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Anuradha Paudwal : गुलशन कुमार और अनुराधा पौडवाल का था अफेयर? सिर्फ T- series के लिए गाने क्यों गाती हैं गायिका, जानें पूरी सच्चाई
Anuradha Paudwal Gulshan Kumar: अनुराधा पौडवाल ने अमिताभ बच्चन और जया बच्चन अभिनीत अभिमान के साथ गायन की दुनिया में अपनी करियर की शुरुआत की थी। अनुराधा पौडवाल को 2017 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
Anuradha Paudwal Gulshan Kumar: अनुराधा पौडवाल (Anuradha Paudwal) ने अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और जया बच्चन ( Jaya Bachchan) अभिनीत अभिमान (Ambhiman) के साथ गायन की दुनिया में अपनी करियर की शुरुआत की थी। करीब पांच दशकों के करियर के साथ, उन्होंने वर्षों में एक हजार से अधिक गाने गाए। अनुराधा पौडवाल (Anuradha Paudwal) को 2017 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। अनुराधा ने न केवल हिंदी, मराठी, तमिल, ओडिया, नेपाली, बंगाली और कन्नड़ फिल्मों में गाने गाए। अनुराधा फिल्मों में गानों के अलावा कई भजनों के पीछे की आवाज भी बनी।
अनुराधा इंडस्ट्री में अगली लता मंगेशकर बनें
अनुराधा पौडवाल (Anuradha Paudwal) को बॉलीवुड में पहला ब्रेक टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार (T-Series founder Gulshan Kumar) ने दिया था। वह चाहते थे कि अनुराधा इंडस्ट्री में अगली लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) बनें। उस समय का हर गायक टी-सीरीज़ के साथ काम करना चाहता था। इस संगीत कंपनी के साथ हाथ मिलाकर अनुराधा का करियर काफी ऊपर चढ़ गया। अनुराधा ने जहां कुछ चार्टबस्टर गाने गाकर शिखर को छुआ। वहीं, गुलशन के साथ उनके कथित अफेयर ने अफवाहों को हवा दे दिया। ये अफवाहें जंगल की आग की तरह फैलने लगीं। फिर अनुराधा का एक ऐसा निर्णय आया जिसने उनके करियर को हमेशा के लिए बदल दिया।
गुलशन के निधन ने अनुराधा को झकझोर कर रख दिया
गुलशन (T-Series founder Gulshan Kumar) ने जहां अनुराधा को उनके करियर में सपोर्ट किया था, वहीं उनके दिल में उनके लिए सॉफ्ट कॉर्नर बना लिया था। 1997 में गुलशन की 16 बार गोली लगने के बाद मुंबई के जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर हत्या कर दी गई थी। गुलशन (T-Series founder Gulshan Kumar) के दुखद निधन ने अनुराधा को झकझोर कर रख दिया था।
ग्लैशम के साथ 2014 के एक साक्षात्कार में जब अनुराधा पौडवाल (Anuradha Paudwal) से गुलशन कुमार (T-Series founder Gulshan Kumar) के साथ उनके समीकरण के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने तीखे लहजे में जवाब दिया, " "मैं सभी भाषाओं और शैलियों में सफलतापूर्वक गाने के लिए बेहद धन्य हूं। संगीत मेरी जिंदगी है। बॉलीवुड और भजनों में समान रूप से सफल होना वैष्णव मां और मेरे गुरु गुलशनजी की मार्केटिंग की गहरी समझ के कारण ही संभव था। बॉलीवुड हर चीज की शुरुआत और अंत नहीं है। इसके आगे भी जीवन है।"
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