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बेहद खास विकी-कैटरीना की शादी, इसलिए चुना गया राजस्थान के होटल सिक्स सेन्सेंस फोर्ट को

Vicky Kaushal Katrina Kaif Wedding: एक्टर विकी कौशल और एक्ट्रेस कैटरीना कैफ के वेडिंग वेन्यू (Vicky Kaushal Katrina Kaif Wedding) का नाम फाइनल होने के साथ ही होटल सिक्स सेन्सेंस फोर्ट सुर्खियों में आ गया है।

Priya Singh
Report Priya SinghPublished By Shweta
Published on: 12 Nov 2021 10:41 PM IST
Vicky Kaushal and Katrina Kaif
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विकी कौशल और कैटरीना कैफ (फोटो सोशल मीडिया)

Vicky Kaushal Katrina Kaif Wedding: बॉलीवुड के बहुचर्चित जोड़ो में शुमार एक्टर विकी कौशल और एक्ट्रेस कैटरीना कैफ के वेडिंग वेन्यू (Vicky Kaushal Katrina Kaif Wedding) का नाम फाइनल होने के साथ ही होटल सिक्स सेन्सेंस फोर्ट (Vicky Kaushal Katrina Kaif Wedding Hotel Six Senses Fort) सुर्खियों में आ गया है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि आखिरकार विकी कौशल इसी होटल में क्यों शादी करना चाहते हैं। तो आइए जानते हैं इसके पीछे की खास वजह के बारे में।

राजस्थान के सवाई माधौपुर (Rajasthan Sawai Madhopur) में स्थित यह होटल असल में 700 साल पुराना बरवाड़ा किला है। यह किला प्रसिद्ध चौथ माता या चौथ भैरवी मंदिर से संबंधित किंवदंतियों के साथ एक बहुत रोचक इतिहास प्रस्तुत करता (six Senses Fort Hotel in Rajasthan Sawai Madhopur district) है। इस किले का विवाह से बेहद खास संबंध है। प्राचीन काल से ही इस किले का विवाह के आयोजन से नैसर्गिक जुड़ाव है। बनास नदी के करीब स्थित, इस किले का निर्माण 14वीं शताब्दी में राजपूत जाति के चौहान वंशों द्वारा किया गया था। यह किला शुरुआती दौर रणथंभौर में साम्राज्य और बाद में बूंदी साम्राज्य का हिस्सा था। 1734 में इसपर हाडा से आए राजावत राजवंश ने विजय प्राप्त कर ली थी। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान , जयपुर राज्य सशस्त्र बलों के साथ बरवाड़ा के कुलीन परिवार के राजा मानसिंह ने अंग्रेजों के साथ लड़ाई लड़ी थी। उसकी सेवाओं की सराहना में, उन्हें अंग्रेजों द्वारा राव बहादुर की उपाधी से सम्मानित किया गया था।

प्रसिद्ध चौथ भवानी मंदिर के लिए एक सुरक्षात्मक बिंदु के रुप में इसे इस्तेमाल किया गया

उनके पोते पृथ्वीराज सिंह अब बरवाड़ा के कुलीन परिवार के मुखिया (Hotel Six Senses Fort ki khasiyat) हैं और उन्होंने किले के एक हिस्से को एक स्पा के साथ हेरिटेज रिसॉर्ट में बदल दिया है। इस स्थल में निर्मित प्रथम किला संरचना (hotel six senses fort ka itihas kya hai) 1332 ईसवी का है और 1394 ई. बरवाड़ा किले का मुख्य भवन अस्तित्व में आया। किले ने न केवल चौहानों और हाडाओं के लिए एक चौकी के रुप में काम किया, बल्कि प्रसिद्ध चौथ भवानी मंदिर के लिए एक सुरक्षात्मक बिंदु के रुप में भी इस्तेमाल किया गया। चौथ का बरवाड़ा नामक गांव का नाम चौथ माता के नाम पर पड़ा है। यह स्थान प्राचीन काल में पूरी तरह से एक जंगल से आच्छादित होते हुआ करता था,जिसे चौरु वन कहा जाता है।

रानी रत्नाबली ने अपने पति के प्राण की रक्षा के लिए उपवास रखा था

यहीं पर देवी चौथ भवानी ने दारुद भैरो राक्षस का वध किया था। पुरानी मूर्ति को चौर माता कहा जाता था, जो कुछ समय बाद चौरु माता के रुप में जानीजाने लगी और अंतत: चौथ माता के रुप में जानी जाने लगी। 15 वीं शताब्दी की शुरुआत में, जैसा कि किंवदंती है, देवी की मूर्ती गायब हो गई और बार - बार भीम सिंह के सपनों में आने लगी। एक दिन जब वह शिकार करने के लिए निकलने वाले थें, उनकी पत्नी रानी रत्नबली ने उन्हें रोक दिया, क्योंकि उनकी भविष्यवाणी ने उन्हें बताया कि कुछ बुरा हाने वाला है। राजा ने अपनी पत्नी की बात नहीं मानी क्योंकि उन दिनों नियम था कि यदि कोई शिकार करने जाने का फैसला लेते हुए घोड़े पर चढ़ जाता है, तो वह बिना शिकार के वापस नहीं आ सकता। रानी ने तपस्या की और राजा के आने तक कुछ भी खाने से इनकार कर दिया। राजा और उनके सैनिक जंगल में एक हिरण का पीछा करते रहे और रात होते - होते, सभी सैनिक अलग - अलग दिशाओं में चले गए थे और राजा जंगल में अकेले रह गए।

इस स्थान पर शादी करने वाले जोड़ों पर देवी चौथ की असीम कृपा रहती है

अत्यधिक थकावट और प्यास के कारण, राजा ने अपने होश खो दिए और चौरु माता के उसी मूर्ती के सपने देखकर बेहोश हो गए। अचानक हुई बारिश ने राजा को होश में ला दिया और उसकी प्यास भी बुझा दी। उसी समय राजा ने पास में एक लड़की को खेलते हुए देखा, उसके चारों ओर एक चमकती हुई आभा थी। राजा को पता चल गया कि वह छोटी लड़की कोई और नहीं बल्कि स्वंय देवी चौथ भैरवी हैं। जब राजा लड़की के पास पहुंचे, तो वह देवी की मूर्ती को छोड़कर गायब हो गई, जिसे राजा भीम सिंह ने बाद में एक मंदिर में स्थापित किया और उसे तीर्थ स्थल घोषित किया। ऐसा कहते हैं कि रानी रत्नाबली की तपस्या से ही यह चमत्कार हुआ था कि राजा बच गए थें। साथ ही कहा जाता है कि इस स्थान पर शादी करने वाले जोड़ों पर देवी चौथ की असीम कृपा रहती है।



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Shweta

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