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Sandhya Mukhopadhyay: मशहूर बंगाली गायिका संध्या मुखर्जी जिसने पद्म श्री लेने से किया था इनकार, ऐसी रही इनकी संगीत यात्रा
Sandhya Mukhopadhyay passes away: संध्या मुखर्जी का जन्म 4 अक्टूबर 1931 को कलकत्ता में हुआ था ।
Sandhya Mukhopadhyay passes away: मशहूर बंगाली गायिका संध्या मुखर्जी (Sandhya Mukherjee) जिनकी सुरीली आवाज ने सभी को दीवाना बनाया , का 15 फ़रवरी मंगलवार शाम को दिल का दौरा पड़ने से निधन (Sandhya Mukhopadhyay passes away) हो गया। संध्या मुखर्जी 90 वर्ष की थीं और उनके परिवार में केवल उनकी बेटी सौमी सेनगुप्ता हैं।
संध्या मुखर्जी का (Sandhya Mukherjee Birth) जन्म 4 अक्टूबर 1931 को कलकत्ता के धाकुरिया में एक रेलवे अधिकारी नरेंद्रनाथ मुखर्जी और हेमप्रोवा देवी के यहाँ हुआ था। संध्या छह बच्चों में सबसे छोटी थी।
संध्या ने अपना संगीत प्रशिक्षण पंडित संतोष कुमार बसु, प्रोफेसर ए टी कन्नन और प्रोफेसर चिन्मय लाहिड़ी के निर्देशन में किया था । उनके गुरु उस्ताद बड़े गुलाम अली खान थे, उनके बाद उनके बेटे उस्ताद मुनव्वर अली खान थे, जिनके साथ रह कर उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत में महारत हासिल की।
करियर की शुरुआत हिंदी गाने से की
पार्श्व गायन की चमक हासिल करने के बाद भी संध्या शास्त्रीय गायिका के रूप में अपनी लोकप्रियता बनाए रखने में सफल रही थी। अपने करियर (Sandhya Mukherjee career) की शुरुआत गायिका ने मुंबई में हिंदी फिल्म ताराना के एक गाने से की थी। लेकिन फिर अचानक 17 हिंदी गाने करने के बाद उन्होंने अपने घर कोलकाता वापस जाने का फैसला किया। वहा उन्होंने 1966 में बंगाली कवि श्यामल गुप्ता से शादी (Sandhya Mukherjee Married to Shyamal Gupta) की। श्यामल गुप्ता ने उनके कई गीतों के बोल लिखे थे।
इस बंगाली गायक के साथ गाये सबसे ज्यादा हिट गाने
संध्या मुखर्जी को सबसे ज्यादा बंगाली गायक हेमंत मुखर्जी (Hemant Mukherjee) के साथ गाने के लिए याद किया जायेगा। दोनों ने मिलकर कई बंगाली फिल्मों के लिए गीत गाये। हेमंत मुखर्जी और संध्या बंगाली सुपरस्टार उत्तम कुमार और अभिनेत्री सुचित्रा सेन सहित अन्य कई स्टार्स की आवाज बने।
बता दें, मशहूर बंगाली गायिका संध्या मुखर्जी को हाल ही में गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान पद्म श्री पुरस्कार देने के लिए बुलाया गया था। लेकिन इस पुरस्कार को लेने से गायिका ने इनकार कर दिया था (sandhya mukherjee refuses padma shri award) । बेटी सौमी सेनगुप्ता ने बताया था कि पद्म श्री प्राप्तकर्ता के रूप में नामित होने को तैयार नहीं थी। उनका कहना था लगभग आठ दशकों से भी अधिक गायन करियर के साथ 90 साल की उम्र में पद्म श्री के लिए उनका चुना जाना "अपमानजनक" था।