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स्मृति शेष मो.अजीज: आजकल याद कुछ रहता नहीं-एक बस आपकी याद आने के बाद...
मोहम्मद अजीज ने अलग-अलग भाषाओं में 20 हजार से अधिक गाने गाए। दो जुलाई 1954 पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के अशोकनगर में जन्में मोहम्मद अजीज को उनके कई सुपरहिट गानों के लिए याद किया जाता है। अजीज ने हिंदी के अलावा उड़िया और बांग्ला में भी गाने गाए।
मुंबई: बॉलीवुड फिल्मों के मशहूर प्लेबैक सिंगर मोहम्मद अजीज ने मंगलवार को अंतिम सांस ली। उनकी उम्र 64 साल थी। जानकारी के मुताबिक, एयरपोर्ट पर मोहम्मद अजीज को हार्ट में परेशानी हुई। ड्राइवर ने उन्हें नानावती अस्पताल पहुंचाया और सिंगर की बेटी को इस बात की जानकारी दी। अस्पताल में उनका निधन हो गया। अजीज के निधन की खबर मिलते ही फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई।
मोहम्मद अजीज ने अलग-अलग भाषाओं में 20 हजार से अधिक गाने गाए। दो जुलाई 1954 पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के अशोकनगर में जन्में मोहम्मद अजीज को उनके कई सुपरहिट गानों के लिए याद किया जाता है। अजीज ने हिंदी के अलावा उड़िया और बांग्ला में भी गाने गाए।
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फिल्म जगत में शोक की लहर
गायिका लता मंगेशकर ने ट्वीट कर लिखा- गुणी, गायक और बहुत अच्छे इंसान मोहम्मद अजीज, जिन्हें हम मुन्ना भाई कहते थे, उनके निधन का समाचार मुझे मिला। जिसे सुनकर मुझे बेहद दुख हुआ। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
नावेद जाफरी ने भी ट्वीट कर शोक जताया। उन्होंने लिखा, 'महान सिंगर मोहम्मद अजीज (मुन्ना अजीज) साहब का निधन हो गया। उनकी आत्मा को शांति मिले। भगवान उनके परिवार को इस नुकसान को सहने की ताकत और धैर्य प्रदान करे।'
सिंगर शान ने भी ट्वीट कर लिखा- मुन्ना अजीज दा के निधन की खबर सुनकर बहुत सदमा लगा। उनके अचनाक चले जाने से बेहद दुख है। फिल्म मेकर अशोक पंडित ने भी मोहम्मद अजीज के निधन पर दुख जताया।
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अजीज के कुछ लोकप्रिय गीत
- आजकल याद कुछ रहता नहीं (1986)
- ऐसी अपनी जोड़ी ऐसा अपना प्यार (1988)
- मितवा भूल न जाना... (1988 )
- लाल दुपट्टा मलमल का... (1989)
- मैं से मीना से न साकी से... ( 1987)
रेस्त्रां में एक सिंगर के तौर पर शुरू किया था अपना करियर
मोहम्मद रफी की आवाज का फैन होने की वजह से मोहम्मद अजीज को बचपन से ही गाने का शौक था। मो अजीज ने कोलकाता के गालिब रेस्त्रां में एक सिंगर के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। इसके बाद उन्होंने बांग्ला फिल्म 'ज्योति' से फिल्मों में गायन की शुरुआत की। फिर वह 1980 के दशक की शुरुआत में अपनी किस्मत आजमाने मुंबई आ गये। उनकी पहली हिंदी फिल्म 'अम्बर' थी, जो 1984 में रिलीज हुई थी।
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'मर्द' फिल्म के लिए टाइटल सॉन्ग 'मर्द टांगेवाला...' गाने का मौका मिला
उन्हीं दिनों मनमोहन देसाई अमिताभ बच्चन को लेकर फिल्म 'मर्द' बना रहे थे| इस फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर अनु मलिक थे। संघर्ष के दिनों में चूंकि मोहम्मद अजीज और अनु मलिक एक-दूसरे को जानते थे और अनु अजीज के फन से वाकिफ थे, ऐसे में उन्होंने अजीज को 'मर्द' फिल्म के लिए टाइटल सॉन्ग 'मर्द टांगेवाला...' गाने का मौका दिया।
यह गाना जबरदस्त हिट हुआ। मोहम्मद अजीज चूंकि बॉलीवुड में तब नये थे, तो लोगों को लगा कि यह गाना यह शब्बीर कुमार ने गाया गाया है। जो भी हो 'मर्द टांगेवाला...' मोहम्मद अजीज के करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ।
जब वह काम के अभाव में घर पर बैठ गये
अपने तीन दशक लंबे करियर में मोहम्मद अजीज को कल्याणजी-आनंदजी, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, राहुल देव बर्मन, नौशाद, ओपी नैय्यर, बप्पी लाहिड़ी, राजेश रोशन, राम-लक्ष्मण, रवींद्र जैन, उषा खन्ना, आनंद-मिलिंद, नदीम-श्रवण, जतिन-ललित, अनु मलिक, दामोदार राव, आनंद राज आनंद और आदेश श्रीवास्तव जैसे म्यूजिक डायरेक्टर्स के साथ गाना गाने का मौका मिला। एक समय में बॉलीवुड के सुपरहिट प्लेबैक सिंगर बन चुके मो अजीज के करियर में ऐसा दौर भी आया, जब वह काम के अभाव में घर पर बैठ गये और धीरे-धीरे गुमनामी के अंधेरों में खो गये।