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Shahrukh Khan Family: शाहरूख खान के परिवार का इतिहास क्या है जानिए पाकिस्तान से लेकर कश्मिर तक नाता
Shahrukh Khan Birthday: शाहरूख खान आज अपना 59वॉ जन्मदिन मना रहे हैं, चलिए जानते हैं शाहरूख खान के जन्मिदन पर उनके परिवार के इतिहास के बारे में
Shahrukh Khan Birthday: शाहरूख खान बॉलीवुड के सबसे प्रसिद्ध सुपरस्टार में से एक हैं। Shahrukh Khan को किसी के पहचान की आवश्यकता नहीं हैं। आज वो अपना 59वॉ जन्मदिन (Shahrukh Khan Birthday) मना रहे हैं। Shahrukh Khan के जन्मदिन के अवसर पर हर कोई उनको जन्मदिन की बधाई दे रहा है। उनके फैमिली मेंबर से लेकर फैंस तक लेकिन आज हम शाहरूख खान के किसी फिल्म के बारे में नहीं बल्कि उनके परिवार के बारे में बात करने जा रहे हैं। शाहरूख खान के पत्नी और बच्चों के बारे में तो हर किसी को पता है लेकिन आज हम शाहरूख खान (Shahrukh Khan Family) के पूरे परिवार के बारे में बात करने जा रहे हैं।
शाहरूख खान के परिवार का इतिहास क्या है (Shahrukh Khan Family History)-
शाहरूख खान का जन्म 2 नवंबर 1965 (Shahrukh Khan Date Of Birth) में नई दिल्ली में हुआ था। शाहरूख खान का बॉलीवुड को एक अलग मुकाम पर पहुँचाने में काफी बड़ा योगदान है। शाहरूख खान के पिता का नाम ताज मोहम्मद खान था। जोकि एक बिजनेसमैंन, नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे। शाहरूख खान की एक बहन भी है, जिनका नाम शहनाज लारूख है। जोकि शाहरूख खान से बड़ी हैं। शाहरूख खान की माता का नाम लतीफ फातिमा (Shahrukh Khan Mother) था। जोकि एक मजिस्ट्रेट और सोशल वर्कर थी। शाहरूख खान के परिवार की जड़े कश्मिर से लेकर पेशावर तक फैली हुई है।
शाहरूख खान के दादा एक अभियंता (Shahrukh Khan Grand Father) थे। शाहरूख खान के पिता मीर ताज मोहम्मद (Shahrukh Khan Father) अपने भाई-बहन मियां मुहम्मद, गुलाम मुहम्मद उर्फ गामा, अल्लाह बख्श और खान मुहम्मद और बेटी खेर जान के बाद जान मुहम्मद के सबसे छोटे बेटे थे। जिनका जन्म विभाजन से पहले पेशावर में हुआ था। ताज मोहम्मद ने पेशावर के एडवर्ड्स कॉलेज से स्नातक किया है। शाहरूख खान ने एक बार खुद बताया था कि उनके पिता देश के सबसे कम उम्र के स्वतंत्रता सेनानी थे। विभाजन के बाद, मीर ताज मोहम्मद ने पेशावर को छोड़ दिया और 1948 में दिल्ली चले गए। शाहरूख खान ने आगे बताया था कि उनके दादा इफ्तिखार अहमद थे। वह कर्नाटक राज्य के मुख्य अभियंता थे और उन्होंने मैंगलोर बंदरगाह का निर्माण किया था।