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Uma Dasgupta Death: नहीं रहीं 'पाथेर पांचाली' की दुर्गा
Uma Dasgupta Death: पाथेर पांचाली के साथ सत्यजीत रे खुद बतौर फिल्म निर्देशक के रूप में शुरुआत कर रहे थे। उन्हें उमा के पिता पल्टू दासगुप्ता को बेटी को अभिनय करने की इजाजत देने के लिए काफी जोर लगाना पड़ा था।
Uma Dasgupta Death: महान फिल्मकार सत्यजीत रे की पत्नी उमा ने सिर्फ एक फिल्म में काम किया था और वह थी उनके पति की शानदार कृति ‘पाथेर पांचाली’ लेकिन इस फिल्म में उनके दिल को छू लेने वाले अभिनय ने उमा का नाम अमर कर दिया। उमा ने पाथेर पांचाली में एक वृद्ध महिला दुर्गा का किरदार निभाया था। अपने उत्कृष्ट अभिनय के बावजूद उन्होंने न तो फिर से अभिनय किया और न ही वे लाइमलाइट में आने को तैयार थीं।
उमा सेन, जिन्हें सत्यजीत रे की दुर्गा के रूप में पाथेर पांचाली के प्रशंसकों के बीच जाना जाता है, का 18 नवम्बर की सुबह कोलकाता के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 84 वर्ष की थीं। उनके परिवार में उनकी बेटी श्रीमोई और बेटा सौरव हैं।
उमा चार बेटियों में सबसे छोटी
पाथेर पांचाली के साथ सत्यजीत रे खुद बतौर फिल्म निर्देशक के रूप में शुरुआत कर रहे थे। उन्हें उमा के पिता पल्टू दासगुप्ता को बेटी को अभिनय करने की इजाजत देने के लिए काफी जोर लगाना पड़ा था। पल्टू दासगुप्ता मोहन बागान टीम के फुटबॉलर थे। उमा चार बेटियों में सबसे छोटी थीं और बेलतला गर्ल्स स्कूल में पढ़ती थीं। उनका परिवार भवानीपुर में रूपचंद मुखर्जी लेन में रहता था। उन्होंने एक बार बताया था कि सत्यजीत रे ने उन्हें स्कूल में स्टेज शो करते समय देखा था। उनकी तीसरी बहन सुलेखा, ने उनके पिता को उमा को फिल्म में काम करने की इजाजत देने में मदद की। उमा के पिता ने उमा को फिल्म के लिए कोई भी पैसा लेने से मना कर दिया। इसलिए रे ने उन्हें रवींद्र रचनावली की पुस्तकें उपहार में दीं।
उमा ने कोई दूसरी फिल्म क्यों नहीं की इसके बारे में कहा जाता है कि उन परिवार के बीच यह समझौता था कि वह सिर्फ एक ही फिल्म करेंगी।
जादवपुर विद्यापीठ में अध्यापिका
सत्यजीत रे के निधन के बाद से उमा अपने कोलकाता स्थित सदर्न एवेन्यू फ्लैट में अकेली रहीं। वह जादवपुर विद्यापीठ में अध्यापिका थीं और 2000 में रिटायर हुईं थीं। उनके परिचित बताते हैं कि उन्हें अजनबियों द्वारा फिल्म के बारे में पूछे जाने से नफरत थी, इसलिए वे बहुत कम लोगों से ही मिलती थीं। उन्होंने कविताएं, निबंध और कथाएं लिखी हैं और उनके द्वारा संपादित पुस्तक ’उमर पांचाली’ इसी साल सितंबर में प्रकाशित की गई। उमर पांचाली के कवर में युवा उमा की तीन तस्वीरें हैं जिन्हें रे ने खुद क्लिक किया