विशाल भारद्वाज: यूपी का लड़का बॉलीवुड में कर गया कमाल

उत्तर प्रदेश का एक लड़का विशाल भारद्वाज (Vishal Bhardwaj) आज भारतीय भारतीय सिनेमा का सफल निर्देशक, लेखक, संगीतकार, गायक और निर्माता है।

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Ashiki
Published on: 3 Aug 2021 2:30 PM GMT
विशाल भारद्वाज: यूपी का लड़का बॉलीवुड में कर गया कमाल
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश का एक लड़का विशाल भारद्वाज (Vishal Bhardwaj) आज भारतीय भारतीय सिनेमा का सफल निर्देशक, लेखक, संगीतकार, गायक और निर्माता है। विशाल ने दस फीचर फिल्मों का निर्देशन किया है, पांच का निर्माण किया है और चालीस से अधिक फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया है।

उनके निर्देशन में बनी, द ब्लू अम्ब्रेला, कमीने, 7 खून माफ, मटरू की बिजली का मंडोला, रंगून, पटाखा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित शेक्सपियर त्रयी - मकबूल, ओमकारा और हैदर (क्रमशः मैकबेथ, ओथेलो और हैमलेट से अनुकूलित) शामिल हैं। उनके द्वारा लिखित और निर्मित प्रमुख फिल्में इश्किया, डेढ़ इश्किया और तलवार (नोएडा दोहरे हत्याकांड पर आधारित) है। ये सभी चर्चित फिल्में रही हैं। लेकिन इसके बावजूद विशाल भारद्वाज का कहना है कि मेरी कोई भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं चली हैं। उन्होंने कभी पैसा नहीं कमाया... मेरी किसी भी फिल्म ने नहीं। 'हैदर' ने पैसे वसूल किए। मुझे 'ओंकारा' ने भी लाभ कमा कर नहीं दिया। लेकिन यह सब मुझे परेशान नहीं करता।


यूपी के बिजनौर में हुआ जन्म

विशाल भारद्वाज उतर प्रदेश के बिजनौर जिले के हैं। यहां शिकारपुर गांव में 4 अगस्त 1965 को उनका जन्म हुआ। बचपन मेरठ में गुजरा। इनके पिता राम भारद्वाज शुगरकेन इंसपेक्टर थे और शौकिया तौर पर हिन्दी फिल्मो के लिये गाने लिखा करते थे। पिता की इच्छा पर विशाल ने संगीत सीखा। दिल्ली आने पर एक दोस्त की वजह से उनकी संगीत में दिलचस्पी हुई।

शायद आपको जानकारी न हो विशाल भारद्वाज बहुत अच्छे क्रिकेटर भी हैं। उन्होंने राज्य स्तरीय क्रिकेट मैच भी खेले हैं। अपने करियर के शुरुआती दौर मे उन्होने पेन म्यूजिक रिकॉर्डिंग कंपनी मे नौकरी भी की। तभी दिल्ली में उनकी मुलाकात गुलजार साहब से हुई। गुलजार के साथ उन्होने 'चड्डी पहन के फूल खिला है' गीत की रिकॉर्डिंग की। उसके बाद उन्हे फिल्म माचिस के लिए संगीत बनाने का मौका मिला।


तीन अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला

विशाल यूपी के हैं यहां के लोगों के लिए लड़के की तरह हैं लेकिन उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता है। विशाल को तीन अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। 2002 में उनकी फिल्म मकड़ी को शिकागो अंतर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला था। इसके बाद 2006 में ओमकारा ने काहिरा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ कलात्मक योगदान का पुरस्कार जीता और 2014 में फिल्म हैदर ने रोम फिल्म फेस्टिवल में पीपल्स च्वाइस अवार्ड जीता। भारद्वाज को सात राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले हैं: गॉडमदर के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन (1999), द ब्लू अम्ब्रेला के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म (2005), ओमकारा के लिए विशेष जूरी पुरस्कार (2006), इश्किया के लिए सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन (2010), सर्वश्रेष्ठ संवाद और सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन के लिए हैदर (2014) और तलवार (2015) के लिए सर्वश्रेष्ठ पटकथा का पुरस्कार मिल चुका है।

इनकी शादी 1991 में रेखा भारद्वाज से हुई। इनके बेटे का नाम आसमान भारद्वाज है। विशाल भारद्वाज की पत्नी इनसे एक साल बड़ी हैं। दोनों की पहली मुलाकात हिन्दू कालेज दिल्ली के एनुअल फंक्शन के दौरान 1985 में हुई थी। रेखा भारद्वाज भी जानी मानी गायिका हैं। रेखा भारद्वाज का पहला एल्बम 'इश्का इश्क' नाम से 2002 में रिलीज़ किया गया था। इसकी सफलता ने उन्हें पहचान दिलाई और 2006 की फिल्म ओमकारा का "नमक इश्क का" गीत ने इन्हें आगे बढ़ने में मदद की। इसके बाद "ससुराल गेंदा फूल" (एआर रहमान द्वारा निर्मित एक छत्तीसगढ़ी लोक गीत) 2009 हिट रहा।

विशाल भारद्वाज के बेटे आसमान भारद्वाज का जन्म 13 दिसंबर 1995 को मुंबई में हुआ था। वह एक निर्देशक और लेखक हैं। जिन्हें द थीफ (2017), द आइडेंटिटीज़ (2012) और मर्डर ऑन द डेक्कन एक्सप्रेस (2017) जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है।

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