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Sherni Review: अंदर तक झकझोंर देगी विद्या बालन की 'शेरनी', फिल्म देखने से पहले पढ़ लें रिव्यू

Sherni Review: फिल्म शेरनी की कहानी मुख्य रूप से जंगल, एक शेरनी और वन विभाग की कार्य प्रणाली के आस- पास घूमती है। इस फिल्म में विद्या वन अधिकारी का किरदार निभा रही हैं।

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Newstrack NetworkPublished By Ashiki
Published on: 18 Jun 2021 9:41 AM IST (Updated on: 18 Jun 2021 9:47 AM IST)
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फिल्म शेरनी में विद्या बालन का एक लुक (फोटो- सोशल मीडिया) 

Sherni Review: विद्या बालन (Vidya Balan) की फिल्म 'शेरनी' OTT प्लेटफार्म पर रिलीज हो गयी है। इसे आप एमेजॉन प्राइम पर देख पाएंगे। फिल्म शेरनी की कहानी मुख्य रूप से जंगल, एक शेरनी और वन विभाग की कार्य प्रणाली के आस- पास घूमती है। इस फिल्म में विद्या वन अधिकारी का किरदार निभा रही हैं। विद्या की इस फिल्म का इंतजार फैंस काफी समय से कर रहे थे और अब फिल्म रिलीज हो गयी है। तो 2 घंटे की फिल्म देखने से पहले यहां पढ़ लीजिये इसका रिव्यू...

एक्ट्रेस विद्या बालन की फिल्म 'शेरनी, की खूबी ये है कि ये फिल्म लगती ही नहीं, बल्कि ऐसा लगता है कि आप बिल्कुल सच को जी रहे हों। विकास के नाम पर घटता हुआ जंगल, पेड़ लगाने के नाम पर मवेशियों को चराने की जगह को घेरना, जंगल के बीच बने नेशनल हाईवे और कुदरत के तोहफ़ों को चूसने के लिए होती हुई माइनिंग। आपको पहली बार अहसास होगा कि कुदरत के साथ छेड़छाड़ करके हम जानवर बनते जा रहे हैं। पॉलिटिक्स, बाबूगिरी और शेरों का शिकार करके खुद को सबसे बड़ा शिकारी साबित करने की होड़ में शेरनी एक ऐसी कहानी है, जो आपको पूरे 2 घंटे तक बांध कर रखती है।

क्या है 'शेरनी' की कहानी

फिल्म शेरनी की कहानी मुख्य रूप से जंगल, एक शेरनी और वन विभाग की कार्य प्रणाली के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में अभिनेत्री विद्या बालन, वन विभाग की एक अधिकारी का करदार निभा रही हैं, जिसका नाम विद्या विंसेंट है। विद्या एक ऐसे क्षेत्र में है, जहां ज्यादातर मर्द काम करते हैं और उनकी सोच बहुत शैविनिस्टिक है, जो मानते हैं कि मर्द ही सब कुछ हैं। पूरी कहानी एक शेरनी पर आधारित है, जिसे विद्या सुरक्षित रखना चाहती है, जबकि वन विभाग व कुछ अन्य लोग उसका शिकार करना चाहते हैं। वहीं इन सब के बीच में राजनीति कैसे कामों पर असर डालती है, ये भी फिल्म में दिखाया गया है। विद्या बालन, शेरनी को बचा पाती है या नहीं, ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।


कलाकारों की एक्टिंग...

इस फिल्म में सभी कलाकारों ने उम्दा प्रदर्शन किया है। फिल्म की खासियत ये है कि इसके किरदार भी हीरो नज़र नहीं आते। विद्या बालन की ये अब तक की सबसे रियलिस्टिक परफॉरमेंस है। कोई हीरोगिरी नहीं, कोई बनावटी नहीं, बेबसी इस शेरनी का गहना है। हालांकि एक ही फिल्म में कई बेहतरीन कलाकार होने पर फिल्म में आपको एक बात खटकती कि कलाकारों की स्क्रीन टाइम कम रहा है। विद्या बालन के साथ ही विजय राज, बृजेन्द्र काला, शरत सक्सेना, नीरज काबी और मुकुल चड्ढा सहित सभी अभिनेताओं ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है।

कैसा है निर्देशन ?

इस फिल्म की कहानी में 'कहानी' ही हीरो है। आस्था टीकू की लिखी कहानी इतनी ज़बरदस्त है। स्क्रीनप्ले यशवंत और डायरेक्टर अमित ने मिलकर लिखा है। अमित की शेरनी देखकर, आपको न्यूटन की याद आ जाती है... बिल्कुल न्यूटन जैसी ही सच्ची कहानी, सच्चे किरदार। उस फिल्म को भी अमित मसुरकर ने डायरेक्ट किया था। इस फिल्म की एक खासियत ये है कि फिल्म में जबरदस्ती का मिर्च मसाला नहीं लगाया गया है।


देखें या नहीं ?

अगर आपको मसाला फिल्म पसंद है ये तो फिल्म आपके लिए नहीं हैं। बाकी फिल्म की कहानी, एक्टिंग जबरदस्त है। आपको फिल्म से हटकर समाज के कुछ मुद्दों पर रोशनी पड़ती दिखाई देगी। फिल्म दिखाता है कि मध्य प्रदेश का वन विभाग जंगल में बसे लोगों को कैसे रोजी रोटी में मदद कर रहा है। कैसे जंगल में बसे लोगों को जंगल का दोस्त बनाकर जंगलों और इंसानों दोनों को बचाया जा सकता है। इसके अलावा वन विभाग की अधिकारी विद्या का अपने परिजनों की इच्छाओं के चलते अपनी इच्छाओं को मारना हो या फिर काम- काज पर राजनीति का असर ये सब देखने को मिलेगा।



Ashiki

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