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'पद्मावती' पर विशेष समिति की भूमिका परामर्श तक थी : प्रसून जोशी

Rishi
Published on: 1 Jan 2018 4:59 PM IST
पद्मावती पर विशेष समिति की भूमिका परामर्श तक थी : प्रसून जोशी
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मुंबई : केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने सोमवार को कहा कि विवादित फिल्म 'पद्मावती' के प्रमाणन के लिए विशेष समिति का गठन सलाह लेने के उद्देश्य से किया गया था और अंतिम फैसला हमेशा सेंसर बोर्ड के हाथ में रहेगा। प्रसून का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब ऐसी खबरें आई हैं कि सीबीएफसी समिति ने विशेष समिति के कुछ सदस्यों की आपत्तियों के बावजूद शीर्षक में बदलाव सहित पांच संशोधनों के साथ 'पद्मावती' को यू/ए प्रमाण-पत्र देने का फैसला किया है।

प्रसून ने कहा, "सीबीएफसी के फैसले में सलाह के कुछ हिस्सों को जगह मिली है, लेकिन जैसा कि कहा गया है कि प्रमाणन का अंतिम फैसला सीबीएफसी समिति का है, जिसका व्यवहारिक और संतुलित नजरिया है। इसे लेकर अनावश्यक विवाद नहीं खड़ा करना चाहिए।"

ये भी देखें : पद्मावती या ‘पद्मावत’ ! प्रसून जोशी से जानिए क्या है पूरा मामला

पिछले हफ्ते सीबीएफसी ने प्रसून की मौजूदगी और विशेष समिति के सदस्यों -उदयपुर के अरविंद सिंह, इतिहासकार चंद्रमणि सिंह और जयपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के.के. सिंह- की मौजूदगी में हुई बैठक के बाद अपने फैसले की घोषणा की थी।

मेवाड़ राजवंश के 76वें वंशज व पूर्व लोकसभा सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ ने संजय लीला भंसाली निर्देशित फिल्म को प्रमाणित किए जाने को जनता के साथ धोखा बताते हुए 31 दिसंबर, 2017 को प्रसून की निंदा की थी।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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