म 'किला' में Rekha की तमन्ना की थी पूरी, साथ आए थे नजर
1944 में फिल्म ज्वार भाटा से शुरू हुआ करियर 1998 में फिल्म उमेश मेहरा निर्देशित फिल्म किला में जाकर रुका। इसके बाद स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने फिल्में करना कम कर दिया था।
Dilip Kumar: हिन्दी फिल्मों के ट्रेजडी किंग कहे जाने वाले युसूफ खान उर्फ दिलीप कुमार (Dilip Kumar) का फ़िल्मी सफर काफी लम्बा रहा। 1944 में फिल्म ज्वार भाटा से शुरू हुआ करियर 1998 में फिल्म उमेश मेहरा निर्देशित फिल्म किला में जाकर रुका। इसके बाद स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने फिल्में करना कम कर दिया था।
इसे संयोग ही कहा जाएगा कि अपने पूरे फिल्मी करियर में दिलीप कुमार के साथ काम करने की मंशा रखने वाली अभिनेत्री रेखा ने दिलीप कुमार की इस फिल्म में उनके साथ काम किया। फिल्मी दुनिया में दिलीप कुमार- सायरा बानो की जोड़ी बेहद हिट रही। बाद में उन्होंने सायरा बानो से विवाह भी कर लिया।
दिलीप कुमार और राज कपूर की फिल्म
करीब पांच दशक तक फिल्मी दुनिया में अपना जादू बिखेरने वाले दिलीप साहब ने राज कपूर के साथ केवल एक फिल्म अंदाज में ही काम किया। उन्होंने 'आन' 'दाग' 'देवदास' 'आजाद' 'मुगल- ए-आजम' 'गंगा जमुना' 'राम और श्याम' के अलावा पांच साल का ब्रेक लेने के बाद फिर मनोज कुमार निर्देशित फिल्म क्रांति में काम किया। यह फिल्म वैसे तो कई कलाकारों के अभिनय के लिए जानी जाती है। पर इसमें दिलीप कुमार की मुख्य भूमिका ने दर्शकों को सिनेमाहाल की खिड़की तक आने को मजबूर किया। उनका यह सफर अस्सी के दशक में भी जारी रहा जिसमें सुभाष घई के साथ उन्होंने 'विधाता' और 'सौदागर' में काम किया। इसके बाद उन्होंने शक्ति, मशाल, कर्मा में काम किया। किला उनकी आखिरी फिल्म रही।
कई सम्मानों से नवाजा गया
उनको पूरे फिल्मी जीवन में न जाने कितने ही सम्मानों से नवाजा गया। इसमें आठ तो फिल्म फेयर अवार्डस ही शामिल हैं जिसे हिन्दी फिल्मों का श्रेष्ठ अवार्ड कहा जाता है। इससे पहले उन्हें दादा साहब फाल्के अवार्ड भी मिल चुका था। एक फिल्म फेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड के अलावा नेशनल फिल्म अवार्ड, पद्मभूषण, पद्म विभूषण के अलावा पाकिस्तार में भी उन्हें निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया।