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Singer Madhushree: बेहतरीन आवाज की मल्लिका हैं मधुश्री, जो हुई बॉलीवुड के पॉलिटिक्स का शिकार, जानें कहानी

Singer Madhushree: मधुश्री बॉलीवुड इंडस्ट्री की एक ऐसी फीमेल सिंगर है जिनकी आवाज में ऐसा जादू है कि कोई सुन ले तो दीवाना हो जाए। हालांकि, अपनी इस बेहतरीन आवाज के बावजूद भी उन्हें सही पहचान हासिल नहीं हो सकी।

Richa Vishwadeepak Tiwari
Published on: 17 Nov 2023 9:30 AM IST (Updated on: 17 Nov 2023 9:30 AM IST)
Singer Madhushree
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Singer Madhushree : बॉलीवुड इंडस्ट्री में कई लोग अपना करियर बनाने के लिए पहुंचते हैं। इनमें से कुछ यहां पर बेहतरीन नाम हासिल कर लेते हैं और कुछ ऐसे होते हैं जो काम करने के बावजूद भी वह पहचान हासिल नहीं कर पाते जो उन्हें मिलनी चाहिए। कुछ लोग थोड़ी बहुत प्रोजेक्ट में नजर आने के बाद इस दुनिया को अलविदा कहते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपना संघर्ष लगातार जारी रखते हैं। हम आपको एक ऐसी ही खूबसूरत आवाज की मल्लिका से रूबरू करवाते हैं जिन्होंने गाने तो बहुत गए लेकिन कभी उन्हें वह पहचान और काम नहीं मिला जो उन्हें मिलना चाहिए था।

काम कर के भी नहीं मिला नाम

कभी नीम नीम कभी शहद शहद, प्रेम आग में, हम है इस पल यहां शानदार गानों में अपनी आवाज देने वाली इस सिंगर के दो-दो नाम है। इनका नाम वैसे तो सुजाता भट्टाचार्य है लेकिन इन्हें ऑन स्क्रीन मधुश्री के नाम से पहचाना जाता है और यह ए आर रहमान की खोज कही जाती है। दूसरी एक ऐसी सिंगर है जो जब गाना गाती हैं तो अच्छे-अच्छे कदम पर रखने पर मजबूर हो जाते हैं लेकिन उन्हें आज तक वह पहचान नहीं मिल पाई जो उन्हें मिलना चाहिए थी।

काम के लिए खाई ठोकर

कान्हा सो जा जरा, चंदा मेरी चंदा तुझे कैसे मैं बताऊं जैसे अनेकों खूबसूरत गाने गाने वाली यह सिंगर अपनी बेहतरीन आवाज का जादू चलाना बखूबी जानती हैं। सुंदर आवाज की मलिका होने के साथ बेहतरीन गाना गाने के बावजूद भी उन्होंने ऐसा समय भी देखा है जब उनके पास कोई काम नहीं था और उनका पूरा समय सिर्फ टेंशन में गुजर रहा था। उन्होंने बॉलीवुड के एक दो या चार लोगों को नहीं बल्कि 4400 लोगों को अपने गाने की रिकॉर्डिंग भेजी ताकि उन्हें काम मिल सके।

इंडस्ट्री में देखा पॉलिटिक्स

मधु श्री 90 के दशक में सिंगर बनने का सपना लेकर मुंबई पहुंची थी। यहां उनकी आवाज को पसंद तो किया गया लेकिन उन्हें इसके लिए कई सारे रिजेक्शन भी झेलना पड़े। वह मौके भी आए जब उन्हें काम तो दिया गया लेकिन इंडस्ट्री में चलने वाले पॉलिटिक्स की वजह से उनके हाथ से सारा काम निकल गया। दूसरी के बारे में कभी यह कहा जाता था कि वह तो मुंबई में रहती ही नहीं है तो कभी-कभी स्टूडियो की बुकिंग को एंड मोमेंट पर कैंसिल कर दिया जाता था। इंडस्ट्री की इस पॉलिटिक्स से मधुश्री इतना ज्यादा परेशान हो गई थी कि एक समय उन्होंने देश से बाहर जाकर दूसरे देश में संगीत सिखाना शुरू कर दिया था।

सिंगर घराने से हैं मधुश्री

मधुश्री का ताल्लुक एक सिंगर घराने से ही है और उनके पिता और माता खुद शास्त्रीय संगीत के गायक हुआ करते थे। कोलकाता में रहकर उन्होंने अपने माता-पिता से ही संगीत का ज्ञान लिया और इसके बाद कोलकाता में काफी अच्छी पहचान हासिल की लेकिन अब समय आ गया था कि वह मुंबई जाकर संघर्ष करें और अपने प्लेबैक सिंगर बनने का सपना साकार करें। कोलकाता से मुंबई आने तक उन्होंने कई लोगों को अपने आवास की रिकॉर्डिंग भेजी लेकिन उन्हें कहीं से भी कोई जवाब नहीं मिला। 1999 में उन्होंने अपना पहला म्यूजिक एल्बम लॉन्च किया।

जावेद अख्तर ने दिया मौका

2001 में वह मौका आया जब सुजाता की भेजी गई क्लिप को जावेद अख्तर ने सुना और उनसे कांटेक्ट कर उन्हें राजेश रोशन के पास भेजा। राजेश फिल्म पर काम कर रहे थे उसमें पहले से ही अलका याग्निक और कविता कृष्णमूर्ति से गाना गवाई जाने की बात हो चुकी थी लेकिन जावेद अख्तर ने भेजा था इसलिए मना नहीं किया जा सकता था। हालांकि फिर इस फिल्म के गाने के लिए जब अलका अवेलेबल नहीं हो पाई तो वह सुजाता को दे दिया गया। इसके बाद भी उनके संघर्ष का सिलसिला खत्म नहीं हुआ।

ए आर रहमान ने बनाया मधुश्री

जब बॉलीवुड में कोई काम नहीं मिला तो सुजाता काम की तलाश में साउथ इंडस्ट्री की और बढ़ी और चेन्नई चली गई। सोलंकी उन्हें यहां पर भी ठीक ढंग से काम नहीं मिल पा रहा था लेकिन काफी कोशिशें के बाद वह ए आर रहमान के संपर्क में आई और जब रहमान ने उनकी आवाज सुनी तो वह उन्हें बहुत पसंद आई और इसके बाद उन्हें एक फिल्म में तीन गाने गाने का मौका दिया गया। रहमान को उनकी आवाज बहुत पसंद आई और उन्होंने ही सुजाता को मधुश्री नाम दिया और इसके बाद वह मधुश्री के नाम से पहचानी जाने लगी। इसके बाद उन्हें फिल्मों में मौका तो दिया गया लेकिन फिर भी उन्हें वह पहचान हासिल नहीं हो पाई जो बॉलीवुड इंडस्ट्री के अन्य महिला सिंगर्स के पास थी। तरह से एक टैलेंटेड सिंगर बेहतरीन आवाज होने के बावजूद भी काम की तलाश में दर दर भटकती रह गई और जो काम किया उससे भी उन्हें नहीं सराहा गया।



Richa Vishwadeepak Tiwari

Richa Vishwadeepak Tiwari

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मैं रिचा विश्वदीपक तिवारी पिछले 12 सालों से मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हूं। 2011 से मैंने इस क्षेत्र में काम की शुरुआत की और विभिन्न न्यूज चैनल के साथ काम करने के अलावा मैंने पीआर और सेलिब्रिटी मैनेजमेंट का काम भी किया है। साल 2019 से मैंने जर्नलिस्ट के तौर पर अपने सफर को शुरू किया। इतने सालों में मैंने डायमंड पब्लिकेशंस/गृह लक्ष्मी, फर्स्ट इंडिया/भारत 24, UT रील्स, प्रातः काल, ई-खबरी जैसी संस्थाओं के साथ काम किया है। मुझे नई चीजों के बारे में जानना, लिखना बहुत पसंद हैं , साथ ही साथ मुझे गाना गाना, और नए भाषाओं को सीखना बहुत अच्छा लगता हैं, मैं अपने लोकल भाषा से बहुत प्रभावित हु जिसमे , अवधी, इंदौरी, और बुंदेलखंडी आती हैं ।

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