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सामाजिक बहिष्कार एक बुराई है, जिसने लोगों को बांटा : रितुपर्णा

Rishi
Published on: 1 Oct 2017 11:24 AM
सामाजिक बहिष्कार एक बुराई है, जिसने लोगों को बांटा  : रितुपर्णा
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मुंबई : लैंगिक भेदभाव के खिलाफ एक अभियान का समर्थन करने वाली अभिनेत्री रितुपर्णा सेनगुप्ता का कहना है कि सामाजिक बहिष्कार एक बुराई है, जिसने लोगों को बांटा है। अभियान का टीजर 'नो कंडीशन्स अप्लाई' पिछले महीने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लांच हुआ था।

अभियान के समर्थन में एक लघु फिल्म भी दिखाई जाएगी, जो सात अक्टूबर को रिलीज होगी।

अभियान में उन महिलाओं के अनुभवों के बारे में बताया गया है जिनके साथ भेदभाव हुआ और जब उन्हें दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान सिंदूर खेला में भाग लेने की अनुमति मिली तो उन्हें कैसा महसूस हुआ।

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इस अभियान के जरिए रितुपर्णा भेदभाव से परे जाकर अविवाहित, तलाकशुदा, विधवा, ट्रांसजेंडर, यौन कर्मी, समलैंगिक सभी का सिंदूर खेला में स्वागत करना चाहती हैं।

रितुपर्णा ने अपने बयान में कहा, "मैं इस अभियान के संदेश में पूरी तरह से विश्वास करती हूं। समाज के हर वर्ग की महिला को हर त्योहार को अपने परिवार और दोस्तों के साथ समान रूप से मनाने का अधिकार है। सिंदूर दिव्यता, प्रेम, शांति, आशीर्वाद और पूर्वाग्रह के खिलाफ विद्रोह का प्रतीक है, इसलिए महिलाओं का इसके साथ मजबूत जुड़ाव है।"

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उन्होंने कहा, "महिलाओं का अस्तित्व खुशी से भरा होना चाहिए न कि डरा हुआ। सामाजिक बहिष्कार एक बुराई है, जिसने हमें बांटने का काम किया है और यह जरूरी है कि हम इस बुराई से लड़कर इस सोच को जड़ से खत्म कर दें। सिंदूर खेला एक ऐसा ही अवसर है और इस अभियान 'नो कंडीशन्स अप्लाई' के जरिए हम सकारात्मक बदलाव लाने और समाज में जीवन के हर क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं को स्वीकार किए जाने की उम्मीद करते है।"

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अभिनेत्री का अन्य हस्तियों जैसे गार्गी रॉय चौधुरी, मानोबी बंदोपाध्याय और सोहिनी सेनगुप्ता ने समर्थन किया है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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