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Womens Day 2023: इंटरनेशनल वुमेन डे पर जरूर देखें बॉलीवुड की ये 5 फिल्में, इनकी कहानी करेगी आपको इंस्पायर
Womens Day 2023: आज हम आपको यहां इंटरनेशनल वुमेन डे पर बॉलीवुड की 5 ऐसी फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी कहानी आपको वाकई इंस्पायर करेगी। आइए बताते हैं।
Womens Day 2023: बॉलीवुड में ऐसी कई फिल्में हैं, जिनमें परेशानियों से जूझती महिलाओं की कहानी को बयां किया गया है। इन फिल्मों की कहानी वाकई हैरान कर देने वाली है। तो चलिए देखते हैं इस लिस्ट में कौन-कौन सी मूवीज शामिल हैं।
मदर इंडिया - Mother India
साल 1957 में आई इस फिल्म में नरगिस ने एक ऐसी महिला का किरदार निभाया था, जो गरीबी से जूझते हुए अपने बच्चों का पालन-पोषण करती है। इस फिल्म में गरीबी के साथ-साथ यह भी दिखाया गया था कि कैसे एक अकेली महिला को लोगों द्वारा परेशान किया जाता है। यह फिल्म काफी हिट रही थी।
लज्जा - Lajja
इस फिल्म में समाज के एक ऐसे हिस्से को दिखाया गया था, जो एक तरफ तो नारी को देवी की तरह पूजते हैं और दूसरी तरफ उसे गर्भ में ही मार देते हैं। एक तरफ जहां महिलाओं को पढ़ाने-बढ़ाने की बातें करते हैं, तो दूसरी तरफ उनका रेप और उन्हें घर में दबाकर रखते हैं। लेकिन जब यही महिलाएं दुर्गा का रूप धारण कर लेती हैं, तो अपने ऊपर होने वाले जुल्म का सर्वनाश कर देती है। इस फिल्म में मनीषा कोईराला, माधुरी दीक्षित और रेखा ने अहम रोल प्ले किया था।
पिंक - Pink
साल 2016 में आई इस फिल्म से समाज को यह मैसेज दिया गया था कि अगर लड़की 'ना' कहती है, तो उसका मतलब ना ही समझे। इस फिल्म में दिखाया गया था कि भले समाज खुद को कितना भी मॉर्डन क्यों ना मान ले, लेकिन लड़कियों को लेकर उनकी सोच हमेशा से जैसी थी वैसी ही है। फिल्म में तापसी ने अहम रोल प्ले किया था।
इंग्लिश-विंग्लिश - English Vinglish
गौरी शिंदे द्वारा डायरेक्ट की गई इस फिल्म में दिवंगत एक्ट्रेस श्रीदेवी ने अहम रोल प्ले किया था। इस फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे एक महिला के अंग्रेजी ना आने पर अपने ही घर में उसे हीन भावना का शिकार होना पड़ा था। कैसे उसका मजाक बनाया जाता था। हालांकि, फिल्म में यह भी दिखाया गया था कि एक महिला अगर चाहे तो कुछ भी कर सकती है। जैसे फिल्म में श्रीदेवी इंग्लिश सीखती हैं और अपने परिवार को अपनी वैल्यू समझाती है।
छपाक - Chhapaak
इस फिल्म में दीपिका पादुकोण ने अहम रोल प्ले किया था। यह कहानी रियल लाइफ एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवार की स्टोरी पर बेस्ड है। यह फिल्म उन सभी महिलाओं के लिए एक पाठ थी, जो अपने साथ हुए अपराध के बाद समाज के डर से चुप हो जाती हैं और उन लड़कियों के लिए एक इंस्पीरेशन थी, जिन्होंने एसिड अटैक जैसे दर्द को सहन करने के बाद भी अपनी लड़ाई लड़ी।
हमारे समाज के कुछ हिस्सों में आज भी ऐसे लोग हैं, जो महिलाओं को दबाकर रखते हैं। उनको हीन भावना से देखते हैं, उनका मजाक बनाते हैं, उनकी वैल्यू नहीं करते हैं। लेकिन ऐसे लोग ये भूल जाते हैं कि अगर महिलाएं अपने लिए खड़ी हो जाए, तो समाज के करोड़ों लोग भी उनके सामने छोटे पड़ जाते हैं। खैर, हम भी देश की सभी महिलाओं को इंटरनेशनल वुमेन डे विश करते हैं : )