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YRKKH: अभिमन्यु और अक्षरा होने वाले हैं अलग, क्या सुहासनी दादी ला पाएंगी दोनों को साथ?
Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: अक्षरा और अभिमन्यु होने वाले हैं अलग लेकिन सुहासिनी दादी ले आएँगी दोनों को एक साथ। आइये जानते हैं क्या होगा अब।
Yeh Rishta Kya Kehlata Hai: अभिमन्यु और अक्षरा के रिश्ते में आई दरार को माँ भाप जाती है और कहती है मेरे रिश्ते का असर मेरे बच्चों पर नहीं पड़ना चाहिए। वो कहती है नहीं कान्हा जी ऐसा नहीं होना चाहिए। अभिमन्यु हॉस्पिटल में हैं और अपने और अक्षरा के बीच चल रहे उतार चढ़ाव को याद कर के परेशान है। तभी अक्षरा दौड़ती हुई आती है। मिमी की तबियत और ख़राब हो गयी है सब उन्हें ले कर हॉस्पिटल लेकर आते हैं। अभी अक्षरा को दिलासा देता है कि सब ठीक होगा। वो सुहासनी दादी का चेकअप करता है।
चेकअप करने के बाद अभी आ के बताता है सब ठीक है। बड़े पापा सुहासनी दादी को देखने के लिए कहते हैं अभिमन्यु कहता है वो अभी वो आराम कर रही हैं आप थोड़ी देर बाद मिल लीजियेगा। अक्षरा हॉस्पिटल में रुकने के लिए कहती है वो बोलती है कि वो मिमी के पास ही रहेगी कहीं नहीं जाएगी। अभिमन्यु अक्षरा से पूछता है अक्षु घर पर कुछ हुआ है क्या सुहासनी दादी किसी चीज़ का स्ट्रेस ले रही हैं क्या। फिर वो पूछता है कि इन्हे हमारे बारे में कुछ पता तो नहीं चल गया है न। अक्षरा चौंक जाती है। वो आगे पूछता है कि कहीं इन्हे पता तो नहीं चल गया है कि इनके दिए हुए मोती भी हमारे रिश्ते हो सुलझा नहीं पा रहे।
अभिमन्यु कहता है देखो अक्षरा इसपर अक्षरा कहती है बोलो अभिमन्यु फिर उसे अपनी गलती का एहसास होता है और वो कहता है अक्षु इसपर अक्षरा भी उसे अभी बुलाती है। इसके बाद वो कहता है देखो जो मेरे मन में होता है वही मेरी जुबां पर भी होता है। हमेशा से ऐसा ही रहा हूँ मुझसे प्रिटेंड नहीं होता। जो है वो है जो नहीं है वो बिलकुल नहीं है। तुमने मुझसे कहा में अपने बाप जैसा बिहेव कर रहा हूँ इस बात को में अपने दिमाग से निकल ही नहीं पा रहा हूँ। और सावन मिलनी में सब इतने खुश थे हमे भी प्रिटेंड करना पड़ रहा था कि हम खुश हैं सबको कोई आईडिया ही नहीं है कि हमारे बीच में। ..... प्रिटेंड करना मेरे लिए टॉर्चर है। इसीलिए कह रहा था बता देते हैं सबको हम क्या कर रहे हैं अक्षु क्यों प्रिटेंड कर रहे हैं। लेटस बे रियल। देखो दो कश्ती में पेअर रखकर आदमी फिर भी मैनेज कर सकता है लेकिन दो अपोजिट इमोशंस संभाले नहीं सँभालते।
उधर माँ अभिमन्यु की बात याद कर के परेशान है वो अक्षरा की बातें और अभी की बातें याद कर रही होती है। वो तकिया ले कर कमरे से निकल जाती है। उधर सुहासनी दादी हो होश आ जाती है। वो हलके नशे में बोलती है अक्षु तुम और अभी खुश। अक्षु हमारी अक्षु और अभिमन्यु को खुश रखना भगवन जी दोनों साथ में अच्छे लगते हैं। अक्षरा कहती है मैं कॉफ़ी लेकर आती हूँ और वहां से चली जाती है।